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विदेशियों से बसी है ये न्यूक्लियर सिटी, इसलिए कहते हैं 'मिनी INDIA'


.इजरायल के कई शहरों से भारत का गहरा नाता रहा है। इन्हीं में से एक है डिमोना सिटी। प्रवासियों से बसे इस शहर में एक तिहाई लोग तो भारतीय यहूदी कम्युनिटी के ही रह रहे हैं। इसी के चलते शहर को मिनी इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। यहां मौजूद नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर के चलते इसे न्यूक्लियर सिटी भी कहा जाता है। यहां रह रहे 7500 यहूदी भारतीय

- डिमोना इजरायल का तीसरा बड़ा शहर है, जहां की आबादी 33,000 से ज्यादा है। इनमें करीब 7500 तो भारतीय यहूदी कम्युनिटी के हैं।
- ये शहर 1950 में इजरायल के पहले पीएम डेविड बेन गुरियन के दौर में बसना शुरू हुआ था।
- शुरुआती दौर में ये शहर नॉर्दर्न अफ्रीका से आए प्रवासियों (ब्लैक हिब्रू) का ठिकाना बनाया, जिन्होंने यहां मकान बनाए।
- अब यहां बड़ी में संख्या में रशियन इमिग्रेंट्स और इंडियन यहूदी कम्युनिटी के लोग भी रह रहे हैं।
- बता दें, इजरायल में 70 से 80 हजार लोग भारतीय मूल के रह रहे हैं। इनमें से ज्यादातर देश के दक्षिणी हिस्से में रह रहे हैं।
- 1940 में करीब 30 हजार भारतीय यहूदी माइग्रेंट्स धार्मिक वजहों और बेहतर जिंदगी की तलाश में इजरायल पहुंचे थे।

सीक्रेट न्यूक्लियर वेपन्स का ठिकाना
- दुनियाभर में रेगिस्तान वाला ये शहर इजरायल के सीक्रेट न्यूक्लियर वेपन्स के ठिकाने के तौर पर मशहूर है।
- इस शहर के दक्षिणपूर्व में 13 किमी दूर नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेन्टर मौजूद है। इजरायल के दावों के मुताबिक, ये सेंटर एटॉमिक साइंस में रिसर्च के लिए बनाया गया है।
- इस रिएक्टर का मकसद न्यूक्लियर मटेरियल का प्रोडक्शन है, जिसका इस्तेमाल न्यूक्लियर वेपन्स में होता होगा। हालांकि, इस सेन्टर के बारे में जानकारी बहुत सीक्रेट है।