महिला ने ब्रेस्ट काटकर अधिकारी को दिया था टैक्स, ये हैं दुनिया के अजीबो-गरीब टैक्स
एक फरवरी को देश का बजट पेश होने वाला है। बजट कैसा हो और कैसे आम आदमी की जेब पर कम बोझ पड़े जैसे मुद्दों पर हर तरफ चर्चा हो रही है। लेकिन एक वक्त था जब दुनिया में ऐसे अजीबो गरीब टैक्स लगाए जाते थे जो आज लगा दिए जाए तो हंगामा हो जाए। हालांकि कुछ ऐसे टैक्स आज भी लगते हैं जो चौंकाते हैं। आज ऐसे ही कुछ अजीबो-गरीब टैक्स के बारे में बताते हैं।
सेक्स टैक्स: कभी सेक्स टैक्स के बारे में सुना है। नहीं तो फिर जान लीजिए कि जर्मनी में सैक्स टैक्स जैसे कानून बनाए गए हैं। यहां प्रॉस्टिट्यूशन लीगल है। २००४, में इस कानून को बनाया गया। जिसके तहत हर प्रॉस्टिट्यूट को हर महीने १५०, यूरो देने पड़ते हैं। इस सेक्स टैक्स के चलते यहां एक साल में १, मिलियन यूरो की आमदनी होती है।
गाय पर टैक्स, ये किसी भी भारतीय के लिए थोड़ा अजीब लग सकता है। लेकिन यूरोपीय यूनियन का मानना है कि गाय की गैस की वजह से ग्लोबल वार्मिंग हो रही है। एक स्टडी के मुताबिक गाय हरे चारे को हजम करने के लिए जुगाली करती है और इस वक्त वह मिथेन गैस छोड़ती है। यूरोप की ग्रीनहाउस गैस में इसका हिस्सा तकरीबन १८, फीसदी है। लोग गायों को पालने में हिचकें इसके लिए कई यूरोपीय मुल्कों ने गाय पालने पर टैक्स लगा दिया है। डेनमार्क में एक गाय पर तकरीबन ७४००, रुपए का टैक्स लगता है।
ब्रेस्ट टैक्स, ये सुनने में थोड़ा अजीब है लेकिन इतिहास के पन्ने पलटने पर पता चलता है दक्षिण भारत के स्टेट ऑफ त्रावनकोर में महिलाओं पर ब्रेस्ट टैक्स लगाया जाता था। इसमें ब्रेस्ट माप कर उसी के अनुसार टैक्स कलेक्टर्स टैक्स वसूलते थे। १९,वीं सदी के शासकों ने वहां यह नियम बनाया था कि छोटी जाति की महिलाएं अपने तन को ऊपर से ढक नहीं सकतीं। उन्हें उसे खुला रखना होगा। अगर कोई महिला अपना ऊपरी शरीर ढकती है तो उसे टैक्स देना होगा। यहां की एक बहादुर महिला नांगेली के बलिदान की बदौलत यह प्रथा खत्म हुई। इस महिला ने अपने तन को ढका और टैक्स लेने वाले अधिकारी को अपनी ब्रेस्ट काटकर ही टैक्स के रूप में दे दी। नांगेली की मौत हो गई, मगर उस घटना के अगले ही दिन त्रावनकोर के महाराजा ने यह टैक्स हटा दिया।
अमेरिका के अरकानसास में टैटू करवाने पर भी टैक्स लगाया जाता है। साल २००५, में सरकार ने टैटू करवाने और बॉडी पियरसिंग सर्विस पर ६, फीसदी का टैक्स लगाया है।
यूरिनल टैक्स रेवेन्यू कलेक्ट करने का एक जरिया था। रोम के राजा वेस्पेशन ने यह टैक्स लगाया था। लेकिन उसके बेटे टाइटस ने इसका विरोध किया। उसका कहना था कि यूरिनल पर टैक्स लगाना गलत है। उसने अपने पिता से कहा कि यूरिनल पर टैक्स के पैसों से बदबू आती है।
१७०५, में रूसी रूलर पीटर द ग्रेट ने दाढ़ी टैक्स लागू किया। वो यूरोप के क्लीन शेव वाले कल्चर की नकल करना चाहता था। ऐसे में जो लोग दाढ़ी रखते थे उन पर टैक्स लगाया जाता था। दाढ़ी रखने वाले लोगों को अपने पास एक टोकन रखना होता था, जो इस बात का सबूत होता था कि उन्होंने टैक्स भर दिया है। लोग दाढ़ी रखने से परहेज करें इसके लिए टोकन पर यह भी लिखा होता था कि दाढ़ी महज एक बोझ है।
अमेरिका के अलाबामा में ताश के पत्ते खरीदने और बेचने पर टैक्स लगता है। खरीदने वाले को हर डेक पर १०, सेंट खर्च करने होते हैं वहीं बेचने वाले को १, डॉलर का टैक्स देना होता है। इसके अलावा बेचने वाले को ३, डॉलर की लाइसेंस फीस भी देनी होती है।

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