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10 रुपये का सिक्का फिर बना मुसीबत, संभल जाएं आपको जेल करवा सकता है


10 रुपये का सिक्का लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। आप भी संभल जाएं, इसके कारण आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है

दिल्ली में अक्तूबर 2016 और जुलाई 2017 में पांच और 10 रुपये के नकली सिक्के बनाने वाली फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद से हरियाणा में 10 रुपये के सिक्के तकरीबन चलन से बाहर हो गए हैं। करीब डेढ़ साल से दस रुपये के सिक्के को खोटा मानकर ऑटो चालक हो या रेहड़ी वाला अथवा कारोबारी इसे लेने को तैयार नहीं होता है। जबकि देश भर में यह सिक्का चल रहा है। हालांकि, कानूनी तौर पर कोई दस रुपये का सिक्का लेने से मना नहीं कर सकता है।


अमर उजाला के 14 संवाददाताओं ने मंगलवार को प्रदेश के 13 जिलों में करीब 70 जगहों पर मामले की पड़ताल की तो यह तथ्य सामने आया कि बैंक ही 10 रुपये के सिक्के लेने से मना कर देते हैं। इसी कारण कारोबारी भी इनकार कर देते हैं। हालांकि, कई बैंकों के अधिकारियों ने कहा कि कोई भी बैंक 10 रुपये का सिक्का लेने से मना नहीं कर सकता है। कई जिलों के डीसी और एसपी तो यह भी कहते हैं कि सिक्का लेने से मना करना जुर्म है।


आरबीआई के निर्देशानुसार, 10 रुपये का सिक्का भारतीय मुद्रा है। इसको लेने से इनकार करने पर राजद्रोह का मामला बनता है और जो ऐसा करता है उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (1) के तहत मामला दर्ज हो सकता है क्योंकि मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है। इसको लेने से इनकार करना राजद्रोह है। शिकायत मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। सिक्का लेने से इंकार करने वाले लोगों को जेल तक हो सकती है।



क्योंकि रिजर्व बैंक ने दस रुपये का सिक्का चलन से बाहर नहीं किया है। ऐसे में असली सिक्का लेने से मना करना कानूनन गलत है और भारतीय मुद्रा का अपमान है। सिक्कों को लेने से मना करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 489 ए से 489 इ के तहत अपराध है। इन धाराओं के तहत किसी विधिक न्यायालय द्वारा आर्थिक दंड, कारावास अथवा दोनों की सजा दी जा सकती है। 17 साल की सजा या 20000 रुपये का जुर्माना या फिर दोनों सजा दी जा सकती है।


बता दें कि आरबीआई ने 10 का नया सिक्का 26 मार्च 2009 को जारी किया गया था, जो कि मान्य है। इसके अलावा शेरावाली की फोटो वाला सिक्का, संसद की तस्वीर वाला सिक्का, बीच में संख्या में ‘10’ लिखा हुआ सिक्का, होमी भाभा की तस्वीर वाला सिक्का, महात्मा गांधी की तस्वीर वाला सिक्का सहित अन्य सभी सिक्के भी मान्य हैं। इन सिक्कों को विभिन्न विशेष मौकों पर जारी किया गया है।


हरियाणा प्रदेश के 13 जिलों में अमर उजाला की पड़ताल में यह भी सामने आया कि भले ही आम आदमी 10 रुपये का सिक्का नहीं चलने से परेशान होता है, लेकिन वह शिकायत करने किसी के पास शायद ही जाता है। रोहतक में बैंकों के लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर मुकेश कुमार जैन साफ कहते हैं कि उनके पास 10 रुपये का सिक्का नहीं चलने की कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई होती है।




इसी तरह रोहतक के डीसी डा. यश गर्ग भी कहते हैं कि फिलहाल उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है। कोई भी राष्ट्रीय मुद्रा को लेने से इनकार नहीं कर सकता है, यह देशद्रोह है। दूसरी ओर, देखने में आया कि दस रुपये के सिक्के लेने में रोहतक के 90 फीसदी कारोबारी, दुकानदार और लोग लेने से इनकार कर देते हैं। लोगों को आशंका होती है कि सिक्का नकली हो सकता है। बैंकों में भी इसे लेने से मना कर देते हैं।



प्रदेश के अधिकतर जिलों में जहां दस रुपये के सिक्के नहीं चल रहे हैं वहीं, कुरुक्षेत्र, जींद और करनाल जैसे जिलों में दस रुपये के सिक्के चलते भी हैं और नहीं भी। थोड़ी बहुत न नुकूर के बाद कारोबारी से लेकर आम आदमी तक इसे स्वीकार कर लेते हैं। हालांकि, असमंजस की स्थिति यहां भी है। वहीं, फतेहाबाद और दिल्ली से लगते बहादुरगढ़ में सभी तरह के सिक्के चल रहे हैं। इन जगहों पर अमर उजाला संवाददाता ने 5,7 दुकानदारों के पास सिक्के लेकर गए। किसी ने भी सिक्के लेने से मना नहीं किया।


एक दिन में एक व्यक्ति करवा सकता है 100 सिक्के जमा
बैंक 10 रुपये के सिक्कों को स्वीकार करते हैं। एक व्यक्ति एक दिन में 100 सिक्के जमा करवा सकता है। हमारे बैंक में इन सिक्कों को जमा करवाया जा रहा है।