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हर कोई खौफ खाता है इस शख्स से, १५०, से ज्यादा मनचलों को खिला चुका है जेल की हवा

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महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सड़क पर चलते वक्त, लाइन में लगे हुए, सफर करते वक्त या बस और ट्रेन में चढ़ते वक्त उनके साथ जान बूझकर धक्का मुक्की करना भी आम बात है लेकिन क्या कभी ऐसा हुआ है कि आपमें से किसी ने उनके साथ छेड़खानी करने वाले को रोकने की कोशिश की हो।


आप में से कुछ लोगों ने शायद कभी-कभार ऐसा किया भी होगा लेकिन मुंबई के दीपेश टैंक महिलाओं के साथ ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रोज अपना समय देते हैं। दीपेश रोजाना दो ऐसे मनचलों को पुलिस के हत्ते चढ़ाते हैं, जो महिलाएं के साथ छेड़खानी करता दिखाई दे।



दीपेश बताते हैं कि मैं रोज मुंबई की तरह मुंबई लोकल में सफर करने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां मैंने देखा कि पुरुषों का एक समूह ट्रेन के डिब्बे में चढ़ती महिलाओं को परेशान कर रहा है। उस समय मेरे मन में गुस्सा था और घिन थी कि हम एक ऐसे समाज का हिस्सा हैं जहां हर दिन महिलाओं को इस तरह की समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। मैंने काफी समझाया तो एक अफसर मेरे साथ आया लेकिन तब तक वो पुरुष वहां से जा चुके थे।



वो बात वहीं खत्म हो गई लेकिन इस घटना का मेरे ऊपर बहुत असर हुआ। मैं सिर्फ सोच रहा था उस बुरे समाज के बारे में जिसमें महिलाएं रहती हैं। मैंने सोचा कि अक्सर देर रात घर लौटती मेरी मां को अगर कोई इस तरह परेशान करता तो क्या मैं उसे रोकनी की कोशिश नहीं करता? उसी समय सोचा मुझे कुछ करना चाहिए।

मैंने और मेरे एक दोस्त ने थोड़ी खोजबीन शुरू की और कई रेलवे स्टेशनों पर नजर रखी तो पाया कि ऐसे सैंकड़ों पुरुष हर जगह मौजूद थे और 85 फ़ीसदी से ज़्यादा सफ़र करने वाली औरतों को इस तरह की दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था।


जिसके बाद मैंने सबूत जुटाना शुरू कर दिया। इसके लिए मैंने एक जोड़ी सनग्लासेज ख़रीदे जिनमें अंदर एक एचडी कैमरा लगा था। इस कैमरे में रिकॉर्डिंग होती रहती थी। इसके बाद मैं रेलवे स्टेशन जाता और महिला डिब्बे की तरफ वाले एक कोने में खड़ा हो जाता।


इससे मेरी नज़रों के सामने से गुज़रने वाली हर गतिविधि कैमरे में रिकॉर्ड होती रहती। इसके बाद मैंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर 'वॉर अगेंस्ट रेलवे राउडीज' नाम से एक संस्था बनाई और रेलवे स्टेशन पर महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले लोगों को पकड़ना शुरू किया। हर रोज हम लोग दो स्टेशनों के बीच सफ़र करते।