6 दिन तक पति की लाश के पास रोती रही, फिर आंगन में ऐसे किया दफन
एक प्रेमी जोड़े को समाज ने लव मैरिज की ऐसी सजा दी कि पति की मौत के बाद भी पत्नी पर किसी को तरस नहीं आई। मजबूरी ऐसी कि पत्नी घर में ही पति की डेड बॉडी के साथ 6 दिनों तक रही और आंसू बहाती रही। जब डेड बॉडी से बदबू आने लगी और पड़ोसियों को परेशानी होने लगी तो उन्होंने पुलिस को सूचित भर कर दिया। बुधवार सुबह पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर डेड बॉडी पत्नी को सुपुर्द कर दिया।
- घटना मनेंद्रगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत परसगढ़ी का है। यहां के रहने वाले शिवनाथ और मानमति ने प्रेम विवाह किया था।
- इनकी कोई संतान नहीं है। मानमति परसगढ़ी की ही रहने वाली है। ऐसे में शादी के बाद शिवनाथ भी यहीं रहने लगा था।
- 26 अक्टूबर को शिवनाथ की मौत हो गई। चूंकि इस परिवार को समाज ने प्रेम विवाह के चलते बहिष्कृत कर रखा है। कोई न इन्हें सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल करता है और न ही कोई इनसे बातचीत करता है।
- ऐसे में शिवनाथ की मौत के बाद मानमति अकेले पति को दफन कर पाने में मजबूर थी। वो रोती रही और पति की डेड बॉडी के साथ 6 दिनों तक घर में ही रही।
- इधर डेड बॉडी की सड़न और बदबू से परेशान पड़ोसियों को पुलिस को इसकी जानकारी दी।
- पुलिस ने पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और मानमति को सौंप दिया। फिर मानमति ने घर की बाड़ी में गड्ढा खोदकर पति को दफना दिया।
- इधर मानमति ने पुलिस को बताया कि उसने पति की मौत की खबर पड़ोसियों और रिश्तेदारों को दी थी। तब उन्होंने अंतिम संस्कार में शामिल होने और मदद करने से मना कर दिया था।
- इसके बाद मजबूर मानमति पति की शव की रखवाली करती रही। जब शव में सड़ने होने लगी और कीड़े पड़ने लगे तब परेशान होकर मजबूरन पड़ोसियों ने पुलिस को खबर दी। इधर पड़ोसी इस बात से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें मौत की खबर 5 दिन बाद लगी।
- इधर बुधवार को हुए अंतिम संस्कार में भी कोई शामिल नहीं हुआ।
- सूत्रों के मुताबिक मानमति ने सरपंच को भी इस बात की जानकारी दी थी। सरपंच ने पंचायत बुलाई थी और वहां सर्वसम्मति से ये फैसला हुआ था कि मानमति की कोई मदद नहीं करेगा।
- इधर सरपंच अब इस बात से मुकर रहे हैं। उनका कहना है कि पंचायत बुलाई तो गई थी पर 26 को नहीं बल्कि 28 अक्टूबर को बुलाई गई थी।

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