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पति के बेटे संग भागी थी फेमस डकैत की Wife, 12 की उम्र में बनी थी दुल्हन


दस्यु सुंदरी और कुख्यात डकैत निर्भय सिंह गुज्जर की पत्नी नीलम गुप्ता ने जेल से छूटने के बाद निकाय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वो करीब 12 साल तक जेल में रहने के बाद 26 सितंबर 2016 को जेल से बाहर आई हैं। अब वो इटावा से निर्दलीय निकाय चुनाव लड़ने जा रही हैं। nexa news से नीलम गुप्ता ने बातचीत में निर्भय सिंह गुज्जर और अपने जीवन के उन 20 महीनों की अनसुनी कहानी बताई जो उन्होंने निर्भय गैंग के साथ जंगल में बिताई थी। जानें कौन हैं नीलम...

- नीलम गुप्ता को दस्यु सुंदरी के नाम से जाना जाता था। वो 90 के दशक में 100 से ज्यादा मर्डर और 200+ किडनैपिंग कर यूपी-एमपी में आतंक मचाने वाले डकैत निर्भय गुर्जर की पत्नी है। निर्भय ने नीलम गुप्ता से जबरन शादी की थी।
- नीलम कहती हैं- "मैं औरैया जिले के सरैयां गांव की रहने वाली हूं। मेरे पिता की औरैया के विधुना कस्बे में मिठाई की दुकान थी। मैं भी अपने माता-पिता और तीन बहन-दो भाइयों के साथ वहीं रहती थी।"
- "2001 में मैं क्लास 6 की स्टूडेंट थी और उस समय 13 साल की थी। एक दिन स्कूल जाते समय एक कार मेरे पास आकर रुकी और उसमें से एक आदमी ने मुझे पास बुलाया। मैं पास गई तो उसने मुझसे मंदिर का रास्ता पूछा। मैं जैसे ही रास्ता दिखाने के लिए दूसरी तरफ मुड़ी उसने मेरे मुंह को रुमाल से दबा दिया। इसके बाद मुझे कुछ याद नहीं।"
- ''जब मुझे होश आया तो मैं जंगल में थी। मेरे आसपास बंदूक लिए कई लोग खड़े थे और शराब पी रहे थे। मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो गया। थोड़ी देर बाद वहां निर्भय सिंह गुज्जर आया। मैं किसी को नहीं पहचान रही थी। बस मैं खूब जोर से रो रही थी। उसने आते ही मुझे डांटकर चुप होने के लिए कहा। मैं डर कर चुप हो गई। उसके बाद मुझे निर्भय के हवाले कर सभी चले गए।''
- ''उसने मेरे साथ बेहद क्रूरता वाला व्यवहार किया। कई बार जबरदस्ती की। मैंने भागने की भी कोशि‍श की, लेकिन उसके आदमी पूरे जंगल में फैले रहते थे। धीरे-धीरे तीन महीने बीत गए। इसके बाद निर्भय ने गैंग के कुछ लोगों के सामने मुझसे जबरन शादी की। उस दिन से गैंग में मेरा वजूद बड़ा हो गया था। मैं गैंग के सरगना की पत्नी बन चुकी थी।
- ''मैं ये सब नियति का फैसला मान चुकी थी। निर्भय के बारे में धीरे-धीरे गैंग के लोगों से कई बातें पता चल रही थीं। मैं बस एक बात की खोज में रहती थी कि जंगल से हाइवे तक कौन-सा रास्ता जाता है।''