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सैनेटरी नैपकिन लगाकर घूमता था ये शख्स, अब अक्षर निभा रहे इनका किरदार


अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म 'पेडमैन' के कारण 2.0 मूवी की रिलीज डेट चैंज हो गई है। बता दें कि पैडमैन मूवी एक अरुणाचलम मुरुगनाथम की रीयल लाइफ पर बेस्ड है। जिन्हें महिलाओं की पीरियड्स के दौरान सेनेटरी नैपकिन का खर्च ने उठा पाने की समस्या पर काम करने के कारण 'पेडमेन' के नाम से जाना जाता है। अपने बनाए हुए सेनेटरी नैपकिन को वो खुद पहनकर भी घूमते थे और चैक करते थे कि उसमें से बदबू तो नहीं रही है। उन्हें लगभग 2 साल में पता चला था कि पैड्स किस चीज से बनते हैं। कौन हैं अरुणाचलम

- तमिलनाडु के कोयंबटूर के रहने वाले अरुणाचलम एक गरीब परिवार से हैं और हालात के चलते उन्हें स्कूल छोड़कर पढ़ाई बंद करनी पड़ी थी।
- वे दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल हैं, जिसके लिए उन्हें 2016 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित भी किया।
- उनकी बातचीत जिसका टाइटल 'मैंने कैसे सेनेटरी नैपकीन आंदोलन की शुरुआत की' को मोस्ट इंस्पायरिंग और आई ओपनिंग टॉक में से माना गया है।


- फिल्म 'पेडमैन' सोशल एंटरप्रेन्योर अरुणाचलम की जिंदगी पर बेस्ड है। जिन्होंने कम कीमत की सेनेटरी पैड बनाने की मशीन को बनाया। साथ ही उन्होंने देश के ग्रामीण एरिया में रहने वाली महिलाओं में पीरियड्स के दौरान अपनाए जाने वाले पारंपरिक और अनहाइजीनिक तरीकों के प्रति अवेयर करने का काम भी किया।
- एक इंटरव्यू में अरुणाचलम ने बताया कि शादी के कुछ दिनों बाद की ही बात है। मैं अपनी वाइफ के लिए गिफ्ट्स लाया करता था।
- एक दिन मैंने देखा कि वह मुझसे कुछ छिपा रही है। मैंने जब उससे पूछा कि तुम मुझसे क्या छिपा रही हो तो उसने जवाब में मुझे धीरे से एक थप्पड़ जड़ दिया और कहा कि यह तुम्हारे काम की चीज नहीं है।
- मैं उसके पीछे गया और देखा कि वो मुझसे जो छिपा रही है वह एक बदबूदार और गंदा कपड़ा था, जिसमें खून के धब्बे थे।
- तब मैं ये समझ पाया कि वी पीरियड्स के दौरान अनहाईजेनिक तरीकों को अपना रही है और तभी मैंने ये फैसला किया कि मैं इस प्रॉब्लम से निकलने में उसकी मदद करूंगा।