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महिला खिलाड़ी की रेलवे ट्रैक पर मिली लाश, लापरवाही की हद तो तब हो गई जब पुलिस ने कहा


बिता समय ऐसा था जब भारत में महिलाओं को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था. लेकिन वक्त बदला और लोगो की सोच में भी परिवर्तन आया. लेकिन एक समय ऐसा आया जब देश की बेटियों ने घरों से बाहर कदम रख पूरी दुनिया में देश का गौरव बढ़ाया.

कुछ समय पहले ही में देश की महिला क्रिकेट खिलाड़ियों ने महिला विश्वकप में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया.

इसी तरह दूसरे खेलों में भी देश की बेटियों ने देश का गौरव बढ़ा रही हैं. भारतीय महिला हॉकी टीम की बात करे तो भारत की महिला हॉकी टीम ने भी बीते सालों में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया है.

 कुछ समय पहले ही एक महिला हॉकी खिलाड़ी के साथ हुए हादसे से पता चल जाता है कि महिलाओं की देश में क्या स्थिति है.

आज हम उस भारतीय महिला हॉकी टीम की प्लेयर की बात कर रहे हैं जिन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें उस महिला खिलाड़ी का नाम ज्योति गुप्ता है जिसकी लाश रेलवे ट्रैक पर मिली थी.

पुलिस इस केस की छानबीन किए बिना ही इसे आत्महत्या बता रही है.

इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर इस महिला प्लेयर की जगह हमारे देश का नेता, अभिनेता या क्रिकेटर होता तो अभी तक तो हड़कंप मच जाता.

इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर ज्योति गुप्ता की इस तरह मृत्यु पुलिस जिसे आत्महत्या बता रही है ये मामला कुछ समझ नहीं आ रहा है. ज्योति के परिवार वाले भी इस घटना को आत्महत्या नहीं मान रहे है.

क्या था पूरा मामला

ज्योति गुप्ता महज 21 वर्ष की थी इतनी कम उम्र में उन्होंने अपने घर वालों के साथ साथ हमारे देश का नाम रौशन करने के साथ हमारा गौरव भी बढ़ाया है.

 ज्योति की मा से पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनकी बेटी 2 अगस्त को रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय जानें के लिए गई थी

 क्योंकि ज्योति कि मार्कशीट में नाम गलत लिखा हुआ था जिसे सही कराने के लिए गई थी.

ज्योति गुप्ता सोनीपत की रहने वाली है.

 ज्योति की माँ ने बताया कि उन्होंने ज्योति को शाम करीब 7 बजे घर से फोन किया तो उसने बताया था कि बस खराब हो गई है 1 घंटे में घर पहुँच जाएगी.

लेकिन ज्योति 1 घंटे के बाद भी घर नहीं पहुंची तो तो घर वाले परेशान हो गए और इस बार जब माँ ने फ़ोन लगाया तो ज्योति का फ़ोन बंद था.

करीब 10:30 बजे जब फोन ऑन हुआ तो पुलिस की आवाज़ उन्हें सुनाई दी जिसमें उन्हें ये बताया गया कि ज्योति अब इस दुनिया में नहीं है.

पुलिस का क्या कहना है

पुलिस का कहना है चंडीगढ़-जयपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर ने सूचना दी थी कि रात करीब 8.30 बजे एक लड़की अचानक ट्रेन के सामने आ गई थी

इस घटना के बाद ड्राइवर ने इस मामले की जानकारी दी थी और जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. पुलिस को शव के पास से एक हैंड बैग, मोबाइल मिला.

कुछ सवाल जो आपको भी सोचने पर मजबूर कर देंगे

हर किसी के मन में एक ही सवाल है अगर ज्योति डिप्रेशन का शिकार थी आत्महत्या ही करने वाली थी तो वह सुबह प्रैक्टिस पर क्यों गई?

 यूनिवर्सिटी में उसे अपना नाम क्यों ठीक कराना था?

वह बंगलुरु जाने की तैयारी क्यों कर रही थी? और सबसे बड़ी बात रोहतक से सोनीपत जाने के रास्ते में वो रेवाड़ी किस तरह पहुंच गई?