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बच्चा चोरी के शक में भड़के रोहिंग्या मुस्लिम, आरोपी की पीट-पीटकर ली जान



 म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ लगातार बढ़ रही हिंसा के चलते इस समुदाय के हजारों लोग अवैध रूप से बांग्लादेश में रह रहे हैं। हाल ही में बांग्लादेश के बॉर्डर वाले इलाके में बने एक रिफ्यूजी कैंप से कई दिल दहलाने वाली फोटोज सामने आई हैं। इनमें रोहिंग्या मुस्लिमों की भीड़ बच्चा चोरी के आरोपी की बुरी तरह पीटते दिखाई दे रही है। इस रिफ्यूजी कैंप में रोहिंग्या मुस्लिमों का हाल जानने पहुंचे एक फोटोग्राफर ने ये फोटोज़ अपने कैमरे में कैद की हैं।


 इन तस्वीरों में दर्जनों रोहिंग्या रिफ्यूजी एक शख्स पर बच्चा चोरी का आरोप लगाकर उसे बुरी तरह पीटते नजर आ रहे हैं।


- इस दौरान भीड़ में शामिल कई बच्चे भी आरोपी शख्स को मारते दिखाई दे रहे हैं। वहीं, आरोपी को अपनी जान बचाने के लिए छटपटाते दिख रहा है।


- इतना ही नहीं, गुस्साई भीड़ ने आरोपी को पेड़ से बांध कर भी पीटा। आरोपी भीड़ से जान की भीख मांगता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।


- आखिरी फोटो में आरोपी की लाश जमीन पर पड़ी दिखाई दे रही है और लोगों की भीड़ उसे घेर कर खड़ी है।


- बता दें कि म्यांमार से जान बचाकर बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या रिफ्यूजियों के लिए सरकार ने बॉर्डर पर ही रिफ्यूजी कैंप बनाए हैं।


- हाल ही में इन रिफ्यूजी कैंप्स में रह रहे लोगों के बीच बच्चे चोरी होने की मामले तेज से बढ़ रहे हैं।


- लोगों में डर है कि कैंप से उनके बच्चों को किडनैप कर के बांग्लादेश के ह्यूमन ट्रैफिकिंग मार्केट में बेचा जा सकता है।


 रोहिंग्या मुस्लिम प्रमुख रूप से म्यांमार के अराकान प्रांत में बसने वाले अल्पसंख्यक हैं। इन्हें सदियों पहले अराकान के मुगल शासकों ने यहां बसाया था। साल 1785 में बर्मा के बौद्ध लोगों ने देश के दक्षिणी हिस्से अराकान पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने हजारों की संख्या में रोहिंग्या मुस्लिमों का कत्ल कर उन्हें इलाके से बाहर खदेड़ दिया। इसी के बाद से बौद्ध धर्म के लोगों और रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच से हिंसा और कत्लेआम का दौर शुरू हुआ, जो अब तक जारी है।