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आजादी के बाद देर रात गंगाजल से धोया गया था संसद भवन, ये थी वजह


आजादी के साथ भारत ने विभाजन की पीड़ा भी झेली थी। हमारी आजादी के एक दिन पहले यानी 14 अगस्त 1947 को भारत से अलग होकर पाकिस्तान बना था। तब से पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस हमसे एक दिन पहले मनाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत और पाकिस्तान दोनों की आजादी का मुहूर्त उज्जैन के विश्वविख्यात ज्योतिष सूर्यनारायण व्यास ने निकाला था। पंडित जी के कहने पर ही आजादी वाली रात को संसद भवन को गंगाजल से धोया गया था।


- 1947 में जब यह तय हो गया कि अंग्रेज भारत छोडऩे के लिए तैयार हैं, तब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गोस्वामी गणेशदत्त महाराज के माध्यम से उज्जैन के पंडित सूर्यनारायण व्यास को बुलावा भेजा।

- पंडित व्यास ने पंचांग देखकर बताया कि आजादी के लिए सिर्फ दो ही दिन शुभ हैं। 14 और 15 अगस्त। इसमें एक दिन पाकिस्तान को आजाद घोषित किया जा सकता है और एक दिन भारत को।

- उन्होंने डॉक्टर  प्रसाद को भारत की आजादी के लिए मध्यरात्रि 12 बजे यानी स्थिर लग्न नक्षत्र का समय सुझाया, ताकि देश में लोकतंत्र स्थिर रहे।

- पंडित व्यास के कहने पर आजादी के बाद देर रात संसद भवन को मंत्रोच्चार के बीच गंगाजल से धोया गया था। उनके बताए मुहूर्त आधार पर गोस्वामी गिरधारीलाल ने संसद की शुद्धि करवाई थी।

- पंडित जी का मानना था कि संसद भवन को अंग्रेजों के आभा मंडल से मुक्त करना जरूरी है, इसलिए उन्होंने संसद भवन को गंगाजल से धुलवाया था।

 - पंडित सूर्यनारायण व्यास के पुत्र राजशेखर ने उनके जीवन और उनकी भविष्यवाणियों पर एक किताब लिखी है। 'याद आते हैं, शीर्षक वाली इस किताब के 34 वें 'अध्याय ज्योतिष जगत के सूर्य (पृष्ठ क्रमांक 197 और 198) में आजादी के दिन के मुहूर्त का उल्लेख किया गया है। राजशेखर ने इस अध्याय में अपने पिता की अन्य भविष्यवाणियों का भी जिक्र किया है। सांदीपनी ऋषि के वंशज महान ज्योतिषाचार्य, लेखक, पत्रकार, पंडित सूर्यनारायण व्यास थे। उनका जन्म 2 मार्च 1902 को हुआ था।


 लालबहादुर शास्त्री के ताशकंद जाने से पहले सूर्यनारायण व्यास ने एक लेख में इस बात का उल्लेख कर दिया था कि वे जीवित नहीं लौटेंगे। उन तक यह खबर पहुंची भी, लेकिन उन्होंने इसे हंसकर टाल दिया। बाद में भविष्यवाणी सच साबित हुई।

- 7 दिसंबर 1950 को एक अखबार में उन्होंने लिखा कि उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्वास्थ्य अत्यंत चिंताजनक हो सकता है। 17 दिसंबर तक उनके लिए कठिन समय रहेगा। आखिर 16 दिसंबर की अर्ध रात्रि को सरदार पटेल दिवंगत हो गए।

- इससे पहले 1932 में उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में भूकंप पर एक लेख लिखा था। फिर एक पत्र लिखकर आने वाले 300 भूकंपों की सूची प्रकाशित करवा दी। समय के साथ-साथ ये भी सही साबित होती जा रही है। यह पत्र और अखबार सुरक्षित हैं।

- उन्होंने जवाहरलाल नेहरू, राजेन्द्र प्रसाद और महात्मा गांधी के बारे में भी कई सटीक भविष्यवाणियां काफी पहले ही कर दी थीं, जिसमें गांधी ही हत्या का भी जिक्र है।

- आजादी के समय उन्होंने संकेत दे दिए थे कि 1990 के बाद से देश की तरक्की होगी और 2020 तक भारत विश्व का सिरमौर बन जाएगा। 1990 में शुक्र की महादशा शुरू होने के बाद देश की तरक्की भी शुरू हो गई।