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भाई के दोस्त से हुआ प्यार, मां-बाप ने दामाद का किया था ऐसा हाल


अमित नायर ऑनर किलिंग मामला एक बार फिर चर्चा में है। अखिरकार इस घटना के शूटर को गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले कत्ल के आरोपी राम चौधरी और भगवती देवी की गिरफ्तारी हो चुकी है। बेटी लता की लव मैरिज से नाराज राम चौधरी और भगवती देवी ने इस घटना को अंजाम दिया था। जिसके बाद उन्होंने अपने बेटे को फोन कर रहा था की ''अमित का काम तमाम कर दिया है।'' जाति-बिरादरी में अपनी बेइज्जती मान रहा था परिवार...

- ममता ने बीएससी और लॉ किया है। उसका भाई मुकेश और अमित स्कूल के वक्त के दोस्त थे। इसी बीच दोनों में प्यार हो गया।

- 2012 में ममता और अमित ने दोस्तों की मदद से लव मैरिज की। जिसके बारे में चौधरी परिवार को 2015 के शुरुआत में पता चला। तभी से ममता के पिता जीवनराम को बेटी और दामाद अखरने लगे।

- सभी ने चौधरी परिवार को मनाने की बहुत कोशिश की, मगर बात बिरादरी पर बिगड़ गई।
- जीवनराम और भगवती ने अमित और ममता से मारपीट भी की थी। ममता पर अमित के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराने का दबाव भी बनाया था, लेकिन ममता ने अमित नायर का साथ दिया।

- इसके बाद चौधरी परिवार ने बेटी से हर तरह का रिश्ता खत्म कर लिया। अमित को मारने की धमकियां दीं, बेटी ममता से कह दिया कि वह चौधरी परिवार के लिए मर चुकी है।
मां के कहने पर कराया था अबॉर्शन


- शादी के बारे में पता चलने के बाद ममता ने पिता के कहने पर ढाई साल पहले पिता की प्रॉपर्टी से अपना हक छोड़ दिया। उसके बाद भी ममता अपनी मां के कॉन्टैक्ट में रही।

- डेढ़ साल पहले ममता प्रेग्नेंट थी। जब यह बात उसकी मां को पता लगी तो वह उससे मिलने उसके घर आई और ममता से कहा कि पूरा परिवार तुझे फिर से अपना लेगा, लेकिन तुझे अबॉर्शन कराना पड़ेगा।

- मां की बातों में आकर ममता ने अबॉर्शन करा लिया। उसने सोचा, इसके बाद सबकुछ सही हो जाएगा, लेकिन मां-बाप ने प्रॉपर्टी और पेट में पल रहे बच्चे को छीनने के बाद भी पति को भी मार डाला।

- अमित की हत्या के बाद से ही जीवनराम, भगवती और वह शख्स गायब हैं। जयपुर में उनके घर पर ताला लगा है। ममता के रेलवे में जूनियर इंजीनियर भाई मुकेश को पुलिस दोपहर में हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

- हत्या की साजिश में पुलिस मुकेश का अहम राेल मान रही है। हत्यारों की तलाश में हर मुमकिन ठिकाने पर दबिश दी जा रही है।
अमित के साले ने खोले कई राज

- इस मामल में पुलिस ने अमित के साले मुकेश को भी पूछताछ की थी। मुकेश ने बताया कि अमित की हत्या करने के बाद मां भगवती तथा पिता जीवनराम सीधे डीडवाना आए और करीब दस मिनट रुके। इस दौरान पिता ने यही बताया कि उन्होंने अमित का काम तमाम कर दिया है। कुछ देर रुकने के बाद वे चले गए। कहां गए, ये मुकेश भी नहीं जानता था। मुकेश रेलवे में जेईएन है और डीडवाना में किराए से रहता था।

- 17 मई को सुबह 7:30 बजे ममता के घर उसके माता-पिता एक युवक के साथ पहुंचे। ममता ने दरवाजा खोला। अंदर आकर तीनों सोफे पर बैठ गए। ममता के पिता ने दामाद अमित को जगाने के लिए कहा। इसके बाद वह आया और नमस्कार किया।
-ममता माता-पिता और अनजान शख्स के लिए पानी लाई। वे बातचीत करने लगे। परिजनों ने ममता को घर भेजने के लिए कहा। ममता के पिता पांच साल से अमित पर उसे मायके भेजने का दबाव बना रहे थे।

-अमित ने कहा कि ममता नहीं जाना चाहेगी तो नहीं भेजेंगे। इतना सुनते ही शख्स खड़ा हुआ और अमित पर चार फायर किए और तीनों भाग गए।

ममता के पिता जीवनराम आर्मी से रिटायर हैं। वे मूलतः सीकर स्थित लोसल के पास एक गांव का रहने वाले हैं। रिटायर होने के बाद नेशनल इंश्योरेंस कंपनी में ड्राइवर का काम करते हैं। जीवनराम का अपने भाइयों से भी झगड़ा होता रहता था।