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इस सिंगर के पास नहीं थे किराए के पैसे, नौशाद ने एक रुपए देकर की थी मदद


मोहम्मद रफी की आज 37वीं डेथ एनिवर्सरी (31 जुलाई) है। अपने जमाने के मशहूर गायक मो. रफी की जिदंगी में एक वक्त ऐसा भी रहा जब उनके पास बस तक का किराया देने के पैसे नहीं थे। तब उनकी मदद की थी संगीतकार नौशाद ने।

अपनी लाइफ में तकरीबन 26 हजार से ज्यादा गाना गाने वाले रफी कभी कोरस में गाया करते थे। उनकी सफलता का सफर काफी मुश्किल भरा रहा है। उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसा भी वक्त देखा है जब उनकी जेब एक रुपए भी नहीं हुआ करते थे। गायिकी उनका शौक था और वे नौशाद के फैन थे। उनकी इच्छा थी कि वे नौशाद के गाना आए और उन्हें ये मौका भी मिला।

अपने करियर के शुरुआती दौर में रफी की ख्वाहिश थी कि वे नौशाद के साथ गाए। एक दिन उन्हें ये मौका मिला। रफी इस मौके को गंवाना नहीं चाहते थे, इसलिए वो जैसे-तैसे गाने की रिकॉर्डिंग करने स्टूडियो पहुंचे। स्टूडियो पहुंचकर उन्हें पता चला कि रिकॉर्डिंग कैंसिल हो गई है। सभी लोग स्टूडियो से जा चुके थे। ये सुनकर वे दुखी हुए और वहीं खड़े रहे। नौशाद जब स्टूडियो से बाहर आए तो उन्होंने वहां खड़े रफी से पूछा कि वे यहां क्यों खड़े हैं? रफी ने उन्हें बताया कि उनके पास घर जाने के पैसे नहीं है।

रफी ने नौशाद को अपनी पूरी कहानी सुनाते हुए बताया कि वे यहां रिकॉर्डिंग के लिए आए थे और सोचा था कि कोरस में गाना गाने के बाद जो पैसे मिलेंगे उससे वे घर पहुंच जाएंगे। लेकिन रिकॉर्डिंग कैंसिल हो गई और अब उनके पास घर जाने के पैसे नहीं है। तब नौशाद ने उन्हें एक रुपए दिया था ताकि वे घर पहुंच सके।

धीरे-धीरे मोहम्मद रफी गायिकी की दुनिया में फेमस हो गए। उन्होंने दौलत और शोहरत दोनों खूब कमाई। तब एक दिन नौशाद, रफी के घर आए। उन्होंने देखा कि रफी ने एक रुपए का सिक्का फ्रेम कराकर दीवार पर लगा रखा है। उन्होंने इसका कारण जानना चाहा। तब रफी ने उन्हें बताया कि सालों पहले आपने जिस लड़के को घर जाने के लिए एक रुपए का सिक्का दिया था वो और कोई नहीं वे खुद हैं। रफी ने उन्हें बताया था, 'मैं उस दिन घर पैदल ही गया था'।