36 साल के धोनी का क्यों मुश्किल है 2019 वर्ल्ड कप में खेलना? 6 कारण
भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक एमएस धोनी आज 36 साल (7 जुलाई, 1981) के हो गए हैं। कप्तानी से हटने के बाद भी वो टीम के सबसे पॉपुलर क्रिकेटर हैं। धोनी ने जनवरी, 2017 में कप्तानी छोड़ी। कहा गया कि वो 2019 वर्ल्ड कप खेलना चाहते हैं। बैटिंग पर फोकस करने के लिए उन्होंने कप्तानी से हटने का फैसला लिया, लेकिन उनके फॉर्म पर अब और भी ज्यादा सवाल उठ रहे हैं। यहां तक कि आईपीएल-10 के दौरान धोनी को टीम से निकाले जाने की खबर भी वायरल हुई थी। स्ट्राइक रेट गिरा
- 2014 के बाद से धोनी के बैटिंग एवरेज और स्ट्राइक रेट में लगातार गिरावट आई है। न ही वो मैच फिनिश कर पा रहे हैं और न ही तेजी से रन बना पा रहे हैं।
- 2014-15 में उनका एवरेज 48.09 था, जो 2016-17 में घटकर 41.50 का हो गया है। धोनी का बैटिंग का ग्राफ लगातार गिर रहा है, तो उनपर सवाल भी उठ रहा है।
1.फिनिशर के रोल में लगातार फ्लॉप
- एमएस धोनी कभी क्रिकेट वर्ल्ड के बेस्ट फिनिशर कहे जाते थे। 2011 में सिक्स मारकर ही उन्होंने टीम इंडिया को वर्ल्ड कप चैम्पियन बनाया था। धोनी के नाम सबसे ज्यादा 9 बार सिक्स मारकर मैच जिताने का रिकॉर्ड है, लेकिन अब उनमें वो बात नहीं रही। धोनी पिछले एक साल में कई मौकों पर मैच फिनिश नहीं कर पाए।
- वेस्ट इंडीज के खिलाफ मौजूदा वनडे सीरीज के पिछले मैच में उन्होंने सबसे धीमी फिफ्टी (पिछले 16 में किसी भारतीय द्वारा) लगाई। 114 बॉल में 54 रन बनाए।
- इससे पहले 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत में हुई वनडे सीरीज में धोनी 50वें ओवर में 31 रन बनाकर आउट हो गए थे। तब टीम इंडिया को जीत के लिए सिर्फ 7 रन चाहिए थे। सीरीज का ये पहला मैच भारत 5 रन से हार गया था।
- 2015 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 94 बॉल पर 65 रन की इनिंग खेली थी। तब भी उनकी धीमी बैटिंग चर्चा में रही थी। जून, 2017 में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी में श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 63 रन की इनिंग खेली, लेकिन अंत तक टिक नहीं सके। 50 ओवर में आउट हो गए।
- 2014 के बाद से धोनी के स्ट्राइक रेट में जबरदस्त गिरावट आई है। पिछले कुछ सालों में उनका स्ट्राइक रेट कुछ इस तरह रहा।
2.विकेटकीपर के तौर पर टीम इंडिया के पास कई ऑप्शन
- धोनी 2004 में वनडे डेब्यू के बाद से ही टीम इंडिया के रेग्युलर विकेटकीपर हैं। टीम में विकेटकीपर-बैट्समैन का रोल निभाया, लेकिन अब बैटिंग में फ्लॉप होने के बाद सिर्फ विकेटकीपर के तौर पर टीम में बने रह पाना मुश्किल लगता है।
- खासकर तब जब रिषभ पंत इंटरनेशनल डेब्यू कर चुके हैं। आईपीएल में बढ़िया विकेटकीपिंग कर रहे हैं। यंग खिलाड़ियों में संजू सैमसन और ईशान किशन का नाम भी है। रिषभ-संजू जबरदस्त बैट्समैन भी हैं। दोनों को टीम इंडिया का भविष्य और 2019 वर्ल्ड कप देखते हुए तैयार करना चाहिए।
- सीनियर्स की बात करें तो रॉबिन उथप्पा, दिनेश कार्तिक और रिद्धिमान साहा का नाम सबसे आगे है। साहा टेस्ट के रेग्युलर कीपर हैं, तो वहीं उथप्पा कीपर-बैट्समैन हैं और आईपीएल में लगातार जबरदस्त परफॉर्म कर रहे हैं।
3.बैटिंग में भी 5-6 नंबर पर कई ऑप्शन
- धोनी नंबर 5 पर बैटिंग करते हैं। इसी से वो मैच फिनिशर बने। लेकिन, अब वो न ही मैच फिनिश कर पा रहे हैं और ना ही उस नंबर पर टीम के बैटिंग लाइऩअप को मजबूती दे पा रहे हैं। ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या 6 या 7 नंबर पर बढ़िया बैटिंग कर रहे हैं। वो कह भी चुके हैं कि भविष्य में वो टीम के लिए फिनिशर की भूमिका निभाना चाहते हैं।
4. 38 साल के हो जाएंगे, उम्र का दिखेगा असर
- 2019 में वनडे वर्ल्ड कप 30 मई से शुरू होकर 15 जुलाई तक चलेगा। तब तक धोनी करीब 38 साल के हो जाएंगे। ऐसे में उनके खेल पर उम्र का असर जरूर दिखेगा, क्योंकि लगातार 50 ओवर तक विकेट के पीछे खड़े रहना और फिर बैटिंग करना आसान नहीं होगा।
- हालांकि इस स्थिति में धोनी किसी एक चीज (बैटिंग या फिर विकेटकीपिंग) पर फोकस करने की प्लानिंग कर सकते हैं, जिससे वो लंबे समय तक टीम में टिके रहें। श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर कुमार संगकारा ने भी करियर के आखिरी कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में कीपिंग करना छोड़ दिया था, जिससे वो बैटिंग पर फोकस कर सकें।
5. सीनियर्स भी उनके टीम में होने के पक्ष में नहीं
- मौजूदा फॉर्म और टीम फॉर्मेशन को देखते हुए कुछ सीनियर इंडियन क्रिकेटर्स भी टीम इंडिया में धोनी की मौजूदगी पर सवाल उठा चुके हैं। चैम्पियंस ट्रॉफी खत्म होने के बाद राहुल द्रविड़ ने कहा था कि वर्ल्ड कप 2019 से पहले टीम सिलेक्टर्स को धोनी और युवराज सिंह के ऑप्शन तलाश लेने चाहिए। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर ये नहीं कहा था कि उन दोनों सीनियर्स को 2019 तक टीम में जगह मिलेगी या नहीं।
- पूर्व इंडियन क्रिकेटर अजीत अगरकर ने भी कहा था कि 5 और 6 नंबर के बैट्समैन पर भरोसा नहीं होने के कारण ही कप्तान विराट को चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान टीम में एक अतिरिक्त बैट्समैन (केदार जाधव) को शामिल करना पड़ा।
6.कप्तान भी नहीं, ताकि टीम में जगह परमानेंट हो
- धोनी अब टीम इंडिया की वनडे और टी20 कप्तानी छोड़ चुके हैं, ऐसे में टीम में उनकी जगह परमानेंट नहीं है। साथ ही उनकी परफॉर्मेंस भी लगातार गिर रही है। ऐसे में धोनी 2019 वर्ल्ड कप खेलने की अपनी इच्छा कैसे पूरी कर पाते हैं, ये देखना होगा।


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