सांप काट ले तो भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, जा सकती है जान
यूपी के बिजनौर में सापों ने आतंक मचा रखा है। ये सांप अब तक 40 से ज्यादा लोगों को काट चुके हैं। 2 दी मौत भी हो गई है। राजधानी के डॉक्टर्स ने बताया कि जानकारी के अभाव में कुछ लोग घर पर गलत इलाज कर लेते हैं, जिससे मौत की संभावना बढ़ जाती है।सांप काट ले तो जल्दबाजी में न करें ये 5 गलतियां...
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के टॉक्सिकोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर मौसमी सिंह ने बताया- सांप काटने से होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण है डर।
- यहीं की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिअुली बताती हैं, रसेल्स वाइपर (सांप की प्रजाति) हीमोटॉक्सिक पर अटैक करते हैं। जबकि क्रेट और कोबरा न्यूरो पर अटैक करते हैं। हालांकि, सभी जहरीले सांप मानव शरीर में बहुत कम जहर छोड़ते हैं। इसलिए मरीज को दहशत में नहीं आना चाहिए।
- केजीएमयू की ही असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. संगीता कुमारी का कहना है, ये मिथ है कि सांप काटी जगह पर ब्लड सर्कुलेशन बंद करने के लिए पट्टी बांध देनी चाहिए, मुंह से खींचकर जहर निकाल देना चाहिए। सच्चाई ये है कि इन चीजों से परहेज करना चाहिए। इससे नसों और रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचने और संक्रमण होने का खतरा रहता है।
एक्स्ट्रा फैक्ट्स
- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 83 हजार लोग सांप के दंश का शिकार होते हैं, जिनमें से 11 हजार की मौत हो जाती है। सांपों की 2600 से 3000 प्रजातियां होती हैं, जिनमें 250-300 सांप ही जहरीले होते हैं।
- भारत में जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं। इनमें से चार बेहद जहरीले सांप कोबरा, रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत हैं। सबसे ज्यादा मौतें नाग या गेहूंवन और करैत के काटने से होती हैं।
- तीन तरह का होता है सांप का जहर। इनमें हीमोटॉक्सिक, न्यूरोटॉक्सिक और मायोटॉक्सिक शामिल है।
1-हीमोटॉक्सिक- ये रक्त कोशिकाओं पर अटैक करता है। शरीर में कई जगहों से ब्लीडिंग के लक्षण, खून की उल्टी।
2- न्यूरोटॉक्सिक- यह शरीर के नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है।
3-मायोटॉक्सिक- यह समुद्र में पाए जाते हैं, इसलिए देश में इनकी संख्या काफी कम है।

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