Header Ads

गंदा है पर धंधा है ये, इतनी सेलरी सुन कर उसे पाने के लिए हो उठेगें व्याकुल


जब बात हो लाखों कमाने की तो किसी का भी मन इतनी सेलरी का ऑफर सुन उसे पाने के लिए व्याकुल हो उठेगा। लेकिन जिन नौकरियों का जिक्र यहां किया गया है, उनके लिए शायद आप राजी नहीं होंगे। वो कहते हैं न धंधा है पर गंदा है ये… ​जी हां, सात समंदर पार कुछ नौकरियां ऐसी भी हैं जहां कमाई मस्त है लेकिन साथ ही गंदगी और जोखिम भी जबरदस्त है। इन नौकरियों का सैलरी पैकेज देखकर आपके मुंह में पानी आ जाएगा मगर जब काम जानेंगे तो शायद आप नाक-भौं सिकोड़ लेंगे। तो क्या आप तैयार है ऐसी नौकरी के लिए..?


सीवर इंस्पेक्टर

 सीवर के जरिए हमारे घरों के टॉयलेट की सारी गंदगी दूर जाकर गिरती है लेकिन कभी-कभी पॉलीबैग या कचरा फंसने के कारण सीवर जाम भी हो जाता है। इस हालत में सीवर को साफ करने वाले कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है। बदबू और गंदगी के बीच सीवर इंस्पेक्टर इस काम को अंजाम देते हैं। हमारे देश में सीवर कर्मचारी को भले ही कम तनख्वाह मिलती हो लेकिन विदेशों में इनकी कमाई लाखों में होती है और ये 36 लाख रुपए सालाना तक कमाते हैं।


समुद्र से तेल निकालने वाले

पेट्रोल पंप पर अपनी बाइक या गाड़ियों में तेल डलवाते समय हम मशीन के मीटर पर तो नजरें जमाए रखते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है कि समुंद्र के अंदर से ये तेल निकलता कैसे है? तेल निकालने का काम बेहद गंदगी और खतरे से भरा हुआ है। तेल निकालने वाले कर्मचारियों को हफ्तों-हफ्तों तक कम खाए और कम सोए लगातार 12 घंटे से भी ज्यादा समय तक काम करना पड़ता है। सिर्फ यही नहीं, काम के दौरान कर्मचारियों को अपने कानों में ईयर प्लग भी लगाकर रखने पड़ते हैं क्योंकि
मशीनों का शोर इतना ज्यादा होता है कि वो कर्मचारियों को बहरा बनाने के लिए काफी है। जोखिम, गंदगी और खतरे से भरे इस काम को करने वाले ये कर्मचारी विदेशों में सालाना करीब 24 लाख रुपए सैलरी लेते हैं।

गार्बेज कलेक्टर

गंदगी और बदबू के ढेर में कूड़ा उठाने वाले को देखकर आप भले ही मुंह पर रुमाल रख लेते हों लेकिन उसकी कमाई आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। विदेशों में कूड़ा उठाने वालों को 'गार्बेज कलेक्टर' कहा जाता है। अमेरिका में गार्बेज कलेक्टर करीब 960 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से तनख्वाह लेते हैं। ओवर टाइम करने के बाद ये सालाना करीब 36 लाख रुपए कमाते हैं।


गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट

 गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट को जीआई डॉक्टर और हमारे यहां पेट का डॉक्टर कहा जाता है। हम जो कुछ भी खाते हैं वो हमारे शरीर के अंदर 25 फुट लंबे पाचन तंत्र से होकर गुजरता है। इस दौरान गैस, पेचिश और पेट दर्द की परेशानी होने पर यही डॉक्टर हमें राहत देता है। कभी-कभी ये परेशानी इतनी बढ़ जाती हैं कि डॉक्टर को मुंह के रास्ते दूरबीन डालकर रोगी के पेट की जांच करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में उस डॉक्टर को कुछ ऐसी अनचाही चीजें भी देखनी पड़ती हैं जो सामान्य इंसान के लिए देखना मुश्किल है। जोखिम भरे इस काम को करने वाले ये डॉक्टर विदशों में सालाना करीब एक करोड़ पचास लाख से लेकर दो करोड़ चालीस लाख रुपए तक कमाते हैं।

कोयले की खदान में काम करने वाले

 कोयला सिर्फ हाथ ही काले नहीं करता, बल्कि खदान में काम करने वाले मजदूरों को कभी-कभी गंभीर बीमारियों का शिकार भी बना देता है। कोयले की खदान में कर्मचारियों को जमीन के इतने नीचे जाकर काम करना होता है, जहां सांस लेना भी दूभर होता है। इन हालातों में कर्मचारियों को सांस संबंधी कई बीमारियां का खतरा बना रहता है। इस खतरनाक काम को अंजाम देने वाले मजदूरों को विदेशों में सालाना करीब 38 लाख 40 हजार रुपए का वेतन मिलता है।

प्लंबर

जरा सोचिए, आप सुबह-सुबह कहीं जाने के लिए तैयार होना चाहते हैं और आपको पता चले कि बाथरूम या टॉयलेट में पानी का पाइप लीक हो गया है, ऐसे में सिर्फ एक ही आदमी का ख्याल आता है और वो है प्लंबर। टॉयलेट और बाथरूम की गंदगी के बीच प्लंबर अपने काम को अंजाम देता है। हमारे यहां भले ही प्लंबर की कमाई कम हो लेकिन विदेशों में इनकी बल्ले-बल्ले है। विदेशों में एक प्लंबर सालाना 21 लाख से 24 लाख तक की कमाई करता है।

अपराध की जगह को साफ करने वाले

जब कहीं हत्या या आत्महत्या जैसा कोई अपराध होता है तो पुलिस शव और मौके से जरूरी सबूत साथ लेकर चली जाती है। पुलिस की जांच के बाद शुरू होता है अपराध की जगह को साफ करने का काम। हालांकि इस काम को करने वालों को गंदगी और बदबू के बीच काम करना होता है लेकिन इनकी कमाई जबरदस्त है। विदेशों में इन लोगों को सालाना 45 लाख रुपए तक सैलरी मिलती है।

एंबेलमर (शव को सुरक्षित रखने वाले)

एंबेलमिंग यानी किसी मृत व्यक्ति के शव को लंबे समय तक सुरक्षित रखना। अक्सर कुछ विशेष कारणों से किसी के शव को कुछ समय तक सुरक्षित रखा जाता है। शव को सुरक्षित रखने की पूरी प्रक्रिया काफी अजीब होती है। जिसमें शवों को साफ किया जाता है। शव को अच्छे से नहलाने के बाद उसकी मसाज की जाती है। इतना ही नहीं, इसके बाद शवों पर खास लेप लगाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि विदेशों में इस काम के लिए कर्मचारियों को सालाना 24 लाख 60 हजार रुपए सैलरी मिलती है।

क्रैब फिशरमैन (केकड़ा पकड़ने वाले)

आप सोच रहे होंगे कि केकड़ा पकड़ना मछली पकड़ने जितना आसान काम होगा... कि दोपहर की गुनगुनी धूप में कांटा लटकाया और फंसा लिया केकड़ा, लेकिन जरा ठहरिए ये इतना भी आसान नहीं है। अमेरिका में केकड़े पकड़ने का काम सबसे खतरनाक पेशों में से एक है। केकड़े पकड़ने वालों को खून जमा देने ठंडे पानी और तूफान से होकर गुजरना पड़ता है। जोखिम भरे इस काम के लिए अमेरिकी कंपनियां इन कर्मचारियों को सालाना 36 लाख रुपए तक देती हैं।

पोर्टेबल टॉयलेट क्लीनर

पोर्टेबल टॉयलेट, यानी कहीं भी ले जाए जाने वाले वो टॉयलेट जो आपको अक्सर बाजार या मेले जैसी जगहों पर दिखाई देते हैं। इनको साफ करने वाले कर्मचारियों को पोर्टेबल टॉयलेट क्लीनर कहा जाता है। हालांकि इन टॉयलेट को साफ करने में चंद मिनट ही लगते हैं लेकिन यह काम बेहद गंदगी से भरा हुआ है। अब जरा इनकी कमाई भी जान लीजिए... विदेशों में ये क्लीनर एक दिन में 60 के आस-पास टॉयलेट साफ कर लेते हैं और सालाना करीब 30 लाख रुपए तक की मोटी सैलरी लेते हैं।