Birthday Special आज अपना 52वां बर्थडे मना रही एक्ट्रैस पद्मिनी कोल्हापुरे
बॉलीवुड एक्ट्रैस पद्मिनी कोल्हापुरे आज अपना 52वां बर्थडे मना रही है। पद्मिनी ने अपने करियर के दौरान कई हिट फिल्मों में काम किया है। लेकिन वह फिल्म अभिनेत्री न बनकर पार्श्वगायिका बनना चाहती थी। पदमिनी कोल्हापुरी का जन्म 01 नवंबर 1965 को एक मध्यम वर्गीय महाराष्ट्रियन कोंकणी परिवार में हुआ। उनके पिता पंढरीनाथ कोल्हापुरे शास्त्रीय गायक थे जबकि उनकी मां एयरलाइंस में काम किया करती थी। बता दें कि वे शक्ति कपूर की साली है।
वहीं, वे श्रद्धा कपूर की रिश्ते में मौसी लगती है।बनना चाहती थी पार्श्वगायिका
पदमिनी पार्श्वगायिका बनना चाहती थी। वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म ‘यादों की बारात’ में पदमिनी कोल्हापुरी को गाने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनकी आवाज में रचा बसा यह गीत ‘यादों की बारात निकली है आज दिल के द्वारे’ श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुये। इसके बाद उन्होंने ‘किताब’, ‘दुश्मन’, ‘दोस्त’ जैसी फिल्मों में भी अपनी बहन शिवांगी के साथ पार्श्वगायन किया।बाल कलाकार के रूप में की करियर की शुरूआत
पदमिनी कोल्हापुरे ने बतौर बाल कलाकार अपने करियर की शुरूआत निर्माता बी. एस. थापा की फिल्म ‘एक खिलाड़ी बावन पत्ते’ से की। वर्ष 1974 में पदमिनी कोल्हापुरे को अपनी दूर की रिश्तेदार आशा भोंसले के प्रयास से देवानंद की फिल्म ‘इश्क इश्क इश्क’ में बतौर बाल कलाकार काम करने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने ‘ड्रीमगर्ल’, ‘साजन बिना सुहागन’, ‘जिंदगी’ जैसी फिल्मों में भी बतौर बाल कलाकार काम किया। पद्मिनी को किसी भी तरह के रोल से कोई परहेज नहीं था और जो भी रोल उन्हें मिला उसमें पद्मिनी ने खुद को साबित किया। बचपन में ही उन्होंने फिल्म ‘गहराई’ में एक ऐसा न्यूड सीन दिया जिससे लोगों के होश ही उड़ गए। इस सीन की हर तरफ खूब चर्चा हुई।
निभाई जीनत अमान के बचपन की भूमिका
वर्ष 1977 में प्रदर्शित फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ पदमिनी कोल्हापुरे के करियर की अहम फिल्म साबित हुई। महान निर्माता-निर्देशक राजकपूर की इस फिल्म में उन्होंने अभिनेत्री जीनत अमान के बचपन की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में उनके अभिनय को जबरदस्त सराहना मिली इसके साथ ही वह दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयी।मिला सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार
वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘इंसाफ का तराजू’ पदमिनी के करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। बी. आर. चोपड़ा के बैनर तले बनी यह फिल्म वर्ष 1976 में प्रदर्शित हॉलीवुड फिल्म ‘लिपिस्टक’ की रिमेक थी। इस फिल्म में उन्होंने अभिनेत्री जीनत अमान की बहन की भूमिका निभाई थी जो बलात्कार की शिकार एक युवती की भूमिका निभाई थी। फिल्म में अपनी संजीदा भूमिका से उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया साथ ही सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित की गयी।फिल्म ‘प्रेम रोग’ को बना दिया सुपरहिट
बतौर अभिनेत्री पदमिनी ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘जमाने को दिखाना है’ से की। नासिर हुसैन निर्मित इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका अभिनेता ऋषि कपूर ने निभाई थी। बेहतरीन गीत-संगीत के बावजूद फिल्म को टिकट खिड़की पर अपेक्षित सफलता नहीं मिली। वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म ‘प्रेम रोग’ में पदमिनी कोल्हापुरी के अभिनय के नये रूप देखने को मिले। राजकपूर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने एक विधवा का किरदार निभाया था। अपने भावपूर्ण अभिनय से पदमिनी ने दर्शकों का दिल जीतकर फिल्म को सुपरहिट बना दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी।वर्ष 2004 में प्रदर्शित मराठी फिल्म ‘मंथन’ से पदमिनी ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी वापसी की। फिल्म में उनकी भूमिका दर्शकों के बीच काफी सराही गयी। उन्होंने अपने करियर में लगभग 60 फिल्मों में काम किया है। वह इन दिनों बॉलीवुड में अधिक सक्रिय नहीं हैं।

Post a Comment