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आप भी फ्री में कर सकते हैं ट्रेन में सफर, रेलवे लाया नई स्कीम


 इंडियन रेलवे ने पैसेंजर्स की सुविधा के लिए कई बदलाव किए हैं। मसलन यदि आप भीम ऐप के माध्यम से टिकट बुक करवाते हैं, तो हो सकता है कि आप फ्री में यात्रा कर पाएं। कैशलेस टिकटिंग को बढ़ावा देने रेलवे ने पुरस्कार योजना शुरू की है पर इसका फायदा केवल भीम ऐप के माध्यम से टिकट बनवाने वाले लोगों को ही मिल सकेगा।

इस योजना का पहला ड्रॉ नवंबर में खोला जाएगा। आईआरसीटीसी ने भीम ऐप के माध्यम से ई-टिकट बनवाने वाले पांच यात्रियों को लॉटरी के माध्यम से पुरस्कार देने की योजना शुरू की है। इस योजना के तहत जिन पांच यात्रियों का नाम लॉटरी में आएगा, उन्हें उनके मनपसंद स्थान की फ्री में यात्रा करवाई जाएगी।

एसी कोच के हर यात्री का आईडी अब चेक किया जाएगा। कई यात्री एक ही पीएनआर पर यात्रा करते हैं और उनमें से एक का आईडी लेकर वे चलते हैं। अब ऐसा नहीं हो सकेगा, एक पीएनआर पर यात्रा करने वाले हर यात्री का आईडी चेक किया जाएगा। नए टाइम-टेबल के साथ ही एक नवंबर से सभी ट्रेनों में जरूरी किया जा रहा है।



दिसंबर के अंत से ट्रेनों की स्लीपर श्रेणी में भी हर यात्री का आईडी चेक किया जाने लगेगा। नवंबर में विभिन्न जोन के अंतर्गत कार्यरत चेकिंग स्टाफ को एडजस्ट करने के बाद यह नियम स्लीपर श्रेणी में भी लागू कर दिया जाएगा।


देश के कई रेलवे स्टेशन पर मौजूद विंडो से अब एक मिनट के भीतर जनरल टिकट बन सकेगा। इसके लिए रेलवे ने 'सुपर टॉप' नाम से जनरल टिकट के लिए नया सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में किसी भी स्टेशन की विंडो से जनरल टिकट बनवाने में दो से पांच मिनट तक का समय लग जाता है। सबसे ज्यादा समय यात्री द्वारा मांगे गए स्टेशन का नाम कम्प्यूटर में तलाशने में काउंटर पर बैठे बुकिंग क्लर्क को लग जाता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए यह नई व्यवस्था की गई है।


रिजर्वेशन फॉर्म में किन्नर भी अपना जेंडर (लिंग) लिख सकेंगे। नई व्यवस्था के तहत अब किन्नरों को अपने नाम के आगे बने जेंडर वाले कॉलम में महिला या पुरुष लिखने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि अब उन्हें फॉर्म में नाम और उम्र के बाद जेंडर वाले कॉलम मे ‘टी’ लिखना होगा। इस संबंध में सभी जोनल रेलवे के प्रिंसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजर को आदेश जारी कर दिए गए हैं।


अभी इस कॉलम में सिर्फ पुरुष या महिला ही लिखा जा सकता है। इस वजह से किन्नरों को इन दोनों विकल्पों में से किसी एक जेंडर वाले कॉलम को भरना पड़ता था। रेलवे बोर्ड के निदेशक (यात्री विपणन) विक्रम सिंह ने जोनल रेलवे के साथ ही सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम के जीएम को भी कहा है कि इसके लिए सिस्टम में आवश्यक सुधार करें।