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एक इंसान जो कभी किसी से मिलने नहीं गया, बल्कि तमाम बड़ी हस्ती खुद मिलने आती थी, कुछ ऐसा रुतबा रहा है बाला साहेब का


पूरे महाराष्ट्र में राज करने वाले, मुंबई शहर में रहने वाले और किसी को भी खुलेआम धमकी देने वाले बाल ठाकरे बहुत ही शक्तिशाली पुरुष रहे हैं. वे महाराष्ट्र के बहुत ही लोकप्रिय राजनेता थे. जिन्होने शिव सेना के नाम से एक प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी दल का गठन किया था. और उन्हें लोग प्यार से बालासाहेब कहा करते थे.

वे मराठी में सामना नामक अखबार निकालते थे. इस अखबार में उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ दिन पहले ही लिखा था – ‘आजकल मेरी हालत चिन्ताजनक है लेकिन मेरे देश की हालत मुझसे ज्यादा चिन्ताजनक है. ऐसे में भला मैं चुप कैसे बैठ सकता हूँ?’ ये थे बालासाहेब के आखिर बोल. चलिए अब आपको बास ठाकरे से जुड़ी कुछ और बातों से रूबरु कराते हैं..

1. बालासाहेब का जन्म 23 जनवरी 1926 को पुणे में केशव सीताराम ठाकरे के यहाँ हुआ था. उनके पिता केशव चान्द्रसेनीय कायस्थ प्रभू परिवार से थे. वे एक प्रगतिशील सामाजिक कार्यकर्ता व लेखक थे जो जातिप्रथा के बहुत बड़े विरोधी थे.

2. उन्होंने महाराष्ट्र में मराठी भाषी लोगों को संगठित करने के लिये संयुक्त मराठी चालवाल (आन्दोलन) में प्रमुख भूमिका निभायी और बम्बई को महाराष्ट्र की राजधानी बनाने में 1940 के दशक में बहुत काम किया.

3. बालासाहेब का विवाह मीना ठाकरे से हुआ था. उनसे उनके तीन बेटे हुए जिनका नाम बिन्दुमाधव, जयदेव और उद्धव ठाकरे है. उनकी पत्नी मीना और सबसे बड़े पुत्र बिन्दुमाधव का साल 1996 में निधन हो गया था.

4. उन्होंने अपना जीवन बम्बई के प्रसिद्ध समाचारपत्र फ्री प्रेस जर्नल में कार्टूनिस्ट के रूप में शुरु की थी. इसके बाद उन्होंने फ्री प्रेस जर्नल की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और साल 1960 में अपने भाई के साथ एक कार्टून साप्ताहिक मार्मिक की शुरुआत की.

5. साल 1966 में उन्होंने महाराष्ट्र में शिव सेना नाम की एक कट्टर हिन्दूराष्ट्र वादी संगठन की स्थापना की. शुरुआती दौर में बाल ठाकरे को वो सफलता नहीं मिली जिसकी उनको उम्मीद थी लेकिन फिर भी उन्होंने शिव सेना को सत्ता की सीढ़ियों पर पहुँचा ही दिया.

6. साल 1995 में भाजपा-शिवसेना के गठबन्धन ने महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई. साल 2005 में उनके बेटे उद्धव ठाकरे को पार्टी में ज्यादा महत्व दिये जाने से नाराज उनके भतीजे राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ दी थी और साल 2006 में अपनी नई पार्टी ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ बना ली.

7. बाल ठाकरे हमेशा अपने उत्तेजित करने वाले बयानों को लेकर जाने जाते थे और इसके कारण उनके खिलाफ सैकड़ों की संख्या में मुकदमे दर्ज किये जा चुका हैं.

8. बाल ठाकरे एक कार्टूनिस्ट थे, राजनितिज्ञ तो बाद में बने. सिर्फ यही नहीं बल्कि ठाकरे मशहूर क्रांतिकारी कार्टूनिस्ट थे. साल 1950 के आस-पास Times Of India के सन्डे एडिशन में इन्हीं के कार्टून छपते थे.

9. बाल ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट भी कहा जाता था. वे बिना देखे ही भाषण दिया करते थे जो लोगो को बहुत पसन्द आ गया था और उन्हें सुनने के लिए लाखों की भीड़ एकजुट हो जाती थी.

10. चाँदी के सिहांसन पर बैठने के शौकीन बाल ठाकरे के दरबार में विरोधी भी हाजरी लगाते थे. ठाकरे खुलेआम किसी को भी बिना डरे धमकी दे देते थे. वे जब किसी का विरोध करते थे तो दुश्मनों की तरह, और जब तारीफ करते थे तो ऐसे कि जैसे उनसे बड़ा कोई दोस्त ही नहीं.

11. 19 जून, 1966 को बाल ठाकरे ने शिवाजी पार्क में नारियल फोड़कर अपने दोस्तों के साथ पार्टी बनाई थी जिसका नाम शिवसेना रखा गया. जो आज भी चल रही है.

12. साल 1960 और 1970 के दशक में महाराष्ट्र में ‘लुंगी हटाओ, पुंगी बचाओ’ अभियान चलाया गया. ये स्पेशली बिहारियों के लिए था क्योंकि बाल ठाकरे ने अपने समाचार पत्र के मुख्य पेज पर भी लिख दिया था कि ‘एक बिहारी, सौ बीमारी’.

13. साल 1980 के दशक में बाल ठाकरे ने मुसलमानों के बारे में एक बड़ी बात ये कही थी कि ये कैंसर की तरह फैल रहे है और देश को इनसे बचाया जाना चाहिए.

14. बाल ठाकरे की एक खास बात थी कि वह कभी किसी से मिलने नही गए. जिसे मिलना है खुद घर आओ. भारत की हर बड़ी हस्ती उनसे मिलने के लिए उनके मुंबई में स्थित घर मातोश्री में जाती थी. बड़े-बड़े बॉलीवुड एक्टर बीयर पीने और उनसे मिलने उनके घर आते थे.

15. ज्यादातर बाव ठाकर अपने भाषणों में 2 ही चीजों की खुलकर बहुत तारीफ किया करते थे, एक तो था ‘हिटलर’ और दूसरा श्रीलंका का आतंकी संगठन ‘लिट्टे’. जिनके बारे में वो अक्सर जिक्र करते थे.

16. बात है सन् 1990 के आसपास की, कश्मीर में इस्लामी आतंकवाद चरम पर था कश्मीरी पंडितो को भगाया जा रहा था. अमरनाथ यात्रा चल रही थी. आतंकवादियो ने यात्रा बंद करने की धमकी दे दी और कहा जो अमरनाथ यात्री आएगा वह वापिस नही जाएगा. तब बाल ठाकरे ने एक बयान दिया कि, हज के लिए जाने वाली 99% फ्लाइट मुंबई एयरपोर्ट से जाती है देखते है यहाँ से कोई यात्री मक्का-मदीना कैसे जाता है. अगले ही दिन से अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई.

17. साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई, तो बाल ठाकरे ‘आप की अदालत’ शो में आए हुए थे जब उनसे एक सवाल पूछा गया कि सुना है ये काम शिवसैनिकों ने किया है ? तो इसके जवाब में वे बोले अगर ये काम शिवसैनिकों ने किया है तो यह गर्व की बात है.

18. बाल ठाकरे के कुछ खास शौक थे. सिगार, वाइट वाइन पीने का. ज्यादातर फोटो या इंटरव्यू में उनके हाथ में पाइप या सिगार होती है. पाइप तो साल 1995 में दिल के दौरे के बाद छोड़ दी लेकिन सिगार तो उनकी मौत के साथ ही छूटी.

19. साल 1999 में बाल ठाकरे पर 6 साल तक वोट डालने और चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया था. लेकिन बाल ठाकरे ने अपने जीवन में कभी चुनाव नही लड़ा. अपनी मौत से दो महीने पहले ठाकरे का एक बयान आया था कि आर्मी मेरे हवाले कर दो, मै देश को एक महीने में ठीक कर दूंगा.

20. ठाकरे के जीवन में दुख भी बहुत थे. पहले पत्नी का निधन, फिर बड़े बेटे बिंदुमाधव की कार हादसे में मौत, फिर दूसरे बेटे जयदेव के साथ मनमुटाव और लाडले भतीजे राज ठाकरे का अलग पार्टी बनाना. आपको बता दें कि राज ठाकरे वो आदमी थे जिनको बाल ठाकरे का उत्तराधिकारी माने जाते थे.

21. 17 नवंबर 2012 के दिन बाल ठाकरे का निधन हो गया. इस दिन पूरा मुंबई बंद था. अंतिम यात्रा में लगभग 5 लाख लोग शामिल हुए थे. थोड़ी-थोड़ी देर बाद एक आवाज उठ रही थी, बाला साहेब…बाला साहेब, लाखो लोग चिल्ला रहे थे : अमर रहे.

22. बाल ठाकरे ना तो मुख्यमंत्री थे और ना सांसद. फिर भी उन्हें मरने के बाद ‘21 तोपों की सलामी‘ दी गई. जो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को मिलती है कुछ ऐसा रूतबा था बाला साहेब ठाकरे का.