बंगाल में दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक हटी
पश्चिम बंगाल में दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर लगी रोक हाईकोर्ट ने हटा दी है। सभी दिन रात 12 बजे तक विसर्जन किया जा सकेगा। इसमें मुहर्रम का दिन भी शामिल है। कोर्ट ने पुलिस से कहा कि वह इसका अरेंजमेंट के साथ रूट तय करें।इस मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई की। इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा- ''रेगुलेशन (नियम) और प्रोहिबिशन (पाबंदी) में फर्क होता है। आप बिना किसी आधार के एक्स्ट्रीम पावर का इस्तेमाल कर रहे हैं। आप राज्य (सरकार) हैं, सिर्फ इसलिए आप मनमाने आदेश जारी नहीं कर सकते।'' हाईकोर्ट ने आगे कहा- अगर आपको सपना आ गया कि कुछ गलत हो सकता है
तो आप बंदिशें नहीं लगा सकते। बता दें कि हाईकोर्ट ने बुधवार को भी इस केस में सुनवाई की थी। कोर्ट ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से पूछा था कि दो कम्युनिटीज एक साथ कोई त्योहार क्यों नहीं मना सकतीं? यह सवाल इसलिए पूछा गया था क्योंकि राज्य सरकार ने एक अक्टूबर को मुहर्रम के दिन दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगाई है। हिंदू संगठनों के अलावा बीजेपी और आरएसएस भी इसका विरोध कर रहे हैं।
बुधवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार से पूछा था- दो समुदाय एकसाथ त्योहार क्यों नहीं मना सकते? जब आप (राज्य सरकार) ये दावा कर रहे हैं कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव है तो फिर आप संप्रदाय के आधार पर भेदभाव क्यों कर रहे हैं?
- हाईकोर्ट ने आगे और सख्त लहजे में कहा था- उन्हें (दोनों कम्युनिटीज यानी हिंदू और मुस्लिम) सद्भाव से ही रहने दीजिए। उनके बीच किसी तरह की लाइन ना खींचें। उनको साथ ही रहने दें।
इस मामले की शुरुआत कुछ दिनों पहले हुई। पश्चिम बंगाल सरकार ने एक अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि उस दिन मुहर्रम भी है। दोनों के जुलूस अगर साथ निकलेंगे तो अशांति का खतरा है।
- हिंदू संगठनों के अलावा बीजेपी और आरएसएस ने ममता सरकार के इस फरमान का विरोध किया। बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और इसीलिए उसने दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाई है।
विवाद बढ़ने पर पिछले शनिवार को ममता बनर्जी खुद सामने आईं। उन्होंने कहा था, “आरएसएस और बजरंग दल फेस्टिवल के दौरान शांति भंग कर आग से खेलने की कोशिश न करें। एडमिनिस्ट्रेशन उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।”
- “हमारी सरकार विजया दशमी की परंपराओं पर कोई लगाम नहीं लगा रही है। कुछ संगठन माहौल खराब करने की मंशा से झूठ फैला रहे हैं। कहा जा रहा है कि सरकार दुर्गा पंडाल और विजया दशमी मनाने को रोकना चाहती है।”
- “हमने सिर्फ इतना कहा था कि विजया दशमी पर रात 10 बजे तक ही प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए एकादशी के दिन (1 अक्टूबर को) दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं होगा। इसी दिन मुस्लिमों का त्योहार मुहर्रम भी पड़ रहा है। इसके बाद 2 से 4 अक्टूबर प्रतिमाओं का विजर्सन पहले की तरह ही होगा।''
ममता ने कहा था, “विजया दशमी के मौके पर महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं, जो पहले की तरह ही होगा। जिन लोगों का दुर्गा और काली पूजा से कोई लेनादेना नहीं है वही लोग झूठ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल को शांति भंग कर आग से नहीं खेलना चाहिए। दुर्गा पूजा के दौरान सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी। माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ एडमिनिस्ट्रेशन सख्त कार्रवाई करेगा।''
- “बीजेपी को सीबीआई और ईडी की आड़ लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए। पिछले दिनों ही पुलिस ने दंगा फैलाने के लिए बीजेपी की एक कोशिश नाकाम कर उनके दो लोगों को गिरफ्तार किया है।”
- “एडमिनिस्ट्रेशन ने प्रतिमा विसर्जन के दिन किसी को भी हथियार रखने की इजाजत नहीं दी है। ये गैरकानूनी है और बंगाल में कभी ऐसी परंपरा नहीं रही। इसलिए हमने हथियारों के प्रदर्शन पर बैन लगाया है। साथ ही मैं मुस्लिम कम्युनिटी से भी अपील करती हूं कि वो मुहर्रम के मौके पर शांति बनाए रखें।''

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