खुद को संत बताने वाला राम रहीम रच रहा था दुनिया को तबाह करने की साजिश,बना रहा था खतरनाक मिसाइल
रेप केस में 20 साल की सजा भुगत रहे राम रहीम को लेकर हर दिन एक नया खुलासा हो रहा है। एक बार फिर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
राम रहीम की एक ऐसी साजिश से पर्दा हटा है जिसे 16 साल पहले डेरा के भीतर रची गई थी। लेकिन ये प्लानिंग परवान नहीं चढ़ पाई।
राम रहीम ने उस समय एक प्रतिभाशाली छात्र को अपना चेला बनाकर तबाही का वो सामान हासिल करना चाहता था, जो उसके इशारे पर मौत बरसाता। किसी ने कभी नहीं सोचा था कि खुद को संत बताने वाला राम रहीम के पास से खतरनाक हथियार बरामद किए जाएंगे।
आपको बता दें डेरे से हथियारों का जखीरा जब जब्त हुआ है और इसेक आगे की सच्चाई जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। क्योंकि सिर्फ बंदूकें नहीं राम रहीम की तैयारी तो इससे कहीं आगे बम और मिसाइलों का जखीरा जुटाने की थी।
सुनने में कितना भी अटपटा लगे लेकिन राम रहीम के सैकड़ों राज में से एक ये भी है कि खुद को मैसेंजर ऑफ गॉड बताने वाला शख्स ऐसी तबाही की साजिश रच रहा था
कि यदि वो कामयाब हो जाती तो न जाने क्या हो जाता। राम रहीम की विनाशलीला वाली इस प्लानिंग का खुलासा कैथल के रहने वाले वीरेंद्र सिंह ने किया है।
16 साल पहले वीरेंद्र जब स्कूली छात्र थे तो अपनी प्रतिभा के दम पर सुर्खियों में छा गए थे। उन्होंने स्कूल के दिनों मिसाइल और नए तरह के टैंक के मॉडल तैयार किए थे।
साइंस एक्जिबिशन में रखे उनके मॉडल तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी देखा और उनके दिमाग की दाद दी थी। मिसाइल मॉडल्स की जमकर चर्चा हुई।
ये वही दौर था जब राम रहीम का सितारा बुलंदियों पर चढ़ना शुरु हुआ था। सत्ता के आशीर्वाद और किस्मत की मेहरबानी की बदौलत राम रहीम तेजी के समर्थकों की तादाद लाखों से करोड़ों की ओर तेजी से बढ़ रही थी।
ऐसे में वीरेंद्र की रिसर्च के बारे में सुनकर राम रहीम के दिमाग में शैतानी साजिश जन्म लेने लगी। उसने अपने लोगों को वीरेंद्र के पीछे लगा दिया।
उन दिनों में राम रहीम के आभामंडल को देखते हुए वीरेंद्र ने भी उसका न्यौते स्वीकार कर लिया। आश्रम के स्कूल में दाखिला लेकर अपनी रिसर्च पर काम करना शुरु किया।
राम रहीम ने वीरेंद्र को अपने आश्रम में खास दर्जा दिया था। वीरेंद्र को आश्रम में कहीं भी बेरोकटोक आने जाने की आजादी मिली थी। राम रहीम अक्सर उससे रिसर्च के बारे में बात करता था।
अब सवाल उठता है कि डेरा में स्कूल के नाम पर लाखों की फीस वसूलने वाले राम रहीम ने वीरेंद्र को मुफ्त शिक्षा का लालच क्यों दिया।
क्या बाबा वीरेंद्र की प्रतिभा का गलत फायदा उठाने की फिराक में था? क्या वीरेंद्र की मदद से अपने लिए मिसाइल बनवाना चाहता था? क्या राम रहीम सरकार और प्रशासन से भविष्य में होने वाली जंग की तैयारी कर रहा था?
16 साल पहले राम रहीम के न्यौते पर डेरा गए वीरेंद्र की मानें तो सच वाकई इतना ही खतरनाक था, जिसे वो उस वक्त समझ नहीं पाया था।
वो तो गनीमत थी कि डेरे में पसरे पाखंड और झूठ के साम्राज्य ने रिसर्च करने आए वीरेंद्र की आंखें जल्द खोल दी। करीब साल भर में ही वीरेंद्र ने डेरे को अलविदा कह दिया था। राम रहीम का सपना सपना ही रह गया।


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