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सांप को वश में कर करता था श्रृंगार, 5 बार जीभ पर मरवाया डंक-6वीं बार मौत


सांप को पकड़ने वाले बहुत देखे होंगे, लेकिन यूपी के हमीरपुर में एक शख्स ऐसा भी था जो सांप को घूरकर अपने वश में कर लेता था। इस शख्स को सांपों पर इतना भरोसा था कि वह सांपों से अपनी जीभ पर डंक भी मरवाता था।

लोग इसे स्नेक किंग मानने लगे थे। लेकिन जिस सांप से इसने दोस्ती की, उसी के डंक ने इसकी जिंदगी खत्म कर दी। पिछले साल 2016 में सितंबर महीने में शख्स की मौत हो गई।

 20 साल की उम्र में एक हजार से ज्यादा जहरीले सांपों को किया था वश में

- कानपुर देहात के सिकन्दरा से रफीक अहमद करीब 15 साल पहले हमीरपुर स्थित पुराना जमुना घाट आया था। उस समय उसकी उम्र 20 साल थी। उसे बचपन से ही कई तरह के जहरीले सांपों को पकड़कर उनके साथ खेलने का शौक था।

- एक बार डीएम बंगले में आए दिन जहरीले सांप निकल रहे थे, जिससे डीएम और उनका परिवार दहशत में था। इसके बाद तत्कालीन डीएम जी. श्रीनिवास ने रफीक को नौकरी पर रखा। उसका काम सिर्फ सांप पकड़ना।

- रफीक ने बंगले से दर्जनों जहरीले और बड़े सांपों को पकड़ा और उन्हें वश में करने के बाद जंगल में छोड़ दिया। उसने अपने छोटे से जीवन में एक हजार से ज्यादा सांपों को अपने वश में किया था।

- उसे खुद पर और सांपों पर इतना भरोसा था कि उसने खुद को सांपों से कटवाना शुरू कर दिया था। वह सांप पकड़ता और अपनी जीभ पर डंक मरवाता था। ऐसा उसने सैकड़ों बार किया।

- रफीक को सांपों के श्रृंगार का भी शौक था। वह सावन माह में शिव मंदिरों में काले सांपों का श्रृंगार करता था। ये सांप उसके वश में होते थे।

5 बार मरवा चुका था डंक, 6वीं बार में खत्म हो गई जिंदगी

- सितंबर, 2016 में बेतवा नदी किनारे रमेड़ी गांव में किसी के घर में सांप निकला था। रफीक मौके पर पहुंचा। काफी जद्दोजहद के बाद उसने एक बड़ा और काला कोबरा सांप पकड़ा और उसे घर ले आया। रात में उसने सांप से खेलना शुरू किया।

- रफीक के परिजनों ने बताया, उस सांप से बेटे ने करीब 5 बार अपनी जीभ पर डंक मरवाया। 6वीं बार जब सांप ने डंक मारा तो रफीक की हालत बिगड़ गई। उसका जहर इतना खतरनाक था कि इलाज से पहले ही बेटे ने दम तोड़ दिया।

- रफीक के दोस्त मो. अज़ीम ने बताया, रफीक ऐसे कोबरा सांपों से पहले भी खुद को कटवा चुका था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस बार पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि सांपों से उसकी दोस्ती टूट गई।
अब परिजनों का क्या है कहना

- रफीक के परिजनों का कहना है, बेटे को गए एक साल हो गया, लेकिन अब भी जब इलाके में कहीं कोई सांप निकलता है तो लोग रफीक को ही याद करते हैं।

- बेटे को सांपों से खेलने का शौक था, लेकिन हम नहीं चाहते कि कोई भी ऐसा जोखि‍म भरा काम करे।