ज्यादा उम्र में भी मां बनने में मदद करेगी ये टेक्नीक, ये है इसकी प्रॉसेस
एग फ्रीजिंग की तकनीक महिलाओं को ज्यादा उम्र में भी मां बन सकने की आजादी देती है।
कामकाजी महिलाओं को कई बार अपने करियर के लिए मां बनने का विकल्प टालना पड़ता है। कई मल्टीनेशनल कम्पनियां और कॉरपोरेट सेक्टर में भी महिलाओं को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि वे देर से मां बनें और इसके लिए उन्हें स्पेशल इंसेंटिव्स भी दिए जाते हैं। क्या हैं ज्यादा उम्र में मां बनने के नुकसान?
इंटरनेशनल फर्टिलिटी सेंटर की चेयरपर्सन रीता बख्शी का कहना है कि 30-35 की उम्र के बाद मां बनने वाली महिलाओं को कई तरह के कॉम्प्लिकेशन्स हो सकते हैं और बांझपन यानी इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम भी हो सकती है। क्या है इसका समाधान?
ज्यादा एज में मां बनने की इच्छुक महिलाओं के लिए एग फ्रीजिंग एक सबसे बढ़िया समाधान है। एग्ज को फ्रीज करवाकर महिलाएं बाद में उसका यूज कर सकती हैं। क्या होती है एग फ्रीजिंग?
डॉ. रीता बख्शी के मुताबि,क एग फ्रीजिंग को मेडिकल टर्म में mature oocyte cryopreservation (मैच्योर ओसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन) कहा जाता है। यह महिलाओं की फर्टिलिटी को सुरक्षित रखने की मेडिकल विधि है। इसे किसी भी आईवीएफ क्लिनिक, स्पर्म बैंक या फर्टिलिटी सेंटर में करवाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में आईवीएफ विशेषज्ञों द्वारा महिलाओं की ओवरीज (अनिषेचित) से अंडे निकाले जाते हैं और इन्हें भविष्य में इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रखा जाता है। इस तरह रखा गया अंडा मनचाहे वक्त पर आईवीएफ लैब में स्पर्म के साथ मिला कर गर्भाशय में रखा जा सकता है।


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