एक बहन विधवा, एक की हत्या, भाई हैं गुमनाम, ऐसी है इस एक्ट्रेस की फैमिली
एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित आज अपना 69वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं।
एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित आज अपना 69वां बर्थडे (12 जुलाई) सेलिब्रेट कर रही हैं। गुजने जमाने की फेमस सिंगर सुलक्षणा की आज स्थिति ऐसी है कि वो अपनों को भी नहीं पहचानती हैं। ये हाल एक्टर संजीव कुमार द्वारा ठुकराए गए उनके प्यार के कारण हुआ है। मशहूर क्लासिकल सिंगर पं. जसराज की फैमिली से ताल्लुक रखने वाली सुलक्षणा के परिवार में तीन भाई संगीतकार जतिन-ललित, मंधीर, तीन बहनें माया एडरसन, संध्या सिंह और विजयेता पंडित हैं। हालांकि, इनकी बहन संध्या का मर्डर हुआ था, छोटी बहन विजयेता विधवा है, म्यूजिशियन भाई जतिन-ललित इन दिनों गुमनामी में है। आज आपको सुलक्षणा की फैमिली के बारे में बताते जा रहे हैं। विजयेता पंडित को भी नहीं मिली बॉलीवुड में कामयाबी...
विजयेता पंडित ने फिल्म 'लव-स्टोरी' (1981) से डेब्यू किया था। इस फिल्म के हीरो कुमार गौरव से उनका अफेयर भी रहा, लेकिन ये रिश्ता ज्यादा नहीं चल पाया। विजयेता ने डायरेक्टर समीर मलकान से शादी की हालांकि, बाद में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने 1990 में म्यूजिक डायरेक्टर आदेश श्रीवास्तव से शादी की। 2015 में आदेश का कैंसर की वजह से निधन हो गया। विजयेता विधवा है और उनके दो बेटे हैं। विजयेता की भी माली हालात खराब है। पति आदेश के जानें के बाद उन्हें अपना खर्चा चलाने के लिए अपनी कार तक बेचनी पड़ी थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि कुछ लोगों ने आदेश से उधार लिया था जो अब लौटा नहीं रहे हैं। उनकी माली हालात ठीक नहीं है। वे अपने बेटों को अच्छे कॉलेज में पढ़ा भी नहीं पा रही है। बता दें कि कुमार गौरव से अलग होने के 4 साल बाद विजयेता फिल्म 'मोहब्बत' (1985) में नजर आईं। उन्होंने 'जीते हैं शान से' (1986), 'दीवाना तेरे नाम का' (1987), 'जलजला' (1988), 'प्यार का तूफान' (1990) फिल्मों में काम किया।
भेजा था लीगल नोटिस
विजयेता पंडित ने कुछ महीने पहले मोती सागर (फिल्ममेकर रामानंद सागर के बेटे) को लीगल नोटिस भिजवाया था। विजयेता का कहना है कि 2015 में लोखंडवाला स्थित एक बंगले के लिए मोती सागर को 1.65 करोड़ रुपए की टोकन मनी दी गई थी। इसके बाद कुछ लेन-देन नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने ये बंगला किसी और को बेच दिया है। इस कंडिशन में विजयेता अपना पैसा वापस चाहती थी। हालांकि, इस आरोप को झूठा बताते हुए मोती सागर का कहना था कि आदेश श्रीवास्तव ने ही उनसे 2.28 करोड़ रुपए उधार लिए थे।
बहन संध्या की हत्या
बात 2012 की है। सलक्षणा की बहन संध्या सिंह की लाश नवी मुंबई में उन्हीं के घर से 200 किमी दूर मिली थी। संध्या की हत्या के शक में बेटे रघुवीर को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में उसे जमानत मिल गई थी। पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला था कि रघुवीर ड्रग एडिक्ट था और इसलिए वह घर से पैसे चुराता था। संध्या की शादी इंदौर के कस्टम ऑफिसर जयप्रकाश सिंह से हुई थी। विजयेता ने संध्या की हत्या के बाद एक इंटरव्यू में बताया था कि संध्या को ज्वैलरी पहनने को बहुत शौक था। उन्हें कई बार मना किया था कि वे ज्यादा ज्वैलरी न पहना करें, लेकिन वे नहीं मानती थी। बता दें कि संध्या उस समय गायब हुई थीं जब वे दिसंबर 2012 को नवी मुंबई के एनआरआई कॉम्प्लेक्स स्थित अपने घर से कहीं जाने को निकली थीं। जनवरी 2013 में उनका शव उन्हीं के घर से 200 मीटर दूर पाया गया था। डीएनए टेस्ट से पुष्टि हुई थी कि शव संध्या सिंह का ही था। हत्या के एक साल बाद 16 दिसंबर, 2013 को संध्या के बेटे रघुवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया था। यह हत्या काफी बर्बर तरीके से की गई थी। उनके शरीर के कई टुकड़े कर दिए गए थे।
जतिन-ललित
संगीतकार जतिन-ललित सुलक्षणा के भाई हैं। इस संगीतकार जोड़ी ने कई हिट फिल्मों में म्यूजिक दिया है। लेकिन न तो अब ये जोड़ी साथ रही और न ही इनका म्यूजिक किसी फिल्म में सुनाई देता है। जोड़ी ने 16 साल साथ काम किया और फिर अलग हो गए। जानकारों का कहना था कि दोनों के बीच फाइनेंशियल प्रॉब्लम को लेकर मनमुटाव हो गया था। दोनों 2006 से अलग-अलग काम कर रहे हैं। हालांकि, लंबे समय से इनका म्यूजिक किसी फिल्म में सुनने को नहीं मिला है। दोनों 'जो जीता वो ही सिकंदर' (1991), 'खिलाड़ी' (1992), 'कभी हां कभी ना' (1994), 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' (1994), 'फरेब' (1995), 'खामोशी' (1996), 'कुछ कुछ होता है' (1998), 'प्यार किया तो डरना क्या' (1998), 'मोहब्बतें' (1999), 'राजू चाचा' (2000) सहित कई फिल्मों में संगीत दिया है।
पागल हो गई हैं सुलक्षणा
सुलक्षणा पंडित संजीव कुमार से प्यार करती थीं। उन्होंने संजीव के सामने अपने प्यार का इजहार भी किया था और कहा था कि वे उनसे शादी कर लें। जब संजीव ने उनके प्यार को ठुकरा दिया था तो वे डिप्रेशन में चली गई थीं। 47 साल की उम्र में जब संजीव कुमार की मौत हुई तो वे ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं और पागल हो गई थीं। हालांकि, कुछ दिनों पहले उनकी छोटी बहन विजयेता पंडित ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी बहन अब ठीक हैं। बता दें कि सुलक्षणा ने फिल्मों में गाने के अलावा एक्टिंग भी की है। उन्होंने 'माना तेरी नजर में तेरा प्यार हम नहीं...' (फिल्म 'आहिस्ता-आहिस्ता'), 'बेकरार दिल...' (फिल्म 'दूर का राही'), 'सात समंदर पार से...' ( फिल्म 'तकदीर'), 'छुपा-छुपी खेले आओ...' ( फिल्म 'ड्रीम गर्ल'), 'मौसम मौसम लवली मौसम...' ( फिल्म 'थोड़ी सी बेवफाई'), 'सोमवार को हम मिले...' ( फिल्म 'अपनापन') सहित अन्य गाने गाए हैं। उन्होंने अपने अभिनय सफर की शुरुआत 1975 में फिल्म 'उलझन' से की थी। इस फिल्म में उनके को-स्टार थे संजीव कुमार। उन्होंने 'हेरी-फेरी' (1976), 'अपनापन' (1977), 'खानदान' 91979), 'चेहरे पे चेहरा' (1981), 'धरम संकट' (1982), 'वक्त की दीवार' (1982
एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित आज अपना 69वां बर्थडे (12 जुलाई) सेलिब्रेट कर रही हैं। गुजने जमाने की फेमस सिंगर सुलक्षणा की आज स्थिति ऐसी है कि वो अपनों को भी नहीं पहचानती हैं। ये हाल एक्टर संजीव कुमार द्वारा ठुकराए गए उनके प्यार के कारण हुआ है। मशहूर क्लासिकल सिंगर पं. जसराज की फैमिली से ताल्लुक रखने वाली सुलक्षणा के परिवार में तीन भाई संगीतकार जतिन-ललित, मंधीर, तीन बहनें माया एडरसन, संध्या सिंह और विजयेता पंडित हैं। हालांकि, इनकी बहन संध्या का मर्डर हुआ था, छोटी बहन विजयेता विधवा है, म्यूजिशियन भाई जतिन-ललित इन दिनों गुमनामी में है। आज आपको सुलक्षणा की फैमिली के बारे में बताते जा रहे हैं। विजयेता पंडित को भी नहीं मिली बॉलीवुड में कामयाबी...
विजयेता पंडित ने फिल्म 'लव-स्टोरी' (1981) से डेब्यू किया था। इस फिल्म के हीरो कुमार गौरव से उनका अफेयर भी रहा, लेकिन ये रिश्ता ज्यादा नहीं चल पाया। विजयेता ने डायरेक्टर समीर मलकान से शादी की हालांकि, बाद में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने 1990 में म्यूजिक डायरेक्टर आदेश श्रीवास्तव से शादी की। 2015 में आदेश का कैंसर की वजह से निधन हो गया। विजयेता विधवा है और उनके दो बेटे हैं। विजयेता की भी माली हालात खराब है। पति आदेश के जानें के बाद उन्हें अपना खर्चा चलाने के लिए अपनी कार तक बेचनी पड़ी थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि कुछ लोगों ने आदेश से उधार लिया था जो अब लौटा नहीं रहे हैं। उनकी माली हालात ठीक नहीं है। वे अपने बेटों को अच्छे कॉलेज में पढ़ा भी नहीं पा रही है। बता दें कि कुमार गौरव से अलग होने के 4 साल बाद विजयेता फिल्म 'मोहब्बत' (1985) में नजर आईं। उन्होंने 'जीते हैं शान से' (1986), 'दीवाना तेरे नाम का' (1987), 'जलजला' (1988), 'प्यार का तूफान' (1990) फिल्मों में काम किया।
भेजा था लीगल नोटिस
विजयेता पंडित ने कुछ महीने पहले मोती सागर (फिल्ममेकर रामानंद सागर के बेटे) को लीगल नोटिस भिजवाया था। विजयेता का कहना है कि 2015 में लोखंडवाला स्थित एक बंगले के लिए मोती सागर को 1.65 करोड़ रुपए की टोकन मनी दी गई थी। इसके बाद कुछ लेन-देन नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने ये बंगला किसी और को बेच दिया है। इस कंडिशन में विजयेता अपना पैसा वापस चाहती थी। हालांकि, इस आरोप को झूठा बताते हुए मोती सागर का कहना था कि आदेश श्रीवास्तव ने ही उनसे 2.28 करोड़ रुपए उधार लिए थे।
बहन संध्या की हत्या
बात 2012 की है। सलक्षणा की बहन संध्या सिंह की लाश नवी मुंबई में उन्हीं के घर से 200 किमी दूर मिली थी। संध्या की हत्या के शक में बेटे रघुवीर को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में उसे जमानत मिल गई थी। पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला था कि रघुवीर ड्रग एडिक्ट था और इसलिए वह घर से पैसे चुराता था। संध्या की शादी इंदौर के कस्टम ऑफिसर जयप्रकाश सिंह से हुई थी। विजयेता ने संध्या की हत्या के बाद एक इंटरव्यू में बताया था कि संध्या को ज्वैलरी पहनने को बहुत शौक था। उन्हें कई बार मना किया था कि वे ज्यादा ज्वैलरी न पहना करें, लेकिन वे नहीं मानती थी। बता दें कि संध्या उस समय गायब हुई थीं जब वे दिसंबर 2012 को नवी मुंबई के एनआरआई कॉम्प्लेक्स स्थित अपने घर से कहीं जाने को निकली थीं। जनवरी 2013 में उनका शव उन्हीं के घर से 200 मीटर दूर पाया गया था। डीएनए टेस्ट से पुष्टि हुई थी कि शव संध्या सिंह का ही था। हत्या के एक साल बाद 16 दिसंबर, 2013 को संध्या के बेटे रघुवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया था। यह हत्या काफी बर्बर तरीके से की गई थी। उनके शरीर के कई टुकड़े कर दिए गए थे।
जतिन-ललित
संगीतकार जतिन-ललित सुलक्षणा के भाई हैं। इस संगीतकार जोड़ी ने कई हिट फिल्मों में म्यूजिक दिया है। लेकिन न तो अब ये जोड़ी साथ रही और न ही इनका म्यूजिक किसी फिल्म में सुनाई देता है। जोड़ी ने 16 साल साथ काम किया और फिर अलग हो गए। जानकारों का कहना था कि दोनों के बीच फाइनेंशियल प्रॉब्लम को लेकर मनमुटाव हो गया था। दोनों 2006 से अलग-अलग काम कर रहे हैं। हालांकि, लंबे समय से इनका म्यूजिक किसी फिल्म में सुनने को नहीं मिला है। दोनों 'जो जीता वो ही सिकंदर' (1991), 'खिलाड़ी' (1992), 'कभी हां कभी ना' (1994), 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' (1994), 'फरेब' (1995), 'खामोशी' (1996), 'कुछ कुछ होता है' (1998), 'प्यार किया तो डरना क्या' (1998), 'मोहब्बतें' (1999), 'राजू चाचा' (2000) सहित कई फिल्मों में संगीत दिया है।
पागल हो गई हैं सुलक्षणा
सुलक्षणा पंडित संजीव कुमार से प्यार करती थीं। उन्होंने संजीव के सामने अपने प्यार का इजहार भी किया था और कहा था कि वे उनसे शादी कर लें। जब संजीव ने उनके प्यार को ठुकरा दिया था तो वे डिप्रेशन में चली गई थीं। 47 साल की उम्र में जब संजीव कुमार की मौत हुई तो वे ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं और पागल हो गई थीं। हालांकि, कुछ दिनों पहले उनकी छोटी बहन विजयेता पंडित ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी बहन अब ठीक हैं। बता दें कि सुलक्षणा ने फिल्मों में गाने के अलावा एक्टिंग भी की है। उन्होंने 'माना तेरी नजर में तेरा प्यार हम नहीं...' (फिल्म 'आहिस्ता-आहिस्ता'), 'बेकरार दिल...' (फिल्म 'दूर का राही'), 'सात समंदर पार से...' ( फिल्म 'तकदीर'), 'छुपा-छुपी खेले आओ...' ( फिल्म 'ड्रीम गर्ल'), 'मौसम मौसम लवली मौसम...' ( फिल्म 'थोड़ी सी बेवफाई'), 'सोमवार को हम मिले...' ( फिल्म 'अपनापन') सहित अन्य गाने गाए हैं। उन्होंने अपने अभिनय सफर की शुरुआत 1975 में फिल्म 'उलझन' से की थी। इस फिल्म में उनके को-स्टार थे संजीव कुमार। उन्होंने 'हेरी-फेरी' (1976), 'अपनापन' (1977), 'खानदान' 91979), 'चेहरे पे चेहरा' (1981), 'धरम संकट' (1982), 'वक्त की दीवार' (1982


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