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गांगुली की 'दादा'गीरी के 11 किस्से, जब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने कहा घमंडी

 क्रिकेटर के तौर पर गांगुली को उनकी दादागीरी के लिए भी जाना जाता है।

भारतीय क्रिकेट टीम में दादा के नाम से मशहूर पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का आज 45th बर्थडे है। वनडे क्रिकेट में दुनिया में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले 8वें नंबर के बैट्समैन गांगुली का करियर जितना चमकदार रहा है, उतनी ही कॉन्ट्रोवर्सी से वे घिरे रहते थे। क्रिकेटर के तौर पर गांगुली को उनकी 'दादागीरी' के लिए भी जाना जाता है। आज नेक्सा news.com आपको बता रहा है सौरव गांगुली की 11 कॉन्ट्रोवर्सी। जब पहले ही मैच में ड्रिंक्स ले जाने से मना किया...

- 1991-92 में ऑस्ट्रेलिया टूर पर गई टीम इंडिया में सौरव गांगुली को डेब्यू करने का मौका मिला था। गांगुली के डेब्यू के साथ उनके करियर के पहले विवाद ने भी यहां जन्म ले लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि बैंच्ड प्लेयर के तौर पर उन्होंने फील्ड पर मौजूद प्लेयर्स के लिए ड्रिंक्स ले जाने के लिए मना कर दिया था। उनके इस एटिट्यूड की वजह से उन्हें 4 साल तक टीम में जगह नहीं मिली थी।
- हालांकि, सालों बाद गांगुली ने एक इंटरव्यू में कहा कि न जाने कहां से यह कहानी आ गई। उन्होंने ड्रिंक्स ले जाने वाली बात पर सिर्फ इतना कहा कि हमारी ट्रिप पर रनबीर सिंह नाम का मैनेजर था। उससे खराब व्यक्ति मैंने अपनी लाइफ में कभी नहीं देखा। हमारे लिए शर्म की बात थी कि उस जैसे मैनेजर को टीम के साथ रखा गया था।

सन् 2000 में गांगुली ने लंकाशायर में काउंटी क्रिकेट खेलना शुरू किया। उन्होंने यहां भी विवादों को जन्म दे दिया था। इसका कारण था उनका नवाबों जैसा व्यवहार। उस दौर में काउंटी खेल रहे उनके साथी क्रिकेटर्स ने कहा कि गांगुली नवाबों की तरह दूसरे प्लेयर्स को ऑर्डर देते और उनसे अपना काम करवाते थे। उनके साथी माइकल आथर्टन ने कहा था कि एक बार गांगुली ने उन्हें अपना स्वेटर देकर ग्राउंड के बाहर जाने को कहा दिया था। इसके अलावा वे चाहते थे कि दूसरे प्लेयर्स उनका क्रिकेट बैग लेकर आएं, वे बेहद घमंडी थे। एक दौर ऐसा भी आया कि उनकी फिफ्टी पर ड्रेसिंग रूम में किसी ने ताली नहीं बजाई। इंग्लैंड के एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने अपनी बायोग्राफी में लिखा कि गांगुली खुद को प्रिंस चार्ल्स समझते थे।

2001 में उस दौर की मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस रही नगमा के साथ गांगुली का नाम जुड़ा था। ऐसी खबरें थीं कि शादीशुदा होने के बावजूद गांगुली नगमा को डेट कर रहे हैं। उनके कई जगहों पर एक साथ होने के फोटो भी सामने आए। ऐसे वक्त में गांगुली की वाइफ डायना उनके सपोर्ट में आईं और ऐसी बातों को बकवास बताया। वहीं, एक्ट्रेस नगमा ने दो साल बाद कहा था कि हमारे अफेयर को लेकर जो भी बातें आईं, हमने उसका विरोध नहीं किया। इसलिए लोग जो समझना चाहें, समझ सकते हैं।

2001 में गांगुली अपनी लेट लतीफी के लिए बदनाम हुए थे। इंडिया ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ को काफी देर तक ग्राउंड पर इंतजार कराया। उन पर ये आरोप भी लगे की वे पूरी सीरीज के दौरान टॉस के लिए देरी से आए, जिससे ठंडे दिमाग के स्टीव वॉ को भी गुस्सा आ गया था और उन्होंने गांगुली को घमंडी कह दिया था।

2001 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान मैच रेफरी ने टीम के 6 क्रिकेटर्स पर बैन लगाने के साथ गांगुली को सस्पेंड कर दिया था। मैच रेफरी ने यहां सचिन पर बॉल टेम्परिंग के आरोप लगाने के साथ-साथ सहवाग, दीपदास गुप्ता, हरभजन सिंह और शिव सुंदर दास पर बहुत ज्यादा अपील करने का दोषी पाया था। रेफरी ने इसके बाद गांगुली पर अपनी टीम को कंट्रोल न करने का आरोप लगाते हुए 1 मैच के लिए सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद पूरे भारत में मैच रेफरी माइक डेन्नेस का विरोध हुआ था।

1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में खेले जा रहे एक टेस्ट के दौरान अंपायर ने गांगुली को आउट दे दिया था। गांगुली को ये बात नागवार गुजरी और उन्होंने आउट मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन पर एक वनडे मैच का बैन लगा दिया गया था।

2001 में गांगुली ने श्रीलंका के खिलाफ मैच में आउट होने के बाद गुस्से में अंपायर को बैट दिखया था। इसके बाद बॉलिंग के दौरान अंपायर के एक फैसले पर बहस करने लगे थे, जिसके बाद उन पर एक और मैच का बैन लगा दिया गया था।

सौरव ने वर्ष 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्‍ट ट्रॉफी के फाइनल के दौरान लार्ड्स ग्राउंड की बालकनी में जश्‍न के अंदाज में अपनी शर्ट उतारकर लहराई थी। यह क्रिकेट इतिहास की ऐतिहासिक घटना थी। भारत में इसे जश्न के तौर पर देखा गया, तो वहीं क्रिकेट दिग्गजों ने इसे लॉर्ड्स मैदान का अपमान बताया था। हालांकि, गांगुली ने शर्ट उतारकर भारत में ऐसी ही हरकत करने वाले एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था।

2004 में गांगुली के एटिट्यूड को लेकर एक और विवाद सामने आया था, जब उन्होंने पिच पर घास होने की वजह से नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने से मना कर दिया था। रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि गांगुली ने पिच की वजह से खुद को टीम से बाहर कर लिया था।

2005 में गांगुली सबसे बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी में फंसे जब उनका विवाद टीम इंडिया के कोच रहे ग्रेग चैपल से हुआ था। चैपल कप्तान गांगुली की बैटिंग से नाखुश थे और उन्होंने गांगुली से अपनी बैटिंग सुधारने की बात कही। इसके बाद अगले ही मैच में गांगुली ने सेन्चुरी लगाने के बाद मीडिया को बताया कि चैपल चाहते हैं कि मैं खेलना छोड़ दूं। इसके बाद क्रिकेट जगत में ये बात आग की तरह फैली।
- चैपल ने तत्काल गांगुली की शिकायत बोर्ड से कर दी, जिसके बाद गांगुली को कप्तानी से हटा दिया गया। इतना ही नहीं, उन्हें वनडे टीम से भी ड्रॉप कर दिया गया। वे एक साल तक टीम से बाहर रहे।

आईपीएल के पहले सीजन 2008 में गांगुली और शेन वॉर्न के बीच जमकर विवाद हुआ था। शेन वॉर्न ने आरोप लगाए थे कि गांगुली यहां भी बैटिंग करने देर से आए थे, जिस वजह से उनकी टीम राजस्थान रॉयल्स को काफी देर फील्ड पर इंतजार करना पड़ा था। इतना ही नहीं, वॉर्न ने ये भी कहा कि गांगुली बेवजह अंपायर्स पर राजस्थान के फील्डर्स के कैच को रिव्यू करने का दवाब बनाते थे।