रेड के लिए CBI ने चुना था खास दिन, ड्राइवरों ने बताई ये बात
RJD चीफ लालू प्रसाद के ठिकानों पर रेड के लिए शुक्रवार का दिन ही क्यों चुना? इस सवाल के पीछे भी एक राज छिपा है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार रेड की पृष्ठभूमि एक सप्ताह पहले ही तैयार हो चुकी थी। सीबीआई चाहती तो किसी भी दिन रेड कर सकती थी, लेकिन 7 जुलाई का दिन चुनने के पीछे भी एक बड़ी वजह थी। उधर, सीबीआई जिन गाड़ियों से रेड डालने पहुंची थी उसके ड्राइवरों ने अफसरों के बारे में चौंकाने वाली बात बताई। ड्राइवरों को नहीं पता लगा कि वे सीबीआई अफसर हैं...
- सात जुलाई को ही रेड डालने के पीछे की वजह ये सामने आ रही है कि सीबीआई नहीं चाहती थी कि छापेमारी के दौरान लालू अपने आवास पर मौजूद रहें।
- चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को रांची में लालू की पेशी थी। सीबीआई ने इसका फायदा उठाया और पटना वाले आवास पर छापा मार दिया।
- इसके पीछे का तर्क यह है कि लालू अगर अपने आवास पर मौजूद रहेंगे तो उनके समर्थकों की भीड़ जुटेगी और फिर उनको संभालना मुश्किल हो सकता है।
- दूसरा यह कि सीबीआई की टीम पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से जो जानकारियां जुटाना चाह रही थी, वह शायद लालू की मौजूदगी में जुटा पाना थोड़ा कठिन हो सकता है।
- खास बात यह भी रही कि लालू प्रसाद के रांची से पटना पहुंचने से ठीक पहले सीबीआई टीम वापस हो गई।
पिछली बार पटना वाले आवास पर नहीं डाली थी रेड
- पिछले दिनों जब आयकर विभाग ने लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर जब छापेमारी की थी तो पटना वाले आवास को छोड़ दिया गया था। उस दिन लालू पटना में ही मौजूद थे।
- संभव है कि पटना वाले आवास पर आयकर की टीम की गैरमौजूदगी के पीछे की एक वजह यह भी रही हो। चारा घोटाला से जुड़े मामले में लालू को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई को सेना बुलाने की नौबत आ गई थी।
- लालू के ठिकानों पर जब कभी भी इस तरह की कार्रवाई हुई हैं एजेंसियां बेहद सतर्क होकर ऑपरेशन करती रही हैं। दरअसल लालू अपने समर्थकों के बीच बेहद पॉपुलर हैं और उनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई का जबरदस्त तरीके से विरोध भी करते रहे हैं।
सीबीआई का सिक्रेट मिशन : पहचान छिपाने के लिए किया था भाड़े की गाड़ी का इस्तेमाल
- दिल्ली में एफआईआर दर्ज होने के बाद पटना पहुंची ब्यूरो की विशेष टीम के सदस्यों ने अपनी पहचान छिपाते हुए राजधानी में डेरा जमाया था। टीम के सदस्य करीब आधा दर्जन होटलों में अलग-अलग ठहरे थे।
- किसी को उन पर शक नहीं हो, इसके लिए भाड़े की गाड़ी का इस्तेमाल किया। बीते गुरुवार को ड्राइवर के सामने सीबीआई अफसरों ने खुद को जींस कपड़े का व्यापारी बता कर परिचय दिया आैर व्यापार के सिलसिले में मीटिंग के लिए जाने की बात कही। फिर भाड़े पर गाड़ी लेने के बाद सीबीआई की टीम अपने गुप्त मिशन पर लग गई।
जब ड्राइवर ने सीबीआई अफसरों को हड़काया
- वेश बदल कर कारोबारी के रुप में सीबीआई की टीम गाड़ी से शहर में घूम रही थी। टीम के सदस्य गाड़ियों से इधर से उधर चक्कर लगा रहे थे।
- इस क्रम में कई बार गाड़ियों को छोड़ कर वे लोग पैदल ही अन्यत्र चले जाते आैर काफी देर बाद लौटते। अजनबियों की इस हरकत को लेकर नाराज चालकों ने शक होने पर सीबीआई अफसरों को जमकर हड़काया।
- कहा - आपलोग ऐसे करिएगा तो गाड़ी नहीं ले जाएंगे। आपलोगों के साथ नहीं जाएंगे। इसका खुलासा करते हुए दो चालकों ने बताया कि शहर में चक्कर लगाने के दौरान उन लोगों (सीबीआई टीम) ने कुछ जगहों पर मीटिंग की थी। पर उस समय किसी चालक को कुछ समझ में नहीं आया था कि उसके साथ कौन है?
सुबह में पता चला हकीकत तो रह गए सन्न
- चालकों के मुताबिक शुक्रवार की सुबह 5 बजे व्यवसायियों (सीबीआई अफसरों) ने कहा कि तुमलोग तैयार हो जाओ। थोड़ी देर में यहां से निकलना है।
- इसके बाद करीब 7 बजे सीबीआई की टीम गाड़ियों से बेली रोड होते हुए सर्कुलर रोड में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बंगले के पास आकर रुकी।
- इसके बाद सीबीआई अफसरों ने अपना आईकार्ड आदि निकाला। ड्राइवर से अपना असली परिचय देते हुए कहा कि हमलोग रेड में जा रहे हैं, तुम बाहर इंतजार करो।
- सीबीआई... सुनते-जानते ही चालक सन्न रह गए। बीते पलों को याद करके खुद को कोसने लगे कि यह क्या कर दिया। क्यों डांट दिया था।
- इसी बीच कुछ चैनल वालों ने चालकों को टोका तो वे अजनबी बने सीबीआई अफसरों की एक दिन पुरानी कहानी सुनाने लगे।
- तभी लाइव टीवी पर चालकों का चेहरा व बयान देखते ही टीम के दो कर्मी आनन-फानन में बाहर निकले आैर चालकों को आवाज दी। ‘कम हियर (यहां आओ)। हमलोग अंदर हैं आैर तुम बाहर में बाइट देने लगे। चलो अंदर ही बैठना।’...
- सात जुलाई को ही रेड डालने के पीछे की वजह ये सामने आ रही है कि सीबीआई नहीं चाहती थी कि छापेमारी के दौरान लालू अपने आवास पर मौजूद रहें।
- चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को रांची में लालू की पेशी थी। सीबीआई ने इसका फायदा उठाया और पटना वाले आवास पर छापा मार दिया।
- इसके पीछे का तर्क यह है कि लालू अगर अपने आवास पर मौजूद रहेंगे तो उनके समर्थकों की भीड़ जुटेगी और फिर उनको संभालना मुश्किल हो सकता है।
- दूसरा यह कि सीबीआई की टीम पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से जो जानकारियां जुटाना चाह रही थी, वह शायद लालू की मौजूदगी में जुटा पाना थोड़ा कठिन हो सकता है।
- खास बात यह भी रही कि लालू प्रसाद के रांची से पटना पहुंचने से ठीक पहले सीबीआई टीम वापस हो गई।
पिछली बार पटना वाले आवास पर नहीं डाली थी रेड
- पिछले दिनों जब आयकर विभाग ने लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर जब छापेमारी की थी तो पटना वाले आवास को छोड़ दिया गया था। उस दिन लालू पटना में ही मौजूद थे।
- संभव है कि पटना वाले आवास पर आयकर की टीम की गैरमौजूदगी के पीछे की एक वजह यह भी रही हो। चारा घोटाला से जुड़े मामले में लालू को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई को सेना बुलाने की नौबत आ गई थी।
- लालू के ठिकानों पर जब कभी भी इस तरह की कार्रवाई हुई हैं एजेंसियां बेहद सतर्क होकर ऑपरेशन करती रही हैं। दरअसल लालू अपने समर्थकों के बीच बेहद पॉपुलर हैं और उनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई का जबरदस्त तरीके से विरोध भी करते रहे हैं।
सीबीआई का सिक्रेट मिशन : पहचान छिपाने के लिए किया था भाड़े की गाड़ी का इस्तेमाल
- दिल्ली में एफआईआर दर्ज होने के बाद पटना पहुंची ब्यूरो की विशेष टीम के सदस्यों ने अपनी पहचान छिपाते हुए राजधानी में डेरा जमाया था। टीम के सदस्य करीब आधा दर्जन होटलों में अलग-अलग ठहरे थे।
- किसी को उन पर शक नहीं हो, इसके लिए भाड़े की गाड़ी का इस्तेमाल किया। बीते गुरुवार को ड्राइवर के सामने सीबीआई अफसरों ने खुद को जींस कपड़े का व्यापारी बता कर परिचय दिया आैर व्यापार के सिलसिले में मीटिंग के लिए जाने की बात कही। फिर भाड़े पर गाड़ी लेने के बाद सीबीआई की टीम अपने गुप्त मिशन पर लग गई।
जब ड्राइवर ने सीबीआई अफसरों को हड़काया
- वेश बदल कर कारोबारी के रुप में सीबीआई की टीम गाड़ी से शहर में घूम रही थी। टीम के सदस्य गाड़ियों से इधर से उधर चक्कर लगा रहे थे।
- इस क्रम में कई बार गाड़ियों को छोड़ कर वे लोग पैदल ही अन्यत्र चले जाते आैर काफी देर बाद लौटते। अजनबियों की इस हरकत को लेकर नाराज चालकों ने शक होने पर सीबीआई अफसरों को जमकर हड़काया।
- कहा - आपलोग ऐसे करिएगा तो गाड़ी नहीं ले जाएंगे। आपलोगों के साथ नहीं जाएंगे। इसका खुलासा करते हुए दो चालकों ने बताया कि शहर में चक्कर लगाने के दौरान उन लोगों (सीबीआई टीम) ने कुछ जगहों पर मीटिंग की थी। पर उस समय किसी चालक को कुछ समझ में नहीं आया था कि उसके साथ कौन है?
सुबह में पता चला हकीकत तो रह गए सन्न
- चालकों के मुताबिक शुक्रवार की सुबह 5 बजे व्यवसायियों (सीबीआई अफसरों) ने कहा कि तुमलोग तैयार हो जाओ। थोड़ी देर में यहां से निकलना है।
- इसके बाद करीब 7 बजे सीबीआई की टीम गाड़ियों से बेली रोड होते हुए सर्कुलर रोड में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बंगले के पास आकर रुकी।
- इसके बाद सीबीआई अफसरों ने अपना आईकार्ड आदि निकाला। ड्राइवर से अपना असली परिचय देते हुए कहा कि हमलोग रेड में जा रहे हैं, तुम बाहर इंतजार करो।
- सीबीआई... सुनते-जानते ही चालक सन्न रह गए। बीते पलों को याद करके खुद को कोसने लगे कि यह क्या कर दिया। क्यों डांट दिया था।
- इसी बीच कुछ चैनल वालों ने चालकों को टोका तो वे अजनबी बने सीबीआई अफसरों की एक दिन पुरानी कहानी सुनाने लगे।
- तभी लाइव टीवी पर चालकों का चेहरा व बयान देखते ही टीम के दो कर्मी आनन-फानन में बाहर निकले आैर चालकों को आवाज दी। ‘कम हियर (यहां आओ)। हमलोग अंदर हैं आैर तुम बाहर में बाइट देने लगे। चलो अंदर ही बैठना।’...


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