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एक तरफ खाई, दूसरी तरफ झोली में लड़की, ये फोटो बहुत कुछ कहती है...


पर्यटन नगरी मांडू में एक बहुत ही दुखद नजारा देखने को मिला। एक तरफ गहरी खाई और संकरा रास्ता तो दूसरी तरफ बुखार से तप रही 10 साल की मासूम बच्ची। परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए गहरी खाई को पार करना ही उचित समझा और चादर की झोली में डालकर उसे पहाड़ी रास्ते से लेकर चल दिए

जानकारी अनुसार मांडू के खाई में बसे गांव उंडाखोह में 10 साल की बालिका केवा पिता गिरधारी को तेज बुखार था। बुखार बढ़ता देख परिजन परेशान हो गए। उनके सामने दो रास्ते थे पहला 8 किमी की खाई और दूसरा 40 किलोमीटर का लंबा रास्ता।

- परिवार ने बेटी को बचाने के लिए खाई वाला रास्ता चुना और झोली में डाल कर उसे करीब 8 किमी खाई में चढ़कर ऊपर मांडू की लोहानी गुफाओं के पास लाए। यहां से बालिका को भाई लालू महाराज परिचित फत्तूसिंह की बाइक पर धामनोद अस्पताल इलाज के लिए ले गया।

- दरअसल, जंगल के रास्ते से जाने पर 40 किमी चलने पर मुख्य मार्ग पर ब्राह्मणपुरी पहुंच पाते हैं। जबकि खाई से आने पर 8 किमी पैदल चलने पर मांडू की सड़क पर आ जाते हैं, इसलिए लोग बीमारों को ऐसे ही झोली में यहां ऊपर तक लाते हैं। कई बार बीच में मरीज दम तोड़ देते हैं। इन गांवों तक एंबुलेंस पहुंचाने के रास्ते नहीं हैं।