जंग के बाद से वीरान पड़ी ये खूबसूरत सिटी, पहुंचने के लिए नहीं है सड़क
जब भी जंग होती है तो वह अपने पीछे सिर्फ बर्बादी के निशान ही छोड़ जाती है। फर्स्ट और सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद ऐसा ही हुआ, जब कई देशों के पूरे के पूरे शहर ही तबाह हो गए। इनमें से कई तो आज भी वैसे के वैसे ही वीरान पड़े हैं और अब इनकी पहचान ‘भुतहा’ शहरों के रूप में होती है। इनमें से एक सोवियत यूनियन (अब रूस) की बेचेविनका सिटी भी है। शहर तक पहुंचने के लिए नहीं है कोई सड़क...
- रूस के पूर्व में कामचतका प्रायद्वीप में स्थित बेचेविनका खूबसूरत पहाड़ियों और झीलों के बीच बसाई गई सिटी थी।
- इसे तत्कालीन सोवियत लीडर निकिता खुरुश्चेव ने 1960 में सबमरीन के निर्माण के लिए बसाया था।
- सेकंड वर्ल्ड वॉर (1945) के खत्म होने के बाद सोवियत यूनियन और पश्चिमी देशों के बीच शीत युद्ध छिड़ गया था। इस समय सोवियत यूनियन और अमेरिका आमने-सामने थे।
- इस समय दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात थे और दोनों ही देशों के बीच हथियारों की होड़ मची हुई थी।
- इसी के चलते निकिता खुरुश्चेव ने चोरी-छिपे सबमरीन का निर्माण करने के लिए यहां एक सिटी ही बसा दी थी।
- यहां तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं था और न ही अब तक है। यहां सिर्फ हेलिकॉप्टर या समुद्री रास्ते से ही पहुंंचा जा सकता है।
सबमरीन के लिए खास जगह थी ये
- सोवियत यूनियन ने सबमरीन बनाने के लिए यह खास जगह इसलिए चुनी थी कि यह पहाड़ों से घिरी जगह थी।
- इसके अलावा यह ज्वालामुखी क्षेत्र है, जहां पहाड़ों से अक्सर धुंआ निकलता रहता था, जिसके चलते यह जगह सैटेलाइट से भी आसानी से दिखाई नहीं देती थी।
- यहां कई सबमरीन का निर्माण किया गया, जिनसे यूरोपीय देशों को भी टार्गेट किया जा सकता था। हालांकि, इसकी नौबत कभी नहीं आई।
- हालांकि, हर पल बदलते मौसम की मार के चलते सोवियत यूनियन के विघटन यानी की 1992 से पहले ही यह शहर खाली कर दिया गया था।
टूरिस्ट प्लेस बन चुकी है सिटी
- बेचेविनका अब देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए टूरिस्ट प्लेस है। यहां हर साल हजारों की संख्या में सैलानी फोटोग्राफी करने आते हैं।
- यहां अब भी कबाड़ बन चुकी कई वॉरशिप्स युद्ध के साजो-सामान और जंग खाई हुईं मशीनें देखी जा सकती हैं।
- इस सिटी तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं है। इसके चलते न तो यहां बिजली की व्यवस्था और न ही पीने के लिए साफ पानी।
- हालांकि, सैलानियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रैवल कंपनियां अपने टूरिस्ट के लिए पानी व बिजली के लिए जनरेटर की व्यवस्था कर लेती है।

Post a Comment