बाथटब में बच्चों को जन्म दे रही हैं महिलाएं, लेकिन इस खतरे से हैं अनजान
विदेशों में महिलाएं हॉस्पिटल की जगह घर पर ही बाथ टब में बच्चों को जन्म देना प्रेफर कर रही हैं।
भारत में पहले के जमाने में ज्यादातर डिलीवरी घर में ही करवाई जाती थी। अब जाकर हॉस्पिटल में डिलिवरी का चलन बढ़ा है। लेकिन अब फिर से विदेशों में महिलाएं हॉस्पिटल की जगह घर पर ही बाथ टब में बच्चों को जन्म देना प्रेफर कर रही हैं। वाटर बर्थ को सबसे आसान और कम दर्द वाला तरीका माना जाता है। लेकिन इसके बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए डॉक्टर्स ने महिलाओं को आगाह किया है कि इस तरीके से वो अपने बच्चों को खतरनाक बीमारी के मुंह में धकेल रही हैं। बच्चे की जान को हो सकता है खतरा...
डॉक्टर्स के मुताबिक, वाटर बर्थ के जरिए लेगिओनेयर नाम की बीमारी हो सकती है। ये एक तरह की बैक्टीरियल बीमारी है, जो गंदे पानी के जरिए एक से दूसरे इंसान को हो सकता है। दुनियाभर से हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें वाटर बर्थ से पैदा हुए बच्चों में ये बीमारी देखने को मिली है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जन्म के समय पानी में मौजूद बैक्टीरिया के कारण नवजात इसकी चपेट में आ जाते हैं।
इस तरह कर सकते हैं बचाव
एक्सपर्ट ने बताया कि जिस हिसाब से वाटर बर्थ का चलन बढ़ रहा है, उसे रोकना मुश्किल है। लेकिन अगर कुछ तरीकों को अपनाया जाया तो इस बीमारी से बच्चों को ग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। इसमें सबसे पहले तो पानी का तापमान इतना रखा जाए, जिसमें ये बैक्टीरिया ग्रो ना कर पाए। इसके अलावा लेबर पेन के समय महिला पानी में हो, लेकिन बच्चे को जन्म पानी से बाहर दें।


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