इस मुस्लिम देश में ऐसे चोरी-छिपे होती हैं एल्कोहल पार्टीज
ईरान की सेमी-ऑफिशियल न्यूज एजेंसी ‘फार्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, शराब-पार्टी का कल्चर अधिकतर रईस लोगों के बीच है।
ईरान की पहचान एक कट्टरपंथी देश के रुप में होती है। यहां के सख्त इस्लामिक नियम-कायदों के चलते महिलाओं का हिजाब में रहना जरूरी है। वहीं, पुरुषों के लिए भी लंबे ट्राउजर और पूरी आस्तीन की शर्ट पहनने जैसे नियम है। देश में शराब पर पूरी तरह बैन है। वहीं, रेस्टोरेंट और कैफे के अलावा कहीं भी नाइट क्लब या बार नहीं मिलेंगे। हालांकि, इन पाबंदियों के बावजूद यहां चोरी-छिपे एल्कोहल पार्टीज होती हैं। पुलिस को दी जाती है रिश्वत...
- ईरान की सेमी-ऑफिशियल न्यूज एजेंसी ‘फार्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, शराब-पार्टी का कल्चर यहां की ज्यादातर रईस फैमिलीज के बीच है।
- यंगस्टर्स की शराब-सिगरेट की पार्टी का दौर देर रात तक चलता रहता है। रिच किड्स के बर्थडे पर ऐसी पार्टियां आम बात हैं।
- ‘फार्स’ के एक रिपोर्टर की स्टडी में ऐसे कई चौंकाने वाले खुलासे हैं। रिपोर्टर ने इस बात की पुष्टि के लिए खुद ही कई पार्टीज अटेंड की और रात भर का माहौल देखा।
- एक ऐसी ही पार्टी में शामिल शबनम नाम की लड़की ने रिपोर्टर को बताया कि वो और उसके दोस्त ऐसी पार्टियां अक्सर करते रहते हैं। अगर पुलिस आती है तो उन्हें 50 रियाल (करीब दो हजार रुपए) की रिश्वत दे दी जाती है।
- वहीं, पार्टी में शामिल हाफिज नाम के एक लड़के ने बताया कि पार्टीज के लिए शराब की स्मगलिंग की जाती है और ये बात पुलिस भी जानती है। शराब माफिया भी पुलिस को रिश्वत देकर शराब सहित गांजा-अफीम तक की सप्लाई करते हैं।
ईरान में फेमस है ‘शिराज’ वाइन
- ईरान में इस्लामिक क्रांति यानी की 1980 के दशक से पहले शिराज सिटी में ‘शिराज’ नाम की रेड वाइन का प्रोडक्शन होता था।
- यह वाइन उस दौरान काफी फेमस थी और दुनिया के कई देशों में इसकी सप्लाई होती थी। वहीं, यूरोपियन कंट्रीज में इसकी डिमांड सबसे ज्यादा थी।
- 1980 के बाद जब ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई तो पूरे देश में शरीया कानून लागू हो गया। इसके चलते ईरान की पूरी लाइफ स्टाइल बदल गई।
- यहां की वेस्टर्न लाइफ स्टाइल में क्रांतिकारी बदलाव आए और देश में बार से लेकर क्लब तक सबकुछ बंद हो गया।
- ईरान में अब भी ‘शिराज’ वाइन मिलती है, लेकिन चोरी-छिपे। ‘फार्स’ के रिपोर्टर को सोहराब नाम के लड़के ने बताया कि तेहरान में कई जगह लोग घरों में ही ‘शिराज’ वाइन बनाते और बेचते हैं।
अयातुल्लाह खमैनी ने बनाई थी स्पेशल फोर्स
- ईरान में इस्लामिक क्रांति लाने वाले धर्मगुरु अयातुल्लाह रुहोल्लाह खमैनी ने नियम-कायदों के खिलाफ जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्पेशल ‘बासजी’ फोर्स का भी गठन किया था।
- ‘बासजी’ फोर्स को इनका रेवोल्यूशनरी गार्ड्स भी कहा जाता है। ये गार्ड्स पूरे ईरान में है और इन्हें पुलिस की ही तरह अधिकार दिए गए हैं।
लगातार तीसरी बार पकड़े जाने पर मौत की सजा
- ईरान के सिविल लॉ के मुताबिक, शराबियों को भारी जुर्माने, जेल और कोड़े मारने तक की सजा का प्रावधान है।
- पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर जेल, दूसरी बार पकड़े जाने पर जेल और भारी जुर्माने और तीसरी बार इसी मामले में पकड़े जाने पर सीधे मौत की सजा का प्रावधान है।
- साल 2012 में ऐसे ही दो व्यक्तियों को शराब के नशे में तीसरी बार पकड़े जाने पर फांसी पर लटका दिया गया था।


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