सुसाइड की कोशिश कर चुकी है WWE की ये रेसलर, ससुराल में होता था ऐसा
हरियाणा के जींद जिले की रहने वाली है कविता दलाल। डब्लूडब्लूई में कॉन्ट्रेक्ट साइन करने वाली भारत की पहली लेडी रेसलर।
WWE में विदेशी रेसलर को पटखनी देने वाली हरियाणा के जींद की रेसलर कविता दलाल कड़े संघर्ष के बाद इस मुकाम तक पहुंची है। इस सफर के दौरान वह एक सुसाइड की कोशिश भी कर चुकी हैं। यह खुलासा खुद रेसलर कविता दलाल ने किया है।
उनका कहना है कि क्योंकि शादी के बाद वह अपने खेल से दूर हो गई थी और डिप्रेशन में थी। हालांकि वह इस डिप्रेशन से निकली और रेसलिंग में लौटी। शादी के बाद ऐसे पहुंची रिंग तक...
- कविता दलाल शादी से पहले खेलों से जुड़ी रही लेकिन 2009 में कविता की यूपी के बड़ौत में रहने वाले गौरव से शादी हो गई।
- पति व फैमिली मैंबर की सोच पुरुष प्रधान होने के कारण कविता खेलों से दूर हो गई। कविता का कहना है कि उसके पति भी नहीं चाहते थे कि वह खेले।
- इस वजह से कविता डिप्रेशन में रहने लगी और उसने एक बार सुसाइड का भी प्रयास किया था। लेकिन किसी तरह वह ऐसा नहीं कर पाई।
- इसके बाद उसने खुद इस डिप्रेशन से निकलने की सोची और धीरे-धीरे अपने पति व परिवार के सदस्यों को मनाया। तब वह रेसलिंग में आ सकी।
एसएसबी में कांस्टेबल की नौकरी छोड़ चुकी है कविता
- जींद के मालवी गांव की रहने वाली कविता जुलाना के सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12 तक पढ़ी हैं। इसके बाद 2004 उन्होंने लखनऊ में अपनी रेस्लिंग की ट्रेनिंग शुरू की। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने पढ़ाई भी जारी रखी और साल 2005 में बीए की पूरी कर ली।
- पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद 2008 में कविता ने बतौर कांस्टेबल एसएसबी में नौकरी ज्वाइन की। नौकरी लगने के बाद साल 2009 में उसकी शादी हो गई। गौरव भी एसएसबी में कांस्टेबल हैं और वॉलीबॉल के खिलाड़ी हैं।
- शादी के बाद कविता ने रेसलिंग जारी रखी और द ग्रेट खली की एकेडमी ज्वाइन कर ली।
- जालंधर स्थित खली की एकेडमी में नेशनल रेसलर बुलबुल को सूट सलवार पहनकर चित कर दिया और रातोंरात फेमस हो गई।
- कविता रोजाना 8 घंटे मेहनत करती है।
- सूट सलवार पहनकर फाइट करने के पीछे कविता अपना मकसद बताती है कि वह समाज में लड़कियों को यह संदेश देना चाहती है कि लड़कियां जरुरी नहीं ऐसे रेसलिंग कास्टयूम डालकर ही फाइट कर सकती हैं। गांव देहात की लड़कियां भी सूट सलवार पहनकर फाइट कर सकती है।
बचपन से ही तगड़ी थी कविता
- कविता की 60 साल की मां ज्ञानमती देवी कहती हैं कि उसकी बेटी बचपन से ही तगड़ी थी। जब वह महज पांच साल की थी तब वह हर रोज एक बार में आधा किलो दूध पी जाती थी। उसे हलवा, चूरमा, पूड़े खाने का बड़ा शौक था।
- पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी कविता सबसे ताकतवर है। अब भी वह खाने में देसी घी, दूध और दही ही ज्यादा खाती है।
- ज्ञानमती बताती हैं कि उन्हें यह तो पता था कि उनकी बेटी तगड़ी है। लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि वह इतनी ताकतवर हो जाएगी कि पूरी दुनिया की ताकतवर महिलाओं के साथ मैदान में लड़ेगी।


Post a Comment