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सरकारी नौकरी को ठुकराकर इस तरह बने बॉलीवुड के सुपरस्टार


आज के समय में हर कोई चाहता है कि वह पढ़ लिखकर अपना अच्छा भविष्य बनाएं जिसके लिए वह शुरू से ही सरकारी नौकरी की तलाश में जुट जाता है

स्कूल के दिनों से ही सरकारी नौकरी के लिए कई प्रयास कर वह अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश करता है

हालांकि कुछ व्यक्तियों का यह सपना पूरा हो जाता है तो कुछ व्यक्तियों का यह सपना सिर्फ सपना ही बनकर रह जाता है

 शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर होता है जिसके चलते उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती है लेकिन आज के समय में कुछ व्यक्ति ऐसे भी है

 जो जिन्होंने सरकारी नौकरी को ठुकरा कर किसी और फील्ड में अपना कैरियर बनाने का प्रयास किया और उसमें वह सफल भी हुए

सरकारी नौकरी को छोड़ने के बाद आज वह देश के नामी व्यक्तियों में शामिल है उन व्यक्तियों में जिन्होंने सरकारी नौकरी को छोड़ कर लोगों के दिलों में अपनी पहचान बनाई वह और कोई नहीं बल्कि बॉलीवुड के मशहूर एक्टर हैं

जिन्होंने अपना करियर सरकारी नौकरी में नहीं बल्कि बॉलीवुड में बनाया

आज हम आपको ऐसे कई बॉलीवुड स्टार्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने सरकारी नौकरी को छोड़ कर बॉलीवुड में अपना करियर बनाया और उसमें वह कामयाब भी हुए

रजनीकांत

साउथ के भगवान माने जाने वाले रजनीकांत सभी व्यक्तियों के प्रिय अभिनेता है लेकिन बहुत कम व्यक्तियों को यह मालूम होगा कि रजनीकांत ने एक नहीं बल्कि कई सरकारी नौकरियां की थी

लेकिन उन्हें छोड़कर वह बॉलीवुड में अपना कैरियर उन्होंने बनाया कारपेंटर से कुली और कुली से बीटीएस कंडक्टर और अंत में सुपरस्टार उनका सफर काफी दिलचस्प रहा आज वह सभी के दिलों के राजा बने हुए हैं

रजनीकांत का सफर काफी परिश्रम भरा है जिन्होंने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया.

राजकुमार

पाकिस्तान से अपनी शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने के बाद राजकुमार मुंबई सब इंस्पेक्टर की नौकरी करने के लिए आए थे

 लेकिन फिल्म निर्माता बलदेव दुबे को राजकुमार का स्टाइल अत्यधिक पसंद आया है जिसके बाद उन्होंने उन्हें काम करने के लिए  फिल्मों में काम करने का ऑफर दिया

 जिसे राजकुमार ने स्वीकार भी किया हलाकि राजकुमार शाही बाजार में पहले काम किया लेकिन समय लगने के कारण उन्होंने रंगीली फिल्म में काम कर लिया.

देव आनंद

दूसरे व्यक्तियों की तरह देवानंद भी काम की तलाश में ही मुंबई आए थे

जहां पर वह मिलिट्री सेंसर ऑफिस में महज  160 रुपये पर उन्होंने काम प्रारंभ किया था हालांकि कुछ समय बाद उन्हें फिल्म हम एक हैं में अभिनय करने का मौका मिला और इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही मशहूर अभिनेता गुरुदत्त से उनकी मुलाकात हुई

 और अशोक कुमार ने उन्हें एक बड़ा ब्रेक दिया जिद्दी में देवानंद लीड रोल में नजर आए उनकी यह फिल्म 1948 में रिलीज हुई जो सुपर हिट भी रही थी.

दिलीप कुमार

परिवार में पिता के खराब बर्ताव के कारण दिलीप कुमार ने अपना घर 14 साल की उम्र में ही छोड़ दिया था और उन्होंने एक कैफे में काम करना प्रारंभ कर दिया था

दिलीप कुमार ने कुछ समय बाद आर्मी क्लब में सैंडविच स्टॉल भी खोला था जिसके बाद वह मुंबई वापस आ गए थे.

अमोल पालेकर

अमोल पालेकर ने अपना फिल्मी करियर मराठी मंच से प्रारंभ किया था उन्होंने अपनी पढ़ाई मुंबई में जे जे स्कूल ऑफ आर्ट से की थी

 थिएटर के साथ-साथ पढ़ाई की तरफ भी उनका काफी झुकाव था इस संघर्ष में अमोल बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क की नौकरी किया करते थे 1971 में अमोल मराठी फिल्म शांतता कोर्ट चालू आहे से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की.