यह तस्वीरें बयां करती है हमशक्ल सड़क पर नहीं बल्कि म्यूजियम में मिलते हैं
आपने यहां तो सुना होगा की हमशक्ल होते हैं हमशक्लों का मिलना महेज इत्तफाक होता है आज हम आपके लिए कुछ ऐसी ही तस्वीर लेकर आए हैं
इन तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि इनके हमशक्ल पहले भी हुआ करते थे इन तस्वीर को देखने पर ऐसा लगेगा आपको इनकी तस्वीर है ये सब बिल्कुल इस तस्वीर के जैसे ही दिखते हैं.
आप इन्हें इत्तेफाक कह सकते हैं या फिर खुद किस्मत दरअसल यह तस्वीर जिनकी है यह लोग इस दुनिया में अब नहीं है
बल्कि यह म्यूजियम में टंगे हुए सदियों के पुराने पुतले हैं इन दोनों को देख कर लगता ही नहीं है यह तस्वीर वाले नहीं हैं आइए देखते हैं उनकी कुछ रोचक तस्वीर.
जैसे ही इन जनाब अपना हमशक्ल देखा तो उनके जैसा ही पोज देने लग गये लेकिन दोनों को देख कर ऐसा लगता नही है की दोनों अलग-अलग है.
इनको को देख कर कोई ऐसा नही बोल सकता की यह तस्वीर इनके नही है ऐसा लगता है की इन जनाब ने इनको देख कर अपने बाल बडाए है.
यह तस्वीर को देख कर लगता है की इनको भी यकींन नही हो रहा होगा की मेने यह तस्वीर कब खिचवाई.
जब मेडम ने यह तस्वीर देखि होगी तो खुद को तस्वीर जैसा बनाने में कोई कमी नही छोड़ी होगी यह तस्वीर को देख बिलकुल ऐसा ही प्रतीत होता है.
इस तस्वीर को देख यह जनाब भी वैसा हे पोज देने लग गये कुछ देर के लिए तो यह भी सोच में पेड़ गये होंगे.
इस तस्वीर में एक ही कमी है बस इन जनाब के पास घोडा नही है और पहले की जैसे ड्रेस नही है .
अब तो आप मान गये होंगे की इस दुनिया में हमशक्ल होना सम्भव है लेकिन मुजियम में मिलेंगे यह नही सोचा होगा.


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