ये 9 फिल्में अकेले ही देखना, बच्चों का साथ कर देगा मुसीबत
बच्चाें का दिमाग बहुत ज्यादा तेज चलने लगा है।
'आजकल के बच्चों का दिमाग बड़ा तेज चलता है।' बच्चों को लेकर ऐसी ही कुछ बातें सुनने को मिलती रहती हैं। वैसे भी बच्चे बिल्कुल मिट्टी के कच्चे बर्तन के समान होते हैं जिन्हें जैसा चाहे वैसा आकार दे दें। और तो और इस उम्र में गलत बातें ज्यादा जल्दी आकर्षित करती हैं।
तभी तो उनका ज्यादा खयाल रखना होता है। वे अपने आसपास के माहौल से बहुत सी बातें सीखते हैं। बात अगर फिल्मों की हो रही हो तो फिर कहना ही क्या? आपने अक्सर बच्चों को 'सिंघम' या 'राउडी राठौर' की एक्टिंग करते हुए देखा होगा। हालांकि इस दौरान सभी बच्चे क्यूट लगते हैं मगर ध्यान रहे कि फिल्मों से बच्चे हमेशा ही क्यूट बातें नहीं सीखते हैं। कई बार कुछ गड़बड़ भी हो जाती है।
वैसे तो सेंसर बोर्ड फिल्मों को 'A', 'U/A' या 'U' सर्टिफिकेट देता है, मगर कुछ 'A' सर्टिफिकेट वाली फिल्में भी टीवी पर आ जाती हैं। इन फिल्मों को आप देखें तब तक तो ठीक है मगर बच्चे देख लें तो मुसीबत हो सकती है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बताने वाले हैं।
इश्कजादे
वैसे तो 'इश्कजादे' को 'अमर इश्क' की कहानी कहा जा सकता है। यह फिल्म आपके दिल को छू लेगी। लेकिन आजकल तो छोटी उम्र में ही बच्चे रिलेशनशिप में आ जाते हैं। यह फिल्म उन्हें किसी गलत दिशा में जाने का संकेत भी दे सकती है।
बदलापुर
'बदलापुर' एक्टिंग के मामले में वरुण धवन की बेस्ट फिल्म है। लेकिन बच्चों के लिए उनकी बाकी फिल्में ही ठीक है। आप 'बदलापुर' जरूर देखें। वाकई गजब फिल्म है। मगर अकेले देखेंगे तो ही बेहतर है।
बंटी और बबली
बंटी और बबली' एक मजेदार कॉमेडी फिल्म है। लेकिन अगर आपके बच्चों में अभी वो समझ नहीं आई है तो वो चोरी की इन ट्रिक्स को आजमाकर कोई गलत कदम भी उठा सकते हैं।
गुंडे
'गुंडे' में तो दो सच्चे दोस्तों की कहानी बताई गई है। इसमें क्या दिक्कत है? अरे लेकिन वो दोनों तो बचपन से भी चोरी जैसे कामों में लग जाते हैं। बड़े होकर भी गुंडे बनते हैं। आप नहीं चाहेंगे कि आपके बच्चे उनसे ज्यादा प्रभावित हो जाए।
तेरे संग
'गुंडे' में तो दो सच्चे दोस्तों की कहानी बताई गई है। इसमें क्या दिक्कत है? अरे लेकिन वो दोनों तो बचपन से भी चोरी जैसे कामों में लग जाते हैं। बड़े होकर भी गुंडे बनते हैं। आप नहीं चाहेंगे कि आपके बच्चे उनसे ज्यादा प्रभावित हो जाए।
तेरे संग
इस फिल्म में एक टीनएज लड़की प्रेग्नेंट हो जाती है। वैसे तो यह फिल्म बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए है। लेकिन हमारी सोसाइटी आज भी इतनी एडवांस नहीं है। आपके बच्चे आखिर में सबकुछ ठीक हो जाता है, यह सोचकर ऐसा कोई कदम उठा भी ले तो दिक्कत तो होना ही है।
डेल्ही बेली
इस फिल्म का तो 'भाग डी के बॉस' गाना भी बच्चों के सुनने लायक नहीं है। लेकिन उसे तो हम रोक नहीं सकते हैं। मगर गालियों से भरी इस फिल्म को अकेले ही देख लें, अपने बच्चों को न दिखाए।
बी.ए. पास
नाम से तो बी.ए. पास किसी इंस्पिरेशनल फिल्म की तरह लगती है। मगर यह कितनी खतरनाक फिल्म है, ये आप जानते ही होंगे। इस फिल्म को तो आप अपने बच्चों के साथ बिल्कुल भी न देखें। यह दिमाग में कचरे से ज्यादा कुछ नहीं भरने वाली है।
देव डी
'देव डी' को शुरू से ही 'देवदास' का मॉडर्न वर्जन बताया जाता है। इसे तो एक बार देखना बनता ही है। अगर आपको ऐसा कोई खयाल आ रहा है तो आप अकेले ही यह फिल्म देखें। इस फिल्म में एक ऐसी दुनिया दिखाई गई है, जिससे इतनी कम उम्र में परिचय होना बिल्कुल भी सही नहीं है।
गैंग्स ऑफ वासेपुर
हो सकता है कि 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' आपकी फेवरेट फिल्मों में से एक हो। ये आपको एकदम जबरदस्त फिल्म लगती हो। लेकिन फिर भी इस फिल्म को पत्नी या बच्चों के साथ देखना तो ज्यादती होगी। आप क्या चाहते हैं, आपके बच्चे फैजल की तरह बनें?
वैसे ये फ़िल्में बच्चों के साथ तो देखी जानी ही नहीं चाहिए। मगर यह भी ध्यान दें कि वो अकेले भी इन फिल्मों को न देखें। यह तो और भी ज्यादा खतरनाक हो जाएगा।


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