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दोस्त की शवयात्रा में पहुंचे यूपी के CM, अर्थी को कंधा देते भर आईं आंखें



रोहतक के अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के गदीनशीन महंत चांदनाथ का रविवार को निधन हो गया। वह राजस्थान के अलवर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद भी थे। महंत चांदनाथ लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे, जिनका दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था। रात 12 बजे महंत ने अंतिम सांस ली। संत की अंतिम यात्रा में पहुंचे यूपी के सीएम ने जैसे ही उनकी अर्थी में कांधा दिया उनकी आंखें भर आईं। योगी आदित्यनाथ और मनोहर लाल ने दिया कंधा...


- उनका पार्थिव शरीर बाबा मस्तनाथ मठ में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। अंतिम संस्कार कार्यक्रम आज शाम 4.00 बजे किया जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों से विलंब हो गया।

 फिर करीब 5 बजे शंखनाद के साथ उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई, वहीं अंतिम यात्रा में राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा समेत कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई।


- यहां तक कि योगी आदित्यनाथ और मनोहर लाल खट्‌टर तो महंत के पार्थिव शरीर को कंधा देते वक्त भी नजर आए।


भाजपा के राज्य प्रवक्ता आनंद शर्मा ने बताया कि चांदनाथ कैंसर से पीड़ित थे, जिसके चलते उनका निधन हो गया। इस पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा, ‘अलवर सांसद श्री महंत चांदनाथ जी के निधन पर शोक व्यक्त करती हूँ, उनका निधन मेरे और समस्त भाजपा परिवार के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है’


- वहीं पीएम ने कहा कि अपने सामाजिक कार्यों के लिए वह याद किए जाते रहेंगे।
- भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने अलवर सांसद महंत चांदनाथ के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है। परनामी ने कहा कि उनके निधन से भाजपा परिवार को गहरी क्षति पहुंची है।


इससे करीब एक साल पहले भी योगी आदित्यनाथ रोहतक आए थे। जब वह गोरखपुर के सांसद थे तो अपने सांसद मित्र योगी महंत चांदनाथ के उत्तराधिकारी को आशीर्वाद देने पहुंचे थे।


- बात 29 जुलाई 2016 की है, जब लगातार बीमार रहने की वजह से चांदनाथ ने 29 जुलाई 2016 को राजस्थान के हनुमानगढ़ स्थित डेरे के कोठारी योगी बालकनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।


- नए उत्तराधिकारी बाबा बालकनाथ को मठ की परपंरा के मुताबिक बाबा बालकनाथ को बाबा मस्तनाथ की समाधिस्थल पर नाथ संप्रदाय की शपथ दिलाई गई तो स्वामी रामदेव और योगी आदित्य नाथ भी शामिल हुए थे।


- इसके अलावा चाहे गोरखपुर का सम्मेलन हो या योगी अद्वैतनाथ की अंतिम यात्रा, लगभग हर पल योगी अादित्यनाथ और योगी महंत चांदनाथ साथ दिखाई देते थे। यहां तक कि गोरखपुर के धन्यवाद समारोह में जब योगी आदित्यनाथ भावुक हो गए थे तो तब चांदनाथ ने ही उन्हें संभाला था।


- आज चांदनाथ को अंतम विदाई देने के वक्त योगी आदित्यनाथ का भावुक हो जाना स्वाभाविक ही था। वह अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रहे थे।