नवरात्र का दूसरा दिन, आज होगी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
आज नवरात्र का दूसरा दिन है। दुर्गाजी का दूसरा स्वरूप भक्तों को अनन्तफल देने वाला है। इनकी पूजा से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। बता दें कि नवरात्र के दूसरे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमण्डल रहता है।
दुर्गा पूजा के दूसरे दिन इन्हीं के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘स्वाधिष्ठान ’चक्र में शिथिल होता है। इस चक्र में अवस्थित मनवाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है।
इस दिन ऐसी कन्याओं का पूजन किया जाता है कि जिनका विवाह तय हो गया है लेकिन अभी शादी नहीं हुई है। इन्हें अपने घर बुलाकर पूजा के बाद भोजन कराकर वस्त्र, पात्र आदि उपहार दिए जाते हैं।
कहा जाता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कई हजार वर्षों तक ब्रह्मचारी रहकर घोर तपस्या की थी। उनकी इस कठिन तपस्या के कारण उनका नाम तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी पड़ गया।
शिवपुराण तथा रामचरितमानस में लिखा है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए एक हजार वर्षों तक फलों का सेवन कर तपस्या की थी।
इसके पश्चात तीन हजार वर्षों तक पेड़ों की पत्तियां खाकर तपस्या की। इतनी कठोर तपस्या के बाद इन्हें ब्रह्मचारिणी स्वरूप प्राप्त हुआ।
नवरात्रि के दूसरे दिन भक्त अपने मन-मस्तिष्क को ब्रह्मचारिणी के श्री चरणों मे एकाग्रचित करके स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित करते हैं और उनके मंत्रों का जाप कर मनचाही इच्छा पूरी होने का वरदान पाते हैं।
देश भर में श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों में भी मंगलवार को कलश स्थापित कर देवी की दोनों दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।
कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- इनका रूप अत्यन्त मनोहर हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करने वाली हैं। मां को चीनी का भोग लगता है और ब्राहमण को भी दान में चीनी ही दी जाती है।
मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा के सामने पुष्प, दीपक अर्पण कर साफ कपड़े पहने जाते हैं और 'दधानां करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डल। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।' मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से कुंडली में विराजमान बुरे ग्रहों की दशा सुधरती है और व्यक्ति के अच्छे दिन आते हैं। यही नहीं इनकी पूजा से भगवान महादेव भी प्रसन्न होकर भक्त को मनचाहा वरदान देते हैं।


Post a Comment