दर्द से तड़प रही महिला को हॉस्पिटल से भगाया, सड़क पर जन्मा बच्चा
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दर्जनों बच्चों की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है। इसी बीच शनिवार को यूपी के मऊ जिले में डॉक्टरों की लापरवाही से एक महिला के सड़क पर ही बच्चे को जन्म देने का मामला सामने आया। इसकी फोटो वाट्सएप पर वायरल होने के बाद हम ने जांच पड़ताल की तो महिला और उसके परिजनों ने सिस्टम की पोल खोल कर रख दी।
पीड़ित महिला मऊ जिले के वसुंधरा अइलख गांव की रहने वाली है। उसने बताया, ''10 अगस्त 2017 को उसके पेट में तेज दर्ज हुआ। 102 नंबर पर कॉल करके एम्बुलेंस से परिवार वाले सरकारी महिला हॉस्पिटल ले गए।''
-''वहां कुछ महिला स्टाफों ने बिना देखे मुझे क्रिटिकल कंडीशन बताकर भगा दिया। दर्द इतना होने लगा कि पैदल सड़क पर आते ही बेहोश हो गई और बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान हॉस्पिटल की एक दाई ने मदद की।''
-पीड़िता के पिता बुधराम ने बताया, अस्पताल के स्टाफ ने बिना जांच किए ही खून की कमी और क्रिटिकल कंडीशन बताकर एडमिट करने से इनकार कर दिया। अस्पताल का चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
-इसके बाद बेटी जैसे ही पैदल हॉस्पिटल के बाहर आई, सड़क पर चक्कर खाकर गिर गई और बच्चे को जन्म दिया, जबकि बगल में ही एम्बुलेंस खड़ी थी।
-इसकी सूचना जैसे ही हॉस्पिटल के डॉक्टरों और कर्मचारियों को हुई, उन्होंने तुरंत वसुंधरा का नाम रजिस्टर कर लिया और कुछ ही देर बाद छुट्टी दे दी।
-इस बाबत जब हॉस्पिटल के नर्सेज इंचार्ज चंद्रमणि त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने पहले कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। फिर उन्होंने बताया कि महिला को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, लेकिन वह चाय-पानी पीने के लिए बाहर निकल गई हाेगी, जिसके चलते ऐसा हुआ।
-अस्पताल कर्मी और प्रत्यक्षदर्शी रमेश सोनकर ने बताया, अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। हालांकि, किस वजह से महिला हॉस्पिटल के बाहर आई, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

Post a Comment