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अग्रेजों को चकमा देकर इस सीक्रेट जगह पर आते थे आजाद, खास थी वजह


पूरे देश में अंग्रेजी हुकूमत को हिलाने वाले महान क्रांतिकारी भी यहां ना केवल शरण पाते थे बल्कि जयपुर में उनका शस्त्रागार भी था। चन्द्र शेखर आजाद, भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों की जयपुर को सुरक्षित पनाहगाह बनाने में सबसे बड़ी भूमिका जयपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय के राजवैद्य पंडित मुक्तिनारायण शुक्ल की थी। राजवैद्य को मानते थे चाचा...

 कहा जाता है कि पंडित शुक्ल क्रांतिकारी पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी के अभिन्न मित्र थे। विद्यार्थी के अनुरोध पर ही उन्होंने जयपुर में क्रांतिकारियों का गुप्त ठिकाना बनाया था।
- शुक्ल की जौहरी बाजार और बाबा हरीशचंद्र मार्ग में पुश्तैनी हवेली थी और वहां चन्द्र शेखर आजाद को उन्होंने अपना रिश्तेदार बताकर करीब दो माह ठहराया था।
- ये सब स्मरण शुक्ल के बेटे स्व.अवधेश नारायण शुक्ल की किताब सत्यमेव जयते में भी दर्ज है।
- चांदपोल बाजार के बाबा हरीशचंद्र मार्ग शिवनारायण मिश्र की गली में राजवैद्य पंडित मुक्तिनारायण शुक्ल की हवेली थी जिसे क्रांतिकारियों के ठहरने और शस्त्रागार के तौर पर काम लिया जाता था।
- राजवैद्य शुक्ल के प्रभाव के कारण क्रांतिकारियों पर कोई शक नहीं करता था, क्योंकि जयपुर रियासत को अंग्रेज अपना मित्र मानता था। इसी का लाभ उठाकर शुक्ल ने कई बार क्रांतिकारियों को यहां ठहराया।

चंद्रशेखर आजाद बाल अवस्था में ही आजादी की लड़ाई में कूद गए थे। वे गरम दल में थे और उन्होंने आजादी के लिए देश भर में लड़ाई लड़ी
- इस दौरान करीब 1925, से 1931 तक वे जयपुर आते-जाते रहे। यहां चांदपोल के पास रहने वाला राजवैद्य मुक्तिनारायण शुक्ल का परिवार उनके करीब था।
- उनके बेटे अवधेश नारायण शुक्ल उनके दोस्त थे। यही कारण है कि वे अपने हथियार उनके घर रखते थे और राजवैद्य को चाचा मानते थे।
- यहां रखे हथियारों से ही वे युवाओं को ट्रेनिंग देते थे। अवधेश नारायण भी आजादी की लड़ाई में रुचि रखते थे।


आजाद यहां आजादी की लड़ाई में रुचि रखने वाले युवाओं को ट्रेनिंग भी देते थे और उसी दौरान शुक्ल के घर रखे उनके हथियार काम आते थे।
- आजाद के साथ जयपुर संस्कृत कॉलेज के कुछ स्टूडेंट्स थे। उस समय यह कॉलेज हवा महल के सामने था और इसी वजह से आजाद को युवाओं को एप्रोच करने में आसानी होती थी।
- आजाद को उनके स्वयं के संस्कृत का स्टूडेंट होने का फायदा मिला।