सऊदी से लौटी महिला ने बताई वहां के शेखों की असलियत, 56 दिन ये हुआ
सऊदी अरब में 56 दिन से शेख की कैद में बंधक नागदा की महिला आखिरकार अपने घर पहुंच गई। सबसे पहले वह अपने बच्चों के स्कूल पहुंची यहां मां को देख बच्चे उससे लिपट रोने लगे। यह नजारा देख रहे अन्य बच्चों और शिक्षकों की आंखें भी नम हो गई। महिला ने कहा कि वहां बिताए दिन नर्क के सामान थे।
- महिला का पति पेंटिंग का काम करता है। नियमित आमदनी नहीं होती है। ऐसे में चार बच्चों के साथ गुजारा मुश्किल है। इसी का फायदा उठाकर एजेंट साबिर ने महिला के भाई के माध्यम से पति को विश्वास में लिया। बताया कि अरब देश में महिलाओं को घरेलू काम के लिए अच्छा वेतन मिलता है। पत्नी को भेज दो तो बच्चों के दिन फिर जाएंगे। इनकी परवरिश बेहतर होगी, लेकिन पति को विश्वास नहीं हुआ, उसने पत्नी को नहीं भेजा। एजेंट लगातार संपर्क में बना रहा। बात नहीं बनी तो साबिर ने महिला को अल्लाह के घर (मक्का) मुफ्त में जाने का सपना दिखाया। कहा हज भी हो जाएगा, काम के बदले रुपए भी मिलेंगे। महिला झांसे में आ गई। उसने पति को मना लिया। 28 मई 17 को महिला साबिर के साथ नागदा से मुंबई के रास्ते अरब देश के लिए रवाना हो गई।
- महिला ने बताया कि अवंतिका एक्सप्रेस से वह साबिर के साथ गई थी। मुंबई में दो दिन रुकने के बाद यहां साबिर ने किसी नजीर नाम के व्यक्ति के साथ दिल्ली भेज दिया। नजीर ने 3 जून को शारजहां की फ्लाइट में बैठा दिया। शारजहां में दो दिन रुकने के बाद 6 जून को उसे सऊदी अरब के अलफेस नामक शहर में किसी शेख के यहां पहुंचा दिया गया। यहां से उसकी प्रताड़ना की कहानी शुरू हुई।
महिला ने बताया कि एजेंट ने सऊदी में उसे जिस शेख के घर भेजा था, उस शेख ने कई तरह के अत्याचार मुझ पर किए। शेख के अलावा वहां के लोगों ने शारीरिक और मानसिक शोषण किया। पहले तो कई दिनों तक खाना नहीं दिया, बाद में जब दिया तो वह भी झूठन। उसने बताया कि उससे दिन-रात शोषण करते थे। 24 घंटे में सिर्फ तीन घंटे सोने को देते थे। कई बार सुबह नहीं उठ पाती थी, मैडम लात मारकर उठाती थी। शेख के अलावा उसके बच्चे भी गलत काम करने की कोशिश करते थे।
- एक बार तो मैं उनकी चंगुल से भागकर पुलिस के पास पहुंची, लेकिन पुलिस ने मदद नहीं की और शेख के हवाले कर दिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि अब भागी तो तेरी जुबान काट देंगे। तुझे और तेरे पति को जेल करवा देंगे। इस दौरान कई बार मरने का ख्याल भी मन में आया। उसने कहा कि सऊदी अरब जाने की चाह रखने वाले भारतीयों को मेरा संदेश है कि वे उस नर्क में नहीं जाएं, सबसे अच्छा हमारा हिंदुस्तान है।
जिस शेख परिवार में मैं कैद थी, वहां फर्नीचर के काम के लिए कोई भारतीय पहुंचा था। मैंने मौका देखकर उसे कागज पर लिखकर हकीकत बताई और पति का मोबाइल नंबर लिखकर दिया था। उसने 8 जून को पति को कॉल कर उसकी पत्नी पर हो रहे अत्याचार बताए, लेकिन पति को विश्वास नहीं हुआ। बाद में 10 जून को महिला ने चोरी छिपे शेख परिवार के घर से पति को कॉल कर रोते हुए बताया कि उसकी स्थिति दयनीय है, वह लौटना चाहती है।
- महिला की स्थिति जानने के बाद पति ने एजेंट साबिर से विवाद करने की बजाए उसे दो और महिलाओं को अरब देश भेजने का झांसा देकर बुलाया। उसके आते ही पुलिस को सूचना दे दी। उसने बताया कि मुंबई में महिला को नजीर की सुपुर्दगी में देकर 40 हजार रुपए भी लिए हैं। पुलिस के पास बड़ा सुराग महिला द्वारा शेख परिवार के मोबाइल नंबर से पति को करना था। इस नंबर के आधार पर पुलिस भारतीय दूतावास की मदद से महिला काे मुक्त करवाया।
- महिला ने बताया केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत व सामाजिक न्याय विभाग में निरामय योजना के पंकज मारू की मदद नहीं मिलती तो वो कभी देश वापस नहीं लौट पाती। खुद पर हुए अत्याचार की कहानी बयां करते हुए महिला कई बार रो पड़ी। अन्य महिला को सबक देते हुए बोलीं भारत से अच्छा कोई देश नहीं। बच्चों की देखरेख करने व उन्हें मुफ्त में पढ़ाने पर उसने स्कूल संचालक मनोज राठी बारदान वाला को धन्यवाद कहा।

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