पंजाबी सिनेमा के सुपरस्टार थे धर्मेन्द्र के 'भाई', शूटिंग के दौरान हुई थी हत्या
वीरेंद्र सिंह देओल थे तो धर्मेंद्र के कजिन, लेकिन 80 के दशक में वे धरम से भी बड़े स्टार हुआ करते थे।
वीरेंद्र सिंह देओल थे तो धर्मेंद्र के कजिन, लेकिन 80 के दशक में वे धरम से भी बड़े स्टार हुआ करते थे। पंजाबी सिनेमा में वीरेंद्र का नाम इतना फेमस हो चुका था कि हर प्रोड्यूसर-डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहता था। लेकिन कौन जानता था कि एक दिन फिल्म के सेट पर ही इस एक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी जाएगी। उस रोज फिल्म 'जट ते जमीन' की शूटिंग कर रहे थे वीरेंद्र...
- बात 6 दिसंबर 1988 की है। उस रोज वीरेंद्र फिल्म 'जट ते जमीन' की शूटिंग कर रहे थे।
- तभी अचानक किसी ने गोली मारकर उनकी जान ले ली। वीरेंद्र की हत्या किसने की या करवाई? आज तक इस बात पर संशय बना हुआ है।
- लेकिन कहा जाता है कि वीरेंद्र सिंह की पॉपुलैरिटी ही उनकी दुश्मन बन बैठी थी और कुछ उन्हें आतंकियों ने गोली मारी थी।
- निधन के वक्त वीरेंद्र की उम्र 40 साल थी।
1975 में आई थी वीरेंद्र की पहली फिल्म
- वीरेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत 1975 में आई फिल्म 'तेरी मेरी एक जिंदड़ी' से की थी। इस फिल्म में उनके साथ धर्मेंद्र ने भी अहम भूमिका निभाई थी।
- फिल्म हिट साबित हुई और वीरेंद्र का करियर चल निकला। इसके बाद उन्होंने 'धरम जीत' (1975), 'कुंवारा मामा' (1979), 'जट शूरमे' (1983), 'रांझा मेरा यार' (1984) और 'वैरी जट' (198) जैसी 25 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
- एक्टर होने के साथ-साथ वे राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी थे।


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