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खतरनाक रास्तों पर चलकर जाते हैं 'नागलोक


.एमपी के पचमढ़ी में साल के सिर्फ 10 दिन घने जंगलों के बीच नागद्वारी का मेला लगता है। यहां 10 लाख श्रद्धालु हर साल आते हैं लेकिन उसके बारे में बाहरी दुनिया को कम ही जानकारी है। इसका कारण है कि दुर्गम रास्ते और बारिश में पैदल 18 घंटे चलना किसी चुनौती से कम नहीं है।

-नागद्वारी मेला सावन के महीने में नागपंचमी से 10 दिन पहले शुरू होता है। नागपंचमी के दिन इस मेले का समापन होता है। इस बार मेला 18 से 28 जुलाई के बीच लगा।
-नागद्वारी, महाराष्ट्रियन समुदाय में विशेष स्थान रखता है। इस बार मेले में 10 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान है जिसमें से 90 फीसदी महाराष्ट्र के हैं।
-नागदेव, महाराष्ट्र में विदर्भ के जनसमुदाय के कुल देवता हैं। इस वजह से नागपुर और उससे सटे इलाकों के लोग हर साल नागद्वारी की यात्रा में आते हैं।
इसलिए कठिन है नागद्वारी की यात्रा
-नागद्वारी, सतपुड़ा के घने जंगलों और पहाड़ों के बीच स्थित है। इसमें न तो कोई मानव बस्ती है और न कोई स्थाई ठिकाना।
-यहां साल के सिर्फ 10 दिन आने की परमिशन मिलती है।