इंजीनियर के बेटे से हुआ था इंदिरा गांधी को प्यार, एेसे आए एक-दूसरे के करीब
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ‘नेहरू’ से ‘गांधी’ तब बनीं, जब उन्होंने गुजरात के पारसी युवक फिरोज से शादी की। उस वक्त एक हिंदू और पारसी के रिश्ते से भारतीय राजनीति में भूचाल न आए, इसके लिए महात्मा गांधी ने इन्हें ‘गांधी’ नाम दे दिया। बाद में यह परिवार राजनीति में इसी नाम से मशहूर हुआ। बता दें कि इंदिरा की मां कमला नेहरू की तबियत ठीक न होने के दाैरान हालचाल जानने उनके घर आया जाया करते थे। इस दौरान उनकी नजदीकियां इंदिरा से बढ़ी आैर दोनों ने शादी करने का फैसला किया।
28 जुलाई को इमरजेंसी पर बेस्ड मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ चुकी है। इसे लेकर उन्हें हाल ही में धमकी भी दी गई है। इस मौके पर बता रहा इंदिरा गांधी की रियल लाइफ स्टाेरी।)
- देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी के बचपन का नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था।
- 19 नवंबर 1917 को यूपी के इलाहाबाद में उनका जन्म हुआ था। उनके घर का नाम 'इंदु' था और वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं।
- वहीं 12 सितंबर 1912 को मुंबई के फोर्ट तेमुलजी नरिमान हॉस्पिटल में जन्में फिरोज गांधी गुजराती मूल के थे।
- उनके पिता का नाम जहांगीर और मां का नाम रतिबाई था। फिरोज के पिता जहांगीर मरीन इंजीनियर की पढ़ाई के बाद मुंबई शिफ्ट हो गए थे और इस तरह फिरोज का जन्म मुंबई में हुआ।
- परिवार में पांच संतानें थीं, जिसमें फिरोज सबसे छोटे थे। पिता की मौत के बाद फिरोज की मां सभी बच्चों के साथ अपनी मां के घर इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) आ गई थीं।
- फिरोज ने कॉलेज की पढ़ाई इलाहाबाद में की और आगे की पढ़ाई के लिए वे लंदन चले गए, लेकिन कुछ समय बाद ही वे भारत लौट आए।
नेहरू परिवार के घर आते-जाते रहते थे फिरोज
- 1930 में फिरोज ने कांग्रेस के नेता के रूप में युवाओं का नेतृत्व किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात नेहरू व कमला नेहरू से हुई।
- आजादी की लड़ाई में इंदिरा की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना देने के दौरान बेहोश हो गई थीं। उस समय फिरोज गांधी ने उनकी बहुत देखभाल की।
- कमला नेहरू का हालचाल जानने के लिए फिरोज अक्सर उनके घर भी आया-जाया करते थे। इस तरह वे नेहरू परिवार के करीब आते चले गए।
- इसी दौरान उनकी और इंदिरा गांधी के बीच नजदीकियां बढ़ीं। फिरोज जब इलाहाबाद में रहने लगे, तब भी वे अक्सर आनंद भवन जाया करते थे।
महात्मा गांधी ने दिया सरनेम
- कुछ समय बाद जब फिरोज और इंदिरा के प्रेम-प्रसंग की जानकारी कमला नेहरू को हुई तो वे बहुत गुस्सा हुईं।
- दोनों के अलग-अलग धर्मो के होने की वजह से भारतीय राजनीति में खलबली मचने का डर जवाहरलाल नेहरू को भी सताने लगा था। इसलिए उन्होंने यह बात महात्मा गांधी से बताई और सलाह मांगी।
- महात्मा गांधी ने फिरोज को ‘गांधी’ सरनेम की उपाधि दे दी और इस तरह फिरोज खान, फिरोज गांधी बन गए और इंदिरा नेहरू ‘इंदिरा गांधी’ बन गईं।
- फिरोज और इंदिरा की शादी 1942 में हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक हुई।

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