इसी जगह पर हुई थी शिव-पार्वती की शादी, आज भी मौजूद हैं 6 निशानियां
भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। देवी पार्वती की कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव ने उनके विवाह का प्रस्ताव को स्वीकार कर दिया। मान्यातओं के अनुसार, भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हुआ था
रुद्रप्रयाग जिले का एक गांव है त्रिर्युगी नारायण। कहते हैं इसी गांव में भगवान शिव का देवी पार्वती के साथ विवाह हुआ था। इस गांव में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का एक मंदिर है, जिसे शिव पार्वती के विवाह स्थल के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर के परिसर में ऐसे कई चीजें आज भी मौजूद हैं, जिनका संबंध शिव-पार्वती के विवाह से माना जाता हैं।

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