एक दिन में 250 बादाम खाती है ये रेसलर, बोली- 5 तो गले तक नहीं उतरते
दंगल फेम रेसलर बबिता फोगाट रविवार को ईओ के कार्यक्रम ‘फोगाट फैमिली’ के तहत इंटरेक्शन सेशन में बोल रही थीं। उन्होंने बताया कि लोग मेरे 250 बादाम रोज खाने पर हंसते हैं। हमें इस बात पर हंसी आती है कि 5 बादाम खाने से क्या होता है ये तो गले तक ही नहीं उतरते। इस अवसर पर उनके पिता महावीर फोगाट ने कहा कि एक मुकाम पर पहुंचने के बाद न तो हमें फाइनेंशियल सपोर्ट है और ना ही इंटरनेशनल लेवल की फैसिलिटीज दी जा रही हैं।
फोगाट ने कहा कि क्रिकेट जैसे खेल में करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। क्रिकेट प्लेयर्स का फ्यूचर सिक्योर है, जबकि यह कोई खेल नहीं एक जुआ है जिसका दांव रनों पर लगता है। कभी चूक जाते हैं कभी जीत जाते हैं।
- ऐसे खेल को बढ़ावा देने का क्या मतलब। अन्य खेलों को किसी तरह इसको भी सपोर्ट मिलना चाहिए।
बबिता फोगाट ने कहा कि हम आज एक मुकाम पर हैं, लेकिन हमारे पास ऐसी कोई सुविधा नहीं है कि ऐसे प्लेयर्स फ्यूचर के लिए तैयार कर सकें।
- कई पेरेंट्स हमारे पास आते हैं कि हमारी बेटियों को ट्रेनिंग दें, लेकिन हम उनके लिए कुछ नहीं कर पाते। हम इस मुकाम पर पापा के कारण पहुंची हैं।
- ये मानिए कि हम एक रिस्क के साथ मेडल लेकर आए हैं। हमें ना तो कोई अच्छे डॉक्टर्स मिले हैं, ना फिजिशियन और ना ही कोच।
- अगर हमें भयंकर चोट जाए तो अच्छे इलाज के कोई साधन नहीं हैं। ऐसे में प्लेयर्स का फ्यूचर सिक्योर नहीं है।

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