दुश्मन को इन तरीकों से फंसाती हैं इजरायल की सीक्रेट एजेंट महिलाएं
इजरायल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद दुनिया में सबसे तेज और खूंखार मानी जाती है। यह इजरायल के दुश्मनों को उनके देश में जाकर मार डालती है या पकड़कर इजरायल भी ले आती है। गुप्तचरी की दुनिया में हर पल जान का खतरा रहता है, इसलिए इस दुनिया में पुरुषों का वर्चस्व रहा है। हालांकि मोसाद इस मामले में अपवाद है, जहां आधे गुप्तचर महिलाएं हैं। इजरायल की महिला सीक्रेट एजेंटों ने कई रोमांचक कारनामों को अंजाम दिया है। कैसे काम करती हैं ये महिलाएं...
दुश्मनों को फंसाती हैं सुंदरता के जाल में
-साल 2012 में इजरायल की जासूस महिलाएं पहली बार दुनिया के सामने आई थीं। तब उन्होंने हिब्रू भाषा के अखबार लेडी ग्लोब्स को इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने अपने काम तथा उसके खतरों, रोमांच और सीमाओं के बारे में बताया था।
-हालांकि तब भी इन जासूसों के पूरे (और असली) नाम तथा चित्र आदि प्रकाशित नहीं किए गए थे। लेकिन उस इंटरव्यू से यह क्लियर हुआ था कि ये खूबसूरत महिलाएं अपने मिशन में किन तरीकों का इस्तेमाल करती हैं।
-महिला जासूसों ने बताया था कि वे किस तरह अपने हुस्न का फायदा भी उठाती हैं और दुश्मनों को फुसलाकर अपने जाल में फंसाती हैं। इस हुनर का सबसे चर्चित मामला 1986 में सामने आया था। तब एक फीमेल सीक्रेट एजेंट ने इजरायल से भाग गए उसके एक पूर्व न्यूक्लियर इंजीनियर को अपनी सुंदरता और प्रेम के जाल में फंसाया और फुसलाकर इजरायल वापस ले आई थी।
-ये महिला एजेंट जूडो-कराते सहित तमाम तरह के हथियार चलाना भी जानती हैं और यदि दुश्मन को पकड़ना मुमकिन न हो, तो उसे मौके पर ही निपटा भी सकती हैं।
फिल्म में दिखाए थे कारनामे
-ऊपर के चित्र में 2013 में आई 'किंडन' नामक एक फिल्म का दृश्य है। यह फिल्म फिलिस्तीनी ग्रुप हमास के मिलिट्री विंग के फाउंडर महमूद अल मबूह की हत्या पर आधारित थी। फिल्म में इजरायल की मॉडल बार रफेली ने मोसाद एजेंट का रोल किया था।
-महमूद अल मबूह की हत्या 19 जनवरी, 2010 को दुबई के होटल अल बुस्तान रोताना में हुई थी। इसके पीछे मोसाद का ही हाथ था, जिसमें उसकी महिला जासूसों ने अहम भूमिका निभाई थी। अल मबूह को पैर में सक्सिनीकोलीन का इंजेक्शन देकर मारा गया था।
-लेडी ग्लोब्स नामक अखबार को दिए इंटरव्यू में महिला जासूसों का कहना था कि उनकी लाइफ बड़ी असाधारण है। उन्हें लगता है कि वे फिल्म में जी रही हैं।
-खुद का नाम याएल बताने वाली एक जासूस का कहना था कि जासूसी की दुनिया में महिलाओं को एक विशेष फायदा मिलता है। वह यह कि पुरुषों की तुलना में उन पर जल्दी भरोसा कर लिया जाता है।
-याएल के अनुसार, किसी प्रतिबंधित क्षेत्र में पुरुष को घुसने की इजाजत न मिले, लेकिन कोई महिला अपनी मुस्कान का इस्तेमाल करके आसानी से वहां प्रवेश कर सकती है।
-एफ्रात नामक स्पाई का कहना था कि हम अपनी फेमिनिटी का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि जासूसी में हर साधन वैध होता है।
-एफ्रात का कहना था कि इसके बावजूद हम लिमिट में रहते हैं। महिला जासूस दुश्मन को फांसने के लिए फ्लर्ट करती हैं, रोमांस करती हैं, लेकिन वे बात सेक्स तक नहीं पहुंचने देतीं। सीक्रेट एजेंसी में सेक्स के इस्तेमाल की मनाही है।
-उस समय मोसाद के चीफ रहे तमिर पार्डो ने मैग्जीन को बताया कि एजेंसी में करीब आधे जासूस महिलाएं हैं।
-पार्डो का कहना था कि महिलाएं कई मामलों में पुरुषों से बेहतर होती हैं। इनमें टेरिटरी को समझना, माहौल को भांपना और शक करते हुए अलर्ट रहना शामिल हैं।


Post a Comment