यहां पिता से युवती की होती है शादी, कच्ची उम्र में ही लड़कियों को दिखाते हैं ऐसे सपने
दुनियाभर में शादी से जुड़ी अनेकों परंपराएं प्रचलित हैं। लेकिन, जिस परंपरा की बात हम कर रहे हैं उसके बारे में आपने शायद ही कभी सुना होगा।
बता दें इस परंपरा के बारे में सुनकर आपको बड़ी हैरानी होगी। क्योंकि यहां बेटियों की शादी के बाद बिदाई नहीं होती। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां बेटियों की शादी बाप से ही होती है।
सुनकर झटका लगा ना... आप सोच रहे होंगे कि भला कौन बाप अपनी ही बेटी से ब्याह रचाना और संबंध बनाना चाहेगा..?
लेकिन यह हकीकत है।
जी हां यहां लड़कियों को कच्ची उम्र में है पिता से शादी के स्वप्न दिखाए जाने लगते हैं। उन्हें ये बताया जाता है कि तुम्हारी शादी तुम्हारे पिता से ही होगी।
बचपन से ये बात सुनकर-सुनकर पली बड़ी लड़कियां भी मन ही मन अपने पिता को ही अपना होने वाला पति स्वीकार कर लेती है। जहां भारत जैसे देश में यह अपराध की श्रेणी में आता है।
वहीं हमारे पड़ोसी देश 'बांग्लादेश' में यह विवाह एक परम्परा के नाम पर प्रचलित है। यहां बेटियों की शादी तो होती है, लेकिन बिदाई नहीं। बांग्लादेश के मंडी जनजाति में यह कुप्रथा प्रचलित है।
शुरुआत से ही इस जाति में शादी अपने पिता से करने की परंपरा रही हैं। जनजाति की एक लड़की ओरोला का कहना है कि जब वह बहुत छोटी थी तभी उसके पिता की मृत्यु हो गयी थी।
तब उसकी मां की दूसरी शादी हो गई थी। तब से वह अपने दूसरे पिता को अपने पति के रुप में देखने लगी थी। वहीं अगर किसी महिला के पति की कम उम्र में मृत्यु हो जाती है, तो उस महिला को अपने पति के परिवार के आदमी से शादी करनी होती है।
माना जाता है कि कम-उम्र का पति नई पत्नी और उसकी बेटी दोनों की सुरक्षा कर सकता है। वहीं इस समय ओरोला के अपने पिता से तीन बच्चे हैं और उसकी मां को दो बच्चे हैं।
भारत और बांग्लादेश में मंडी जनजाति के करीब बीस लाख लोग रहते हैं। इस समुदाय के लोगों को गारो के नाम से भी जाना जाता है।










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