स्कूल में धमकी देकर गया पिता, आधे घंटे बाद बेटे ने की ताबड़तोड़ फायरिंग
स्कूल उड़ाने की धमकी के आधे घंटे बाद ताबड़तोड़ फायरिंग, अंदर थे 1700 बच्चे
यहां के राजकीय हायर मिडिल स्कूल महारावल में बुधवार सुबह 11.30 बजे पिता और बेटे ने टोपीदार राइफल से फायरिंग कर दी। स्कूल में उस वक्त एक प्रोग्राम चल रहा था। स्कूल के 1700 बच्चों समेत डिस्ट्रिक्ट जज भी वहां मौजूद थे। इस फायरिंग में 3 स्टूडेंट्स जख्मी हो गए।
बुधवार सुबह 11.30 बजे राजकीय हायर मिडिल स्कूल महारावल में लीगल लिटरेसी प्रोग्राम चल रहा था। स्कूल में 1700 बच्चे पढ़ते हैं जो प्रोग्राम में बैठे हुए थे, लेकिन 12वीं साइंस-बी के क्लासरूम में कोई चोरी न कर ले, इस कारण 5 बच्चों को मॉनिटरिंग के लिए बैठा रखा था।
- तभी आरोपी जुम्मे खान और उसके बेटे अमजद ने मिलकर स्कूल के कमरे की खिड़की पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। फायरिंग से लोहे की खिड़की में कई छेद हो गए।
- खिड़की के पास बैठे 3 स्टूडेंट बंशीलाल कलासुआ, तुषार यादव और हेमेंद्र कोटेड़ जख्मी हो गए। फायरिंग के बाद अमजद मौक से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी पिता जुम्मे खान को गिरफ्तार कर लिया। उसके घर से दो राइफलें बरामद हुई हैं।
गोली चलाने की घटना से ठीक आधे घंटे पहले हमलावर जुम्मे खान स्कूल में पहुंचा था, जहां उसने स्कूल स्टाफ के साथ गाली-गलौच की। स्कूल के टीचरों ने भी बताया कि वह हर रोज स्कूल में आकर गाली-गलौच करता है।
- इस दौरान धमकाते हुए कहा था कि सभी को गोली से उड़ा दूंगा। ठीक इसके आधे घंटे के बाद वापस लौटा और गोलियां चला दी। इस घटना के बाद एक ओर पूरे शहर में सनसनी फैल गई, वहीं गोली चलाने के बाद भी अपने खेत में आरोपी करीब दो घंटे तक खड़ा रहा। मुआयना करने आई पुलिस के सामने भी उसने अभद्रता की।
- जुम्मे खान स्कूल में पहुंचा था तब प्रोग्राम के दौरान माहौल न बिगड़े, इसे ध्यान में रखते हुए टीचर्स ने समझाइश देकर वहां से रवाना कर दिया था। बाद में वह सीधे ही अपने घर गया, जहां से बंदूक लेकर खेत पहुंचा।
- वहां पहले से ही उसका लड़का अमजद मौजूद था। करीब 11.30 बजे के आसपास लड़के के हाथों बंदूक चलवा दी। इस दौरान लोग अपने घरों से निकल कर सीधे ही स्कूल कैम्पस आने लगे।
दरअसल जुम्मे खान ने स्कूल के बाजू की सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था। यहीं पर उसका एक बगीचा भी है। एडमिनिस्ट्रेशन ने जमीन से अतिक्रमण हटाकर स्कूल को सौंपी थी।
- स्कूल ने उस जमीन पर 12वीं क्लास का रूम बना दिया था। बच्चे बगीचे की दीवार फांदकर भागते थे। इससे वह बच्चों से चिढ़ता था और अक्सर स्कूल में नुकसान होने की बात कहकर गाली-गलौच करता था।
- बुधवार को भी आरोपी जुम्मे खान वहां आया और गाली-गलौच करने लगा। टीचर्स ने समझाने की कोशिश भी की, लेकिन वह नहीं माना। इसी दौरान उसने बंदूक निकाली और फायरिंग शुरू कर दी। कुछ देर बाद उसका बेटा भी बंदूक लेकर आ गया। उसने भी ताबड़तोड़ फायरिंग की और मौके से फरार हो गया।
स्कूल में फायरिंग होने के बाद पूरे शहर में सनसनी फैल गई। एक घंटे के लिए स्कूल पुलिस छावनी बन गया।
- इस बीच अपने बच्चों की खैरियत जानने पेरेंट्स स्कूल के बाहर जमा हो गए और अंदर जाने की जिद करने लगे। पुलिस ने स्कूल का गेट बंद कर दिया। इसके चलते किसी भी पेरेंट्स को अंदर जाने नहीं दिया गया। देखते-देखते ही स्कूल के बाहर करीब 2 हजार से भी ज्यादा लोग इकट्ठे हो गए।
इस घटना के बाद फरार हुए अमजद से पुलिस ने मोबाइल पर बात की। फोन पर ही अमजद ने अपने घर में रखी बंदूकों की लोकेशन बताई। इस पर तुरंत ही पुलिस फराशवाड़ा मोहल्ले में आरोपी के घर पर पहुंची और घर के अंदर से ही दो 12 बोर बंदूकें जब्त की हैं। इसके पहले पुलिस ने लड़के से कहा कि उसके पिता जुम्मे खान को पकड़ लिया है, वह भी आ जाए। हालांकि, इसका उसने कुछ जवाब नहीं दिया। इसके पहले पिता जुम्मे खान को सीधे ही खेत में जाकर पुलिस ने पकड़ा, तब भी पुलिस को उसने भला-बुरा कहा।
पुलिस के मुताबिक, टोपीदार बंदूक का इस्तेमाल आजादी के पहले से किया जाता रहा है। इसका उपयोग वर्ल्ड वॉर I और II में भी हुआ है। टोपीदार बंदूक की खासियत ये है कि ये एक नाल की होती है, जिसमें बारूद भरा जाता है।
मारक क्षमता बढाने के लिए इसकी नाल में बारूद के साथ लोहे की गोलियां और छर्रे भी भरे जाते हैं, जिन्हें भरने के बाद उस पर टोपी लगा दी जाती है। जब टोपीदार बंदूक से फायर किया जाता है, तो बारूद के साथ छर्रे फायर होेने से सामने वाले की जान तक चली जाती है।


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