जेल में बलात्कारियो के साथ रखा गया इस लड़की को,किया ऐसा काम
2016 में मिस यू पी का खिताब अपने नाम करने वाली अपूर्वा वर्मा आखिरकार 23 दिन जेल में बिताने के बाद 1 जुलाई को जेल से बाहर आ गई
अपूर्वा को सीएम योगी आदिनाथ को काला झंडा दिखाने के जुर्म में जेल भेजा गया था अपूर्वा ने बताया की जेल में उनके 23 दिन ऐसे गुजर जैसे वह कोई आतंकवादी हो उनके साथ जेल में इस तरह का बर्ताव किया गया
जिससे कि उन्होंने कोई बड़ा संगीन जुर्म किया हो उन्हें बलात्कारियों और गुंडों के साथ रखा गया था जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि अपूर्वा को जेल में काफी अपमान भी सहना पड़ा.
अपूर्वा ने बताया कि जब उन्हें जेल भेजा गया था तो उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता था
जैसे वह कोई आतंकवादी हो जेल में उनके खाने पीने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था पैसे देने के बावजूद भी उन्हें कैंटीन से खाना नहीं दिया जा सकता था
और ना ही वह उनके घर वालों से मिल सकती थी उन्हें उनके परिवार वालों से मिलने पर पाबंदी लगा दी थी.
सबसे बड़ी और अहम बात उन्होंने यह बताई है की उनके साथ जेल में उन्हें ऐसे बैरक में रखा गया था जहां चोर डाकू गुंडे और बलात्कारियों को रखा जाता था
उस बैरक में वह खुद को असहज महसूस करती थी जिसके डर के चलते वह रात में सो भी नहीं पाती थी
जब अपूर्वा ने इसकी शिकायत की तो उन्हें कहा गया कि आपने इतना संगीन जुर्म किया है आपको तो फांसी भी हो सकती है जब उन्हें
आतंकवादियों जैसा उनके साथ जेल में बर्ताव किया जाता था तो वह खुद को काफी असहज महसूस करती थी
बलात्कारियों और गुंडों के बैरक में रखे जाने के कारण वह रात में सोती भी नहीं थी उन्हें इस बात का डर लगता है कहीं उनके साथ कोई ऊंच-नीच ना हो जाए.
अपूर्वा ने जब जेलर को लिखित शिकायत दी तो उनके पास जवाब आया कि आपने जो जुर्म किया है वह संगीन जुर्म है
आप यदि ज्यादा परेशान करोगे तो आपको आतंकवादियों की जेल में डाल दिया जाएगा जहां पर आप रोशनी के लिए भी तरस जाओगे वहां पर खाने पीने के लिए भी कुछ नहीं दिया जाता वह कालकोठरी होती है
अपूर्वा ने अपने घर वालों को भी चिट्ठी के जरिए शिकायत बताने की कोशिश की लेकिन उनके परिवार वालों तक वह चिट्ठी पहुंच भी नहीं पाई.
अपूर्वा ने बताया कि जब वह जेल में थी तो उनसे मिलने के लिए मुलायम सिंह यादव भी गए थे
साथ ही सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी भी अपूर्वा से मिलने के लिए जेल में गए थे और उनके लिए जेल में बेड शीट कपड़े और अन्य सामान लेकर गए थे
जो सामान नेता जी ने उन्हें देने के लिए कहा गया था वह सामान उन तक पहुंचा ही नहीं जब उन्होंने जेल में न्यूज़पेपर की डिमांड की थी
तो उन्हें कहा गया कि आपने जो अपराध किया है वह आतंकवादियों जैसा है.
इसलिए आपकी किसी भी बात को नहीं सुना जाएगा और आपकी आपके द्वारा मांगी गई कोई भी चीज आपको प्रोवाइड नहीं की जाएगी
जब उन्होंने अच्छे खाने के लिए भूख हड़ताल करी तो उन्हें जेल में धमकियां मिलने लगी यदि हमने यह हड़ताल की तो हम पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और इसके अंतर्गत आप की बेल भी नहीं हो पाएगी.
खाने की वजह से जब 19 तारीख को अपूर्वा की तबीयत बिगड़ने लगी तो साथियों ने जेलर से कहा कि इसे हॉस्पिटल में एडमिट करने के लिए भेजा जाए
तो जेलर नहीं सख्त रवैया अपनाते हुए कहा जिसे मरना हो वह मर जाए कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन यहां से हॉस्पिटल कोई नहीं जाएगा.


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