भालू को तीन किलो की जीभ से ऐसे मिला छुटकारा
म्यांमार के एक मोनेस्ट्री में न्यान तू नाम के एक भालू की जान उसकी तीन किलो की जीभ काट कर बचाई गई. इस दौरान भालू को चार बड़े ऑपरेशन से गुजरना पड़ा.
भालू की जीभ एक बीमारी की वजह से अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगी थी जिसकी वजह से उसकी उसकी जीभ को काट कर अलग करना पड़ा.
दरअसल, दो भालुओं के जोड़ों को गैरकानूनी तरीके से चीन में भेजा जा रहा था लेकिन बुद्ध संतों ने किसी तरह अवैध तस्करी से भालुओं को बचा लिया.
भालूओं को संरक्षण में लेने के बाद ही मोनेस्ट्री के लोगों को यह बात पता चल गई कि न्यान तू किसी अनजान बीमारी से जूझ रहा है जिसमें उसकी जीभ में कोई समस्या है.
बीमारी के बढ़ जाने के बाद विशेषज्ञों की एक टीम को ये बात पता चली कि अगर न्यान तू को बचाना है तो उससे उसकी जीभ को काट कर अलग करना पड़ेगा.
2016 में पहली बार न्यान तू की जीभ से पत्थरनुमा गाठों को अलग किया गया लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी जीभ अप्रत्याशित तरीके से बढ़ने लगी और इस हद तक बढ़ गई कि जीभ जमीन तक लटकने लगी.
डॉक्टर्स का मानना था कि न्यान तू की जीभ मच्छर जनित संक्रमण की वजह से बढ़ रही थी, इस संक्रमण जनित रोग को श्लीपद या फीलपांव भी कहते हैं.
यह संक्रमण तो म्यांमार के लोगों में तो बहुत आम है लेकिन भालुओं में यह अपनी तरह का पहला केस है. दुनिया भर के चिकित्सकों के सहयोग से यह ऑपरेशन सफल रहा और अब न्यान तू का स्वास्थ्य में अब सुधार हो रहा है, उम्मीद करते हैं कि जल्द ही न्यान तू सामान्य जीवन जीने लगेगा.

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