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युवराज सिंह को हाई-कोर्ट ने दिया झटका, इस मामले में हाथ लगी निराशा


भारतीय क्रिकेट टीम के सिक्सर किंग युवराज सिंह को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से मायूसी मिली है। युवराज ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा था किउनके छोटे भाई जोरावर सिंह के वैवाहिक विवाद पर मीडिया में समाचार प्रकाशित किए जाने पर रोक लगाई जाए,

लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया। याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस राजन गुप्ता ने कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है, इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।

युवराज सिंह ने जून 2015 में यह याचिका दायर की थी। तब से अब तक 19 सुनवाई हुई, लेकिन हाई कोर्ट ने किसी पक्ष को नोटिस जारी नहीं किया था। याचिका पर पहली सुनवाई पर ही कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर महज इस अंदेश के कारण कि मीडिया में समाचार प्रकाशित होने से उनकी साख खराब होगी, रोक नहीं लगाई जा सकती है।

युवराज सिंह, उनकी मां शबनम सिंह और जोरावर सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर उनके पारिवारिक मसले पर मीडिया की दखलअंदाजी का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

बताया जा रहा है कि जोरावर की पत्नी के परिजन उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ऐसा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए

जिससे साबित हो कि इस मामले में मीडिया संयम से काम नहीं ले रहा है। संविधान में हर किसी को अपनी बात कहने की आजादी है, बशर्ते वह एक सीमा में हो। याचिकाकर्ता के ससुराल वाले अगर कोई प्रेस वार्ता करते हैं तो मीडिया के प्रकाशित करने पर रोक कैसे लगाई जा सकती है।