टॉर्चर स्टेट से इस हाल में लौटा ये शख्स, अंधा-बहराकर दांत तक तोड़ डाले
अमेरिकी स्टूडेंट ओट्टो वॉर्मबियर के पेरेंट्स ने अपने बेटे का दिल दहला देने वाला आखिरी हाल बयां किया है। ओट्टो इसी साल जुलाई में नॉर्थ कोरिया के चंगुल से छूटकर अमेरिका लौटा था। 17 महीने की कस्टडी के दौरान उसे इस कदर टॉर्चर किया गया था कि उसकी आंखें, सुनने की क्षमता और मुंह के दांत तक चले गए थे। वो कोमा की हालत में स्ट्रेचर पर लौटा था और कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था।
पेरेंट्स फ्रेड और सिंडी ने फॉक्स न्यूज को बताया कि जब ओट्टो को लाने वाला प्राइवेट मेडिकल प्लेन एयरपोर्ट पर उतरा, तो उससे भयानक आवाजें आ रही थीं।
- उन्होंने बताया कि जब वो प्लेन पर चढ़ रहे थे, तब आधी ही सीढ़ियों पर से उन्हें ये भयानक आवाजें सुनाई देनी शुरू हो गई थीं।
- उन्हें थोड़े ही देर में इस बात का अहसास हो गया कि वो उनके बेटे ओट्टो की हैं, जो स्ट्रेचर पर था और झटके मार रहा था।
- फ्रेड ने बताया कि ओट्टो के सिर के बाल उतरे हुए थे और नाक से ट्यूब के जरिए उसे फीड कराया जा रहा था।
- फ्रेड के मुताबिक, उसकी आंखों की रोशनी जा चुकी थी। उसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था और उसके दांत भी टूटे हुए थे।
- मां सिंडी ने बताया कि नॉर्थ कोरिया ने उसे रिलीज करते हुए सिर्फ ये कहा गया था कि उसका ब्रेन डैमेज हुआ है।
- उन्होंने कहा कि उसकी चोट असल में बहुत भयानक थी और नॉर्थ कोरिया के दावे से अलग थीं, जिनके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।
- ओट्टो के पेरेंट्स ने कहा कि उसने अपने आखिरी दिन चिल्लाते और तड़पते ही बिता दिए और 19 जून को सिनसिनाती मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया।
- ओट्टो करीब 17 महीने बाद 13 जून के अपने देश अमेरिका लौटा था। उसे कोमा की हालत में नॉर्थ कोरिया ने रिहा किया था।

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